उम्र कार्डिएक या रेस्पिरेटरी फेलियर ओरल कंट्रासेप्टिव कुछ इनहेरिटेड या मौजूदा ब्लड कंडिशंस गर्भवती होना या हाल ही में डिलीवरी होना उम्मीद है कि ब्लड क्लॉट्स का हेल्थ पर प्रभाव (Health effects of blood clots) के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानते हैं कि इन दोनों समस्याओं का निदान और उपचार कैसे होता है?
और पढ़ें: हार्ट हेल्थ के लिए बीन्स और दालें हो सकती हैं बेहद फायदेमंद, जान लीजिए इनके नाम
डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) और पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) का कैसे संभव है निदान?
ब्लड क्लॉट्स का निदान रोगी के लक्षणों के साथ ही किया जाता है। इसके साथ ही रोगी से डॉक्टर उनकी मेडिकल हिस्ट्री, उम्र, मेडिकेशन्स और खास लाइफस्टाइल फैक्टर्स के बारे में जानते हैं। डॉक्टर रोगी को लेग्स का डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler ultrasound) कराने की सलाह देंगे। इसके साथ ही कुछ खास टेस्ट्स भी कराए जा सकते हैं। अगर डॉक्टर को रोगी में पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) का संदेह होता है तो वो कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी (Computed Tomography Angiography) कराने के लिए भी कह सकते हैं। अब जानिए कैसे संभव है इन समस्याओं का उपचार?
और पढ़ें: हार्ट हेल्थ को रखना है दुरस्त, तो ये मुद्राएं आ सकती हैं आपके काम!
जानिए कैसे हो सकता है इन समस्याओं का उपचार?
जैसा की पहले ही बताया गया है कि ब्लड क्लॉट्स की समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में इनका सही उपचार होना बेहद जरूरी है। आइए जानें किस तरह से हो सकता है इनका उपचार?
डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) का उपचार
यह तो थी जानकारी ब्लड क्लॉट्स का हेल्थ पर प्रभाव (Health effects of blood clots) के बारे में। डीप वेन थ्रोम्बोसिस के निदान के बाद इन उपचार के विकल्पों से ब्लड क्लॉट्स को बनने से रोका जा सकता है: