महिलाओं में इस परेशानियों के रिस्क फैक्टर्स में ओरल कंट्रासेप्टिव, प्रेग्नेंसी या पोस्टपार्टम पीरियड और हॉर्मोन थेरेपी आदि शामिल हैं। अब बात करते हैं पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) के रिस्क फैक्टर के बारे में बात करते हैं, जो इस प्रकार हैं:
उम्मीद है कि ब्लड क्लॉट्स का हेल्थ पर प्रभाव (Health effects of blood clots) के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानते हैं कि इन दोनों समस्याओं का निदान और उपचार कैसे होता है?
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डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) और पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) का कैसे संभव है निदान?
ब्लड क्लॉट्स का निदान रोगी के लक्षणों के साथ ही किया जाता है। इसके साथ ही रोगी से डॉक्टर उनकी मेडिकल हिस्ट्री, उम्र, मेडिकेशन्स और खास लाइफस्टाइल फैक्टर्स के बारे में जानते हैं। डॉक्टर रोगी को लेग्स का डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler ultrasound) कराने की सलाह देंगे। इसके साथ ही कुछ खास टेस्ट्स भी कराए जा सकते हैं। अगर डॉक्टर को रोगी में पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) का संदेह होता है तो वो कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी (Computed Tomography Angiography) कराने के लिए भी कह सकते हैं। अब जानिए कैसे संभव है इन समस्याओं का उपचार?
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जानिए कैसे हो सकता है इन समस्याओं का उपचार?
जैसा की पहले ही बताया गया है कि ब्लड क्लॉट्स की समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में इनका सही उपचार होना बेहद जरूरी है। आइए जानें किस तरह से हो सकता है इनका उपचार?
डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) का उपचार
यह तो थी जानकारी ब्लड क्लॉट्स का हेल्थ पर प्रभाव (Health effects of blood clots) के बारे में। डीप वेन थ्रोम्बोसिस के निदान के बाद इन उपचार के विकल्पों से ब्लड क्लॉट्स को बनने से रोका जा सकता है:
लंबे समय तक गतिहीन रहने के बाद रोगी को घूमने या व्यायाम करने का भी निर्देश दिया जाता है। अब जानिए एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) के उपचारों के बारे में।

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एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) का उपचार
यह एक जानलेवा कंडिशन है, जिसमें तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत हो सकती है। डॉक्टर इस क्लॉट को बड़े होने, ब्रेक होने, लंग तक ट्रेवल करने और अन्य क्लॉट के बनने से रोक सकते हैं। इसका ट्रीटमेंट इस प्रकार संभव है:
- एंटीकोआगुलेंट्स (Anticoagulants) का इस्तेमाल, ताकि क्लॉट्स को तोडा जा सकता है और नए क्लॉट्स को बनाने से रोका जा सके जैसे हेपरिन (heparin)।
- कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स, लेग्स, चेस्ट, बाजू आदि के लिए ऐसे गारमेंट्स का इस्तेमाल करने जिसमें कंप्रेस्ड एयर भरी जा सके। जिससे ब्लड फ्लो बढ़ने में मदद मिलती है।
- थ्रंबोलिटिक थेरेपी (Thrombolytic Therapy)
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गंभीर मामलों में जब दवाइयां काम नहीं करती हैं, तो सर्जरी की जरूरत हो सकती है। उम्मीद है कि ब्लड क्लॉट्स का हेल्थ पर प्रभाव (Health effects of blood clots) के बारे में आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। यह समस्या गंभीर और कई बार जानलेवा भी हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आपको ब्लड क्लॉट्स का रिस्क है तो आप मूव करते रहें, सही आहार का सेवन करें और अपने वजन को संतुलित बनाए रखें। इसके साथ ही डॉक्टर से दवाईयों और लाइफस्टाइल में बदलाव के बारे में बात करें। अगर आपके मन में ब्लड क्लॉट्स का हेल्थ पर प्रभाव के बारे में कोई भी सवाल है तो तुरंत डॉक्टर से उसे पूछें।