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सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज: इन 7 बीमारियों के बारे में जानना है जरूरी

सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज: इन 7 बीमारियों के बारे में जानना है जरूरी

ब्लड सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory system) को कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (Cardiovascular system) भी कहा जाता है। जिसमें हार्ट और ब्लड वेसल्स शामिल होती हैं। बॉडी के काम करने के लिए ये दोनों बेहद आवश्यक है। अच्छी तरह काम करने वाला सिस्टम ऑक्सिजन, पोषक तत्वों और इलेक्ट्रोलाइट्स और हॉर्मोन्स को पूरी बॉडी में पहुंचाता है। किसी प्रकार का ब्लॉकेज या बीमारी जो हार्ट की पंपिंग को प्रभावित करती है और कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकती है। जिसमें हार्ट डिजीज और स्ट्रोक शामिल हैं। ब्लड सर्क्युलेटरी सिस्टम के प्रभावित होने से जो बीमारियां होती हैं उन्हें सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) कहते हैं। इस आर्टिकल में जानिए सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज कौन सी हैं और उनके लक्षण क्या हैं?

1.एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)

यह बीमारी सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) में शामिल है। इसे आर्टरीज के सख्त होना भी कहते हैं। यह स्थिति तब बनती है जब आर्टरीज के दीवार पर प्लाक बिल्ड हो जाता है और ब्लड के फ्लो को ब्लॉक कर देता है। प्लाक का निमार्ण कोलेस्ट्रॉल, फैट और कैल्शियम से होता है। प्लाक के बिल्ड अप होने से आर्टरीज संकरी और सख्त हो जाती हैं। ब्लड क्लॉट्स भी आर्टरीज को ब्लॉक कर सकते हैं।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज टाइम धीरे-धीरे डेवलप होती हैं। इनके लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। समय के साथ सीने में दर्द या भारीपन का एहसास होता है। जब ब्लड वेसल्स सख्त हो जाती हैं तो ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे हार्ट और किडनी डैमेज के साथ ही स्ट्रोक भी हो सकता है।

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2.मायोकार्डियल इंफ्रैक्शन (Myocardial infarction) (MI)

मायोकार्डियल’ यानी की हार्ट मसल्स और ‘इंफ्रेक्शन’ का मतलब होता है ब्लड फ्लो में ब्लॉकेज। जिसकी वजह से मसल्स टिशूज डैमेज हो जाते हैं और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। ब्लॉकेज हार्ट मसल्स की आर्टरीज में ही हो सकता है। मायोकार्डियल इंफ्रैक्शन का मरीज टिशूज के डैमेज के आधार पर सर्वाइव कर सकता है, लेकिन टिशूज अधिक मात्रा में डैमेज हो चुके हैं, तो मृत्यू तक हो सकती है।

3.हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases)

आर्टरीज के द्वारा ब्लड को पंप करने के लिए कितने फोर्स का प्रयोग किया जाता है इसका मेजरमेंट ब्लड प्रेशर कहलाता है। यदि ब्लड प्रेशर हाय है तो इसे हायपरटेंशन कहा जाता है। इसका मतलब है कि फोर्स जितना होना चाहिए उससे ज्यादा है। हाय ब्लड प्रेशर हार्ट को डैमेज करने के साथ ही हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। हायपरटेंशन के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।

4.स्ट्रोक (Stroke)

स्ट्रोक तब होता है जब एक ब्लड क्लॉट ब्रेन में मौजूद आर्टरी को ब्लॉक कर देता है जिससे ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। ऐसा तब भी हो सकता है जब ब्रेन की ब्लड वेसल्स टूट जाती हैं। ये दोनों स्थितियां ब्लड और ऑक्सीजन को ब्रेन तक पहुंचने से रोकती हैं। जिसके परिणामस्वरूप ब्रेन के हिस्से डैमेज हो जाते हैं। स्ट्रोक को इमरजेंसी में मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है।

5.पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral artery disease)

यह एक क्रोनिक डिजीज है जिसमें पैरों की आर्टरीज में धीरे-धीरे प्लाक का बिल्ड अप होता है। जिससे आर्टरीज में ब्लड फ्लो बहुत कम होता है या ब्लॉक हो जाता है। आर्टरीज के संकरा होने से हाथों और पैरों (सामान्य तौर पर पैरों) को डिमांड के अनुसार ब्लड फ्लो नहीं मिल पाता। ऐसा होने पर कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं जिसमें चलने पर पैर दर्द होना शामिल है। यह एक कॉमन सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) है। पेरिफेरल आर्टियल डिजीज अक्सर एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के कारण होती हैं। इस कंडिशन में आर्टरी वाल्स में फैट डिपोजिट हो जाता है जिससे ब्लड फ्लो में कमी आती है।

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6.हार्ट फेलियर (Heart Failure)

सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) में हार्ट फेलियर भी शामिल है। इसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर भी कहा जाता है। हार्ट फेलियर तब होता है जब हार्ट की मसल्स कमजोर और डैमेज हो जाती हैं। इस स्थिति में हार्ट बॉडी की जरूरत के हिसाब से ब्लड को पंप नहीं कर पाता। सामान्य तौर पर हार्ट फेलियर तब होता है जब पहले से मरीज को दूसरी हार्ट से जुड़ी समस्याएं हों। जिसमें हार्ट अटैक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज शामिल हैं। इसके लक्षणों में एड़ियों में सूजन, रात को ज्यादा पेशाब लगना, थकान आदि है। गंभीर लक्षणों में तेजी से सांस चलना, बेहोश होना और सीने में दर्द शामिल है।

7.एंजाइना पेक्टोरिस (Angina Pectoris)

यह भी एक सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) है। यह स्थिति तब बनती है जब हार्ट की मसल्स (Heart Muscle) उतना ब्लड प्राप्त नहीं कर पाती जितनी उनको जरूरत होती है। ऐसा सामान्य तौर पर तब होता है जब एक या उससे ज्यादा हार्ट आर्टरीज नैरो या ब्लॉक हो जाती हैं। एंजाइना (Angina) के कारण सीने में दबाव, भारीपन और सीने के बीच में दर्द का अनुभव होता है। इसके साथ ही गले, जबड़े, कंधे और पीठ में असहजता का एहसास होता है। इसके लिए कुछ निश्चित फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं जिसमें एथेरोस्केलेरोसिस (आर्टरीज का संकरा होना) शामिल है। जिसमें हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। आर्टरीज उस समय संकरी और सख्त हो जाती है जब प्लाक आर्टरीज वॉल के अंदर जम जाता है।

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क्या सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज को रोका जा सकता है? (Prevention tips for circulatory system diseases)

जबकि वैज्ञानिक भी यह नहीं जानते हैं कि इन सभी बीमारियों के कारण क्या हैं? फिर भी कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिनका ध्यान रखकर व्यक्ति इन बीमारियों को विकसित होने के रिस्क को कम कर सकता है।

  • कई सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। उदाहरण के लिए, उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे अन्य सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज हो सकती हैं।
  • हाय कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से रक्त का थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है।
  • अधिक वजन या मोटापा होने से भी सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, हेल्दी डायट और एक्टिव रहने से जोखिम कम हो सकता है।
  • नियमित व्यायाम उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और अधिक वजन के जोखिम को कम करके हृदय को स्वस्थ रखता है – ये सभी सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज के जोखिम कारक हैं।
  • जिन लोगों के परिवार के सदस्यों में सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) होती हैं, उनमें ये बीमारियां विकसित होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि, इस जोखिम को एक स्वस्थ जीवन शैली के साथ कम किया जा सकता है।
  • स्वस्थ जीवन शैली में कम फैट वाला खाना और रेगुलर एक्सरसाइज को शामिल करना जरूरी है। खाने में हरी सब्जियां और साबुत अनाज को भी शामिल करें। यह हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। सीजनल फलों को भी डायट का हिस्सा बनाएं।

क्या धूम्रपान से सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज का खतरा बढ़ जाता है? (Does smoking increase the risk of circulatory diseases)

सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज

सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) के विकास के लिए धूम्रपान एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। तंबाकू में जहरीले पदार्थ रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण और नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ जाता है और सर्कुलेशन बिगड़ जाता है। इसलिए अगर आप इन बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो स्मोकिंग आज से ही बंद कर दीजिए। वैसे भी ओवरऑल हेल्थ के लिए स्मोकिंग हानिकारक है।

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उम्मीद करते हैं कि आपको सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) कौन सी हैं इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

21/02/2022

Manjari Khare द्वारा लिखित

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Nikhil deore

Updated by: Nikhil deore


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Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

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