पेरिकार्डियल इफ्यूजन हमारे हार्ट के आसपास अतिरिक्त फ्लूइड के बनने को कहा जाता है। इससे हार्ट पर दवाब पड़ता है। इस स्थिति में हार्ट के सैक्स (Sacs) में तरल पदार्थ के जमा होने से हार्ट एक्स-रे में सामान्य से बड़ा दिखाई दे सकता है।
ब्लॉक्ड हार्ट आर्टरीज या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)
इस स्थिति में, दिल की धमनियों में जमें फैटी प्लाक (Fatty Plaque) हार्ट वेसल्स के माध्यम से होने वाले ब्लड फ्लो को बाधित करते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। जब हार्ट मसल के किसी सेक्शन को नुकसान होता है, तो हार्ट को शरीर के अन्य भागों में ब्लड पंप करने में मुश्किल होती है और यह हार्ट के बड़े होने का कारण बन सकता है।
लो रेड ब्लड सेल काउंट (Low Red Blood Cell Count) या एनीमिया (Anemia)
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें टिश्यूज तक पर्याप्त ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त हेल्दी रेड ब्लड सेल्स नहीं होते हैं। अगर इसका उपचार न किया जाए तो , क्रोनिक एनीमिया रेपिड और इर्रेगुलर हार्टबीट का कारण बन सकता है। खून में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हार्ट को अधिक रक्त पंप करना पड़ता है और इससे भी एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) होने की समस्या बढ़ जाती है।
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थायराॅइड विकार (Thyroid Disorders)
एक अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हाइपोथायरॉयडिज्म) और एक ओवरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हायपरथायरॉइडिज्म) दोनों एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) और कई हृदय की समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।
शरीर में अधिक आयरन (Excess Iron)
शरीर में अधिक आयरन या हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) एक ऐसा विकार है जिसमें हमारा शरीर सही से आयरन को मेटेबॉलायज (Metabolize) नहीं कर पाता। जिससे आयरन दिल सहित विभिन्न अंगों में समा जाता है और यह हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने का कारण बनता है। इसकी वजह से हार्ट का वायां वेंट्रिकल एंलार्ज हो सकता है।
एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis)
कुछ दुर्लभ बीमारियां भी दिल को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis)। एमिलॉयडोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें असामान्य प्रोटीन रक्त में सर्कुलेट होती है और दिल में जमा हो सकती है, इससे हार्ट फंक्शन में बाधा उत्पन्न हो सकती है और यह एंलार्ज हो सकता है। यह तो थे एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के कारण। अब जानते हैं इससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में।
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एंलार्जड हार्ट के रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors of Enlarged Heart)
यदि किसी व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं में से कोई भी परेशानी है तो आपको एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के विकास का खतरा हो सकता है। यह रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
मेडलिनप्लस (MedlinePlus)के अनुसार हार्ट अटैक्स, हाय ब्लड प्रेशर, इंफेक्शंस और अन्य रोग फैमिली हिस्ट्री की वजह से होते हैं। इसलिए अगर आपके परिवार में भी इन रोगों का इतिहास है तो आप में एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) की समस्या का जोखिम भी बढ़ सकता है। हालांकि, कई लोगों में इसका कारण अज्ञात होता है। ऐसे में इसके ट्रीटमेंट के लिए जरूरी है, इसके सही कारण का पता होना। हार्ट के एंलार्ज होने पर ब्लड सही से पंप नहीं कर पाता। इस कारण से दिल से जुडी जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है, जैसे हार्ट फेलियर या स्ट्रोक। ऐसे में सही समय पर इस समस्या का निदान जरूरी है। जानिए कैसे किया जाता है इसका निदान?
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एंलार्जड हार्ट का निदान (Diagnosis of Enlarged Heart)
एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले इसके लक्षणों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही कुछ टेस्ट भी कराए जा सकते हैं, जैसे:
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
हार्ट का अल्ट्रासाउंड, जिसे एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) भी कहा जाता है इसके निदान का अच्छा तरीका है। इसका कोई जोखिम भी नहीं है और इससे इन सब चीजों का पता चलता है