कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) को मायोकार्डियम (Myocardium) भी कहा जाता है। यह वो खास मसल टिश्यूज होते हैं, जो हार्ट बनाते हैं। यह मसल टिश्यू इंवॉलन्टरिली कॉन्ट्रैक्ट और रिलीज होते हैं व हार्ट को शरीर के चारों ओर ब्लड पंप करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। हमारे शरीर में तीन विभिन्न प्रकार के मसल टिश्यूज होते हैं जिन्हें स्केलेटल, स्मूद और कार्डिएक के नाम से जाना जाता है। सिर्फ कार्डिएक मसल टिश्यू जिसमें मायोसाइट्स नामक कंपराइजिंग सेल्स होते हैं वो ही हार्ट में मौजूद होती है। आइए, जानें कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) के बारे में विस्तार से।
कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) यानी मायोकार्डियम किसे कहा जाता है?
मसल वो फाइबर्स टिश्यू है, जो मूवमेंट प्रोड्यूज करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट होते हैं। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि शरीर में तीन तरह के मसल टिश्यू होते हैं। इनमें से कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) हायली आर्गनाइज्ड होते हैं और उनमें कई तरह के सेल्स होते हैं जिसमें फायब्रोब्लास्ट्स (Fibroblasts), स्मूद मसल सेल्स (Smooth muscle cells) और कार्डियोमायोसाइट्स (Cardiomyocytes) शामिल हैं। कार्डिएक मसल्स सिर्फ हार्ट में पाए जाते हैं और इनमें कार्डिएक मसल सेल्स होते हैं। जो अत्यधिक कोऑर्डिनेटेड एक्शन्स करते हैं, जिससे हार्ट में ब्लड पंप होता है और पूरे शरीर में रक्त का संचार होता है।
स्केलेटल मसल्स टिश्यूज आर्म्स और लेग्स में मौजूद होते हैं। इन टिश्यूज के विपरीत कार्डिएक मसल टिश्यूज (Cardiac muscle tissue) का उत्पादन इन्वॉलन्टरी होता है। इसका अर्थ है कि यह ऑटोमेटिक होते हैं और इन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता। आइए जाने कार्डिएक मसल टिश्यू कैसे काम करते हैं?
और पढ़ें: डायबिटिक पेशेंट्स में कार्डिएक रिस्क होने पर एक्सरसाइज करने इस तरह से हो सकता है असर!
यह मसल टिश्यू कैसे काम करते हैं?
हार्ट में विशेष प्रकार के कार्डिएक टिश्यू भी होते हैं जिनमें “पेसमेकर” कोशिकाएं होती हैं। ये नर्वस सिस्टम से इलेक्ट्रिकल इम्पल्सीस के रिस्पांस में कॉन्ट्रैक्ट और एक्सपैंड होते हैं। पेसमेकर सेल्स इलेक्ट्रिकल इम्प्लसेस या एक्शन पोटेंशियल्स को जेनरेट करते हैं, जो मसल्स सेल्स को कॉन्ट्रैक्ट और रिलैक्स होने को कहते हैं। यह पेसमेकर सेल्स हार्ट रेट को कंट्रोल करते हैं और यह पता लगाते हैं कि हार्ट कितनी तेजी से ब्लड पंप करता है। अब जानिए इसके स्ट्रक्चर के बारे में।
और पढ़ें: आपके दिल की समस्या कहीं बन जाए कार्डिएक टैम्पोनेड, इन लक्षणों की तरफ ध्यान दें….
कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) का स्ट्रक्चर?
कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) को स्ट्रेंथ और फ्लेक्सिबिलिटी इसके इंटरकनेक्टेड कार्डिएक मसल सेल्स और फाइबर्स से मिलती है। अधिकतर मसल्स सेल्स में एक न्यूक्लियस होता है लेकिन कुछ में यह दो होते हैं। न्यूक्लियस में सेल्स के सभी जेनेटिक मटेरियल होते हैं। कार्डिएक मसल सेल्स में माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) भी होता है, जिसे अधिकतर लोग “सेल्स का पावरहाउस कहते हैं। ये ऐसे ऑरगॅनेल्स (organelles) हैं, जो ऑक्सीजन और ग्लूकोज को एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (Adenosine triphosphate) के रूप में एनर्जी में परिवर्तित करते हैं। कार्डिएक मसल सेल्स माइक्रोस्कोप में देखने पर स्ट्राइप्ड यानी धारीदार लगते हैं। ये स्ट्राइप्स अल्टेरनेटिंग फिलामेंट्स के कारण होती हैं, जिनमें मायोसिन (Myosin) और एक्टिन प्रोटीन (Actin proteins) होते हैं।
गहरे रंग की धारियां मोटे फिलामेंट्स को दर्शाती हैं, जिनमें मायोसिन प्रोटीन होता है। पतले, हल्के फिलामेंट्स में एक्टिन होता है। जब कार्डिएक मसल सेल्स कॉन्ट्रैक्ट होते हैं तो मायोसिन फिलामेंट, एक्टिन फिलामेंट्स को एक दूसरे की तरफ खींचता है, जो सेल्स के श्रिंक होने का कारण बन सकता है। एक सिंगल मायोसिन फिलामेंट दोनों तरफ दो एक्टिन फिलामेंट से जुड़ता है। यह मसल टिश्यू की सिंगल यूनिट बनाता है, जिसे सार्कमेयर (Sarcomere) कहा जाता है।
इंटरकलेटेड डिस्कस, कार्डिएक मसल सेल्स को जोड़ती है। इंटरकलेटेड डिस्क के अंदर गैप जंक्शंस एक कार्डिएक मसल सेल्स यानी मायोकार्डियम से दूसरे में इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेस को रिलीज करते हैं।
डेसमोसोमस (Desmosomes) इंटरकलेटेड डिस्क के भीतर मौजूद अन्य स्ट्रक्चर हैं। ये कार्डिएक मसल फाइबर को एक साथ रखने में मदद करते हैं। अब जानते हैं कि कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) को किन कंडिशंस से प्रभाव पड़ता है?
और पढ़ें: कार्डिएक कैथेटेराइजेशन: कई प्रकार की हार्ट डिजीज का पता लगाने के लिए किया जाता है ये टेस्ट
कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) को कौन सी कंडिशंस प्रभावित करती हैं?
कार्डियोमायापैथी (Cardiomyopathy) उन मुख्य कंडिशंस में से एक है जो हमारे कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) को प्रभावित करती है। यह वो रोग है जिसमें रोगी के हार्ट के लिए ब्लड पंप करने हार्ड हो जाता है। इस स्थिति के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- सांस लेने में समस्या होना
- थकावट
- टांगों, एड़ियों और पैरों में सूजन
- पेट या गर्दन में इंफ्लेमेशन
- इर्रेगुलर हार्टबीट
- चक्कर आना
फैक्टर्स जो किसी व्यक्ति में कार्डियोमायोपैथी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, इस प्रकार हैं:
- डायबिटीज
- थायरॉइड डिजीज
- कोरोनरी हार्ट डिजीज
- हार्ट अटैक
- क्रॉनिक हाय ब्लड प्रेशर
- वायरल इंफेक्शंस जो हार्ट मसल को प्रभावित कर सकता है
- वैलव्युलर हार्ट डिजीज
- अधिक एल्कोहॉल का सेवन
- कार्डियोमायोपैथी की फैमिली हिस्ट्री होना
और पढ़ें: कार्डिएक अरेस्ट से बचाव के लिए अपनाएं ये तकनीक
ब्लॉक्ड आर्टरी के कारण हार्ट अटैक के कारण हार्ट के कुछ एरियाज में ब्लड सप्लाई में कमी हो सकती है। आखिरकार, इन एरियाज में कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) नष्ट होना शुरू हो जाते हैं। कार्डिएक मसल टिश्यू तब भी नष्ट हो सकते हैं, जब हार्ट की ऑक्सीजन डिमांड, ऑक्सीजन की सप्लाई से अधिक हो। यह ब्लडस्ट्रीम में ट्रोपोनिन (Troponin) जैसे कार्डिएक प्रोटीन (Cardiac proteins) की रिलीज का कारण बनता है। कार्डियोमायोपैथी के कुछ प्रकार इस तरह हैं:
- डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated Cardiomyopathy)
- हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy)
- रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy
- एरिथमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर डिसप्लेसिया (Arrhythmogenic Right Ventricular Dysplasia)
अब जानिए हेल्दी कार्डिएक मसल टिश्यू पाने के कुछ टिप्स क्या हैं?
और पढ़ें: कार्डिएक एंजाइम्स (Cardiac Enzymes) टेस्ट कब किया जाता है?
हेल्दी कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) के टिप्स के बारे में जानें
रोजाना कार्डियो यानी एरोबिक एक्सरसाइज करने से कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) मजबूत होते हैं और इससे हार्ट और लंग्स को हेल्दी रहने में भी मदद मिलती है। एरोबिक एक्टिविटीज में लार्ज स्केलेटल मसल्स की मूवमेंट भी शामिल है, जिससे रोगी को तेजी से ब्रीद करने और फास्ट हार्टबीट में मदद मिलती है। इस तरह की एक्टिविटीज करने से हार्ट को अधिक एफिशिएंट बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। एरोबिक एक्सरसाइज के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- रनिंग या जॉगिंग (Running or jogging)
- वॉकिंग या हाईकिंग (Walking or hiking)
- साइकिलिंग (Cycling)
- स्विमिंग (Swimming)
- जंपिंग रोप (Jumping rope)
- डांसिंग (Dancing)
- जंपिंग जैक (Jumping jacks)
- क्लाइम्बिंग स्टेयर्स (Climbing stairs)
इसके साथ ही एक्सपर्ट हर व्यक्ति को नियमित कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी की सलाह देते हैं। यानी, हर व्यक्ति को दिन में कम से कम तीस मिनट एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी के लिए निकालना ही चाहिए। इससे संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में मदद मिलती है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टरों से बात कर सकते हैं।
और पढ़ें: जानिए कोरोनरी आर्टरी डिजीज से बचाने में कैसे मदद करते हैं कार्डिएक स्टेंट
यह तो थी कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) के बारे में जानकारी। यह एक खास, ऑर्गेनाइज्ड प्रकार का टिश्यू है, जो केवल हार्ट में मौजूद होता है। यह हार्ट को पंप करने और शरीर में ब्लड सर्कुलेटिंग को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। यह मसल यानी मायोकार्डियम में वो सेल्स होते हैं जो नर्वस सिस्टम से इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेस के रिस्पांस में एक्सपैंड और कॉन्ट्रैक्ट होते हैं। यह सेल्स रदमीक, वेव जैसी कॉन्ट्रैक्शन यानी हार्टबीट को प्रोड्यूस करने के लिए एक साथ काम करते हैं। नियमित एरोबिक एक्सरसाइज करने से कार्डिएक मसल टिश्यू (Cardiac muscle tissue) को मजबूत करने और हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य कार्डियोवैस्कुलर कंडिशंस के रिस्क को कम करने में मदद मिलती है। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो, तो डॉक्टर से बात करना न भूलें।
आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-heart-rate]