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कोरोनरी आर्टरी डिजीज की कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं जानलेवा, इन्हें नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज की कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं जानलेवा, इन्हें नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) की बीमारी तब होती है, जब हार्ट के मेजर ब्लड वेस्ल्स डैमेज हो जाते हैं या उनमें कोई समस्या होती है। कोरोनरी आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल कंटेनिंग डिपॉजिट्स (जिन्हें प्लाक कहा जाता है) और सूजन को कोरोनरी आर्टरी डिजीज का कारण माना जाता है। कोरोनरी आर्टरीज हार्ट तक ब्लड, ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स की सप्लाई करती हैं। प्लाक के बनने से आर्टरीज तंग हो जाती है और इससे हार्ट तक ब्लड फ्लो कम हो जाता है। ब्लड फ्लो के कम होने से एंजाइना, सांस लेने में परेशानी और अन्य कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) हो सकती हैं। इनके पूरी तरह से बंद होने पर हार्ट अटैक जैसी जानलेवा कंडीशन की संभावना भी बढ़ जाती है। आज हम बात करने वाले हैं कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) कौन सी हैं, इसके बारे में। सबसे पहले जानते हैं कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) के कारण क्या हैं?

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण (Coronary Artery Disease)

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease), आर्टरीज की वॉल्स (Arteries Walls) में बनने वाले प्लाक को कहा जाता है। यह आर्टरीज हार्ट और शरीर के अन्य हिस्सों तक ब्लड की सप्लाई करती हैं। यह प्लाक आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल और अन्य चीजों के जमा होने से बनते हैं। जब यह प्लाक आर्टरीज के अंदर बनते हैं, तो आर्टरीज समय के साथ तंग हो जाती हैं और इससे ब्लड फ्लो थोड़ी या पूरी तरह से ब्लॉक हो सकती हैं। इनके ब्लॉक होने से कई हार्ट संबंधी रोग हो सकते हैं। अब जान लेते हैं  कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) क्या हैं और यह किस तरह से रोगी को प्रभावित कर सकती हैं?

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication)

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) बेहद गंभीर स्थिति है, जो रोगी के लिए जानलेवा हो सकती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार इसके रिस्क फैक्टर्स में वजन का अधिक बढ़ना, अनहेल्दी आहार, शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अगर किसी की फैमिली में हार्ट डिजीज (Heart Disease) की हिस्ट्री है या उम्र पचास साल से अधिक है तो आपको यह समस्या होने का जोखिम अधिक होगा। इसके जोखिमों के बारे में जानने के लिए रोगी को नियमित रूप से अपने कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की जांच करानी चाहिए। अब जानिए कोरोनरी आर्टरी डिजीज समस्याओं के (Coronary Artery Disease complication) बारे में विस्तार से?

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस में शामिल है हार्ट फेलियर (Heart failure)

    समय के साथ कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) हार्ट फेलियर का कारण बन सकती है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस में से यह एक है। हार्ट फेलियर का अर्थ यह है कि रोगी का हार्ट अन्य शरीर के भागों तक पर्याप्त खून पंप नहीं कर पा रहा है। जब ऐसा होता है तो ब्लड वापिस चला जाता है और लंग्स में फ्लूइड भर  सकता है। जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं :

  • सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
  • टांगों, लिवर और पेट में सूजन (Swelling in Legs, liver and Abdomen)
  • थकावट और कमजोरी  (Fatigue and Weakness)
  • हार्टबीट का तेज या असामान्य  होना (Rapid or irregular Heartbeat)
  •  छाती में दर्द (Chest Pain)
  • कुछ हेल्थ कंडीशंस भी हार्ट की आर्टरीज को तंग करने या हाय ब्लड प्रेशर  का कारण बन सकती हैं। हार्ट फेलियर के सही उपचार से इसके लक्षणों में सुधार हो सकता है और व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। इसके उपचारों में दवाईयां और सर्जरीज आदि शामिल हैं। इसके साथ ही इसमें वजन को संतुलित रखना, व्यायाम करना, आहार में सोडियम की मात्रा को कम करना और स्ट्रेस को मैनेज करना आदि भी शामिल है। जिससे रोगी के जीवन की गुणवत्ता बढ़ सकती है। यही नहीं, हार्ट फेलियर (Heart Failure) से बचने का एक तरीका है उन स्थितियों से बचना और उन्हें कंट्रोल करना, जो इसका कारण बन सकती हैं जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease), हाय ब्लड प्रेशर (Heart Blood Pressure), डायबिटीज (Diabetes)और मोटापा (Obesity) आदि।

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस में एब्नार्मल हार्टबीट (Abnormal heartbeat)

    एक एब्नार्मल हार्टबीट को हार्ट एरिथमिया (Heart Arrhythmias) कहा जाता है। यह समस्या तब होती है जब इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेस (Electrical impulses) जो हार्ट बीट्स को कोऑर्डिनेट करती हैं। सही से काम नहीं कर पाती हैं। इसके कारण हार्ट बहुत फास्ट, स्लो या इर्रेगुलर तरीक़े से बीट करता है इस समस्या में रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे हार्ट बहुत तेजी से धड़क रहा है। इस रोग से पीड़ित लोगों को अधिकतर कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन कई बार यह रोग जान के लिए जोखिमभरा हो सकता है। हार्ट एरिथमिया (Heart Arrhythmias) के सही उपचार से फास्ट, स्लो या असामान्य हार्टबीट को कंट्रोल किया जा सकता है और इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि कई लोगों में यह समस्या बदतर भी हो सकती है।  लेकिन आप हेल्दी लाइफस्टाइल से इन लक्षणों से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।  इसके साथ ही डॉक्टर इम्प्लांटेबल डिवाइस (Implantable device), दवाईयों (Medicines) और सर्जरी (Surgery) की सलाह भी दे सकते हैं।

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस: छाती में दर्द (Chest pain)

    रोगी में कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) छाती में दर्द के रूप में भी हो सकती हैं। कोरोनरी आर्टरीज में ब्लड फ्लो के कम होने का अर्थ है कि आपका हार्ट पर्याप्त ब्लड रिसीव नहीं कर पा रहा है। इसके कारण एक तरह का छाती में दर्द हो सकता है, जिसे एंजाइना (Angina) कहा जाता है। इस समस्या के कारण छाती में सुन्नता और छाती में अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे:

    • कसाव (Tightness)
    • छाती का भारी होना (Heaviness)
    • दबाव (Pressure)
    • दर्द (Aching)
    • जलन (Burning)

    छाती के साथ ही आप इन अंगों में भी दर्द महसूस कर सकते हैं:

    • पीठ (Back)
    • जबड़े (Jaw)
    • गले (Neck)
    • बाजू (Arms)
    • कंधे (Shoulders)

    यानी, यह बेचैनी राइट कंधे और बाजु से शुरू हो सकती है उसके बाद उंगलियों तक पहुंचती और और पेट तक जा सकती है। इसके उपचार में दवाईयां, सर्जरी और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल हैं। अगर आपको छाती में दर्द महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस और हार्ट अटैक (Heart attack)

    हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं जिन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) माना जाता है। हार्ट अटैक (Heart Attack) तब होता है जब हार्ट तक खून का फ्लो ब्लॉक हो जाता है। यह ब्लॉकेज अधिक फैट (Fat), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और अन्य चीजों से बनी होती है। जिसे प्लाक कहा जाता है। कई बार प्लाक क्लॉट्स (Blood Clots) बन सकते हैं और ब्लड फ्लो को ब्लॉक कर सकते हैं। ब्लड फ्लो में आने वाली यह बाधा हार्ट मसल्स को डैमेज कर सकती है। हार्ट अटैक की स्थिति में रोगी को तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। इसके लक्षण इस तरह हैं:

    • छाती या बाजू में दबाव, कसाव, दर्द आदि महसूस होना
    • जी मचलना, अपच, हार्टबर्न, पेट में दर्द
    • सांस लेने में समस्या
    • थकावट
    • बेहोशी

    हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद हार्ट टिश्यूज नष्ट हो सकते हैं ऐसे में तुरंत ब्लड फ्लो को रिस्टोर करने से हार्ट डैमेज से छुटकारा मिल सकता है। इस समस्या के उपचार में दवाईयां, सर्जरीज़ और जीवनशैली में बदलाव शामिल है।

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस: अचानक मृत्यु (Sudden death)

    अगर कोरोनरी आर्टरी रोगी के हार्ट में ब्लड फ्लो गंभीर रूप से ब्लॉक हो जाता है और रिस्टोर नहीं नहीं होता है, यह अचानक मृत्यु का कारण भी बन सकता है। कोरोनरी आर्टरीज में जमने वाला प्लाक पूरे शरीर की आर्टरीज को प्रभावित कर सकता है। गले में मौजूद करोटिड आर्टरीज (Carotid arteries) ब्रेन तक ब्लड को सप्लाई करती हैं। इन आर्टरीज में मौजूद यह एथेरोस्क्लेरोसिस प्लाक (Atherosclerosis Plaques) इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic strokes) का कारण भी बन सकते हैं। प्लाक शरीर में कहीं भी धमनियों के भीतर रक्त प्रवाह को बाधित कर सकते हैं जो पैरों, बाहों या अन्य महत्वपूर्ण अंगों में ब्लड सप्लाई करते हैं। इन प्लाक के बनने से एन्यूरिज्म (Aneurysm) की समस्या भी हो सकती है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस तो आपने जान लिए अब बात करते हैं इन बीमारियों से बचाव की।

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज से बचाव (Prevention of Coronary Artery Disease)

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज और कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस न केवल व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है बल्कि जीवन को प्रभावित करती है। ऐसे में कुछ लाइफस्टाइल हैबिट्स न केवल कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) के उपचार बल्कि इनसे बचने में भी मददगार साबित हो सकती हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल आर्टरीज को स्ट्रॉंग बनाती हैं और प्लाक को क्लियर कर सकती हैं ताकि हार्ट हेल्थ को सुधारा जा सके। यह कुछ टिप्स इस तरह से हैं:

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज से बचने के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं। अगर स्मोकिंग छोड़ने, तनाव से बचने या हेल्दी वेट मेंटेन करने में आपको मुश्किल हो रही है तो आपके चिकित्सक और डायटिशियन आपकी इसमें मदद कर सकते हैं।

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    उम्मीद है कि आपको कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) क्या होती हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी। द नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (The National Library of Medicine) के अनुसार कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) मेजर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज में से एक है जो अधिकतर लोगों को प्रभावित करती है। यह डिजीज हार्ट डिजीज के शिकार कई लोगों में मृत्यु का कारण हैं। लाइफस्टाइल, एन्वॉयरमेंटल और जेनेटिक फैक्टर्स इस समस्या के विकास के मुख्य रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) का निदान होता है तो उसे तुरंत और सही उपचार की जरूरत है। अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में सही बदलाव कर के इन समस्याओं के विकास को स्लो किया जा सकता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज कॉम्प्लिकेशंस (Coronary Artery Disease complication) गंभीर हैं और इनसे बचने के लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। कोई भी हार्ट संबंधी समस्या होने पर न नियमित जांच और सही ट्रीटमेंट प्लान का होना भी बेहद आवश्यक है।

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