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एंलार्जड हार्ट: यह कोई बीमारी नहीं, लेकिन गंभीर हार्ट प्रॉब्लम्स की बन सकती है वजह!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/01/2022

    एंलार्जड हार्ट: यह कोई बीमारी नहीं, लेकिन गंभीर हार्ट प्रॉब्लम्स की बन सकती है वजह!

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) की समस्या को कार्डियोमेगली (Cardiomegaly) भी कहा जाता है। अगर किसी को यह परेशानी है तो इसका अर्थ यह है कि उसका हार्ट सामान्य से बड़ा है। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह हार्ट डिफेक्ट या उस किसी स्थिति का एक लक्षण है, जिससे दिल को काम करने में समस्या होती है जैसे कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy), हार्ट वॉल्व प्रॉब्लम (Heart Valve Problems) या हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) आदि। इन बीमारियों के कारण ब्लड अच्छे से पंप नहीं कर पाता है और यह किसी गंभीर समस्या जैसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकता है।

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) जैसी परेशानी शरीर में शार्ट टर्म स्ट्रेस के कारण भी हो सकती है जैसे प्रेग्नेंसी या अन्य मेडिकल स्थिति। इस समस्या का उपचार इसके कारणों के अनुसार किया जाता है। इसके उपचारों में दवाइयां, मेडिकल प्रोसीजर या सर्जरी आदि शामिल हैं।

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    एंलार्जड हार्ट के लक्षण (Enlarged Heart Symptoms)

    एंलार्जड हार्ट के लक्षण शुरुआत में या तो दिखाई नहीं देते या फिर इतने हल्के होते हैं कि आप उन्हें नोटिस नहीं कर पाते। ऐसे में एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) को पहचानने के लिए रोगी का नियमित चेकअप जरूरी है। अगर आपको इन में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो डॉक्टर की सलाह लें:

  • सांस लेने में समस्या (Breathing Problems)
  • हार्ट बीट का स्किप होना या पैल्पिटेशन (Skipped Heart Beats or Palpitations)
  • टांग में सूजन (Swelling of Leg)
  • थकावट (Fatigue)
  • पेट के आसपास वजन का बढ़ना (Weight Gain around the Abdomen)
  • अगर आप इनमे से किसी भी एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत उपचार कराएं। क्योंकि, यह लक्षण हार्ट अटैक के भी हो सकते हैं। हार्ट अटैक के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • छाती में दर्द (Chest Pain)
    • गंभीर सांस लेने में समस्या (Severe Difficulty Breathing)
    • बेहोशी (Fainting)

    इस समस्या के लक्षणों को समय पर नोटिस करना बेहद जरूरी है। आइए, अब जानते हैं इस समस्या के कारण क्या हो सकते हैं?

    एंलार्जड हार्ट के कारण (Cause of Enlarged Heart)

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का कारण वो सभी स्थितियां हो सकती हैं, जो हार्ट को पंप करने को सामान्य से अधिक मुश्किल बना दें या हार्ट मसल को नुकसान पहुंचाएं। कई बार कुछ अज्ञात कारणों से भी हार्ट बड़ा और कमजोर हो सकता है। इस स्थिति को इडियोपैथिक कार्डियोमेगली (Idiopathic Cardiomegaly) कहा जाता है। जिस हार्ट कंडीशन के साथ हम जन्म लेते हैं, हार्ट अटैक से होने वाला नुकसान या एब्नार्मल हार्टबीट के कारण भी एंलार्ज हार्ट हो सकता है। अन्य स्थितियां जो एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का कारण बन सकती हैं, इस प्रकार हैं:

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart)

    हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

    शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पहुंचाने, मांसपेशियों को एंलार्ज और थिक बनाने के लिए हृदय को अधिक पंप करना पड़ सकता है। हाय ब्लड प्रेशर के कारण लेफ्ट वेंट्रिकल (Left Ventricle )भी बड़ी हो सकती है जिसके कारण हार्ट मसल्स कमजोर हो सकते हैं। हाय ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट का अपर चैम्बर भी एंलार्ज हो सकता है। संक्षेप में कहा जाए तो ब्लड प्रेशर का हाय होना एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का बड़ा कारण बन सकता है। एक तरह का हाय ब्लड प्रेशर जो लंग्स और हार्ट में आर्टरीज़ को प्रभावित करता है, उसे पल्मोनरी हाइपरटेंशन (Pulmonary Hypertension) कहा जाता है। इस स्थिति में भी खून को मूव करने के लिए हमारे हार्ट को अधिक पंप करना पड़ता है। जिसके कारण दिल का दाहिना हिस्सा बढ़ सकता है।

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    हार्ट वाॅल्व डिजीज (Heart Valve Disease)

    हमारे दिल के चार वॉल्व खून को सही डायरेक्शन में बहने में मदद करते हैं। अगर यह वॉल्व किन्हीं स्थितियों में डैमेज हो जाते हैं जैसे रूमेटिक फीवर (Rheumatic Fever),  इन्फेक्शन (Infections), इर्रेगुलर हार्टबीट कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर्स (Irregular Heartbeat Connective Tissue Disorders , कुछ दवाईयां या कैंसर के लिए रेडिएशन ट्रीटमेंट आदि, तब भी हार्ट एंलार्ज हो सकता है। कुछ दवाईयां भी हार्ट एंलार्जमेंट का कारण बन सकती हैं।

    कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)

    यह दिल की बीमारी दिल को पूरे शरीर में ब्लड को पंप करने को मुश्किल बनाती है। जैसे -जैसे यह समस्या बढ़ती है, दिल अधिक रक्त पंप करने की कोशिश करता है और इसके कारण यह एंलार्ज हो सकता है।

    पेरिकार्डियल इफ्यूजन (Pericardial Effusion )

    पेरिकार्डियल इफ्यूजन हमारे हार्ट के आसपास अतिरिक्त फ्लूइड के बनने को कहा जाता है। इससे हार्ट पर दवाब पड़ता है। इस स्थिति में हार्ट के सैक्स (Sacs) में तरल पदार्थ के जमा होने से हार्ट एक्स-रे में सामान्य से बड़ा दिखाई दे सकता है।

    ब्लॉक्ड हार्ट आर्टरीज या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)

    इस स्थिति में, दिल की धमनियों में जमें फैटी प्लाक (Fatty Plaque) हार्ट वेसल्स के माध्यम से होने वाले ब्लड फ्लो को बाधित करते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। जब हार्ट मसल के किसी सेक्शन को नुकसान होता है, तो हार्ट को शरीर के अन्य भागों में ब्लड पंप करने में मुश्किल होती है और यह हार्ट के बड़े होने का कारण बन सकता है।

    लो रेड ब्लड सेल काउंट (Low Red Blood Cell Count) या एनीमिया (Anemia)

    एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें टिश्यूज तक पर्याप्त ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त हेल्दी रेड ब्लड सेल्स नहीं होते हैं। अगर इसका उपचार न किया जाए तो , क्रोनिक एनीमिया रेपिड और इर्रेगुलर हार्टबीट का कारण बन सकता है। खून में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हार्ट को अधिक रक्त पंप करना पड़ता है और इससे भी एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) होने की समस्या बढ़ जाती है।

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    थायराॅइड विकार (Thyroid Disorders)

    एक अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हाइपोथायरॉयडिज्म) और एक ओवरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड (हायपरथायरॉइडिज्म) दोनों एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) और कई हृदय की समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।

    शरीर में अधिक आयरन (Excess Iron)

    शरीर में अधिक आयरन या हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) एक ऐसा विकार है जिसमें हमारा शरीर सही से आयरन को मेटेबॉलायज (Metabolize) नहीं कर पाता। जिससे आयरन दिल सहित विभिन्न अंगों में समा जाता है और यह हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने का कारण बनता है। इसकी वजह से हार्ट का वायां वेंट्रिकल एंलार्ज हो सकता है।

    एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis)

    कुछ दुर्लभ बीमारियां भी दिल को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे एमिलॉयडोसिस (Amyloidosis)। एमिलॉयडोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें असामान्य प्रोटीन रक्त में सर्कुलेट होती है और दिल में जमा हो सकती है, इससे हार्ट फंक्शन में बाधा उत्पन्न हो सकती है और यह एंलार्ज हो सकता है। यह तो थे एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के कारण। अब जानते हैं इससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में।

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    एंलार्जड हार्ट के रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors of Enlarged Heart)

    यदि किसी व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं में से कोई भी परेशानी है तो आपको एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के विकास का खतरा हो सकता है। यह रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:

    मेडलिनप्लस (MedlinePlus)के अनुसार हार्ट अटैक्स, हाय ब्लड प्रेशर, इंफेक्शंस और अन्य रोग फैमिली हिस्ट्री की वजह से होते हैं। इसलिए अगर आपके परिवार में भी इन रोगों का इतिहास है तो आप में एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) की समस्या का जोखिम भी बढ़ सकता है। हालांकि, कई लोगों में इसका कारण अज्ञात होता है। ऐसे में इसके ट्रीटमेंट के लिए जरूरी है, इसके सही कारण का पता होना। हार्ट के एंलार्ज होने पर ब्लड सही से पंप नहीं कर पाता। इस कारण से दिल से जुडी जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है, जैसे हार्ट फेलियर या स्ट्रोक। ऐसे में सही समय पर इस समस्या का निदान जरूरी है। जानिए कैसे किया जाता है इसका निदान?

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    एंलार्जड हार्ट का निदान (Diagnosis of Enlarged Heart)

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart)

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले इसके लक्षणों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही कुछ टेस्ट भी कराए जा सकते हैं, जैसे:

    अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

    हार्ट का अल्ट्रासाउंड, जिसे एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) भी कहा जाता है इसके निदान का अच्छा तरीका है। इसका कोई जोखिम भी नहीं है और इससे इन सब चीजों का पता चलता है

  • हार्ट साइज (Size)
  • हार्ट मसल थिकनेस (Muscle Thickness)
  • हार्ट पंपिंग फंक्शन (Pumping Function)
  • कुछ मामलों में इनसे डॉक्टर को यह भी जानने में मदद मिलती है कि एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का क्या कारण है? एंलार्जड हार्ट के बारे में अन्य चीजों को जानने में यह टेस्ट या तरीके भी काम आ सकते हैं:

    मेडिकल हिस्ट्री (Medical History)

    रोगी की मेडिकल हिस्ट्री जैसे सांस लेने में समस्या या कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के लक्षण भी आपको एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के बारे में संकेत दे सकते हैं।

    शारीरिक जांच (Physical Exam)

    आपको इस समस्या के कारण सूजन हो सकती है। यही नहीं इस परेशानी के कारण एब्नार्मल आवाजें भी आ सकती हैं जिसे डॉक्टर अपने स्टेथोस्कोप से सुन सकते हैं।

    डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated Cardiomyopathy)

    इस टेस्ट से चेस्ट एक्स-रे फिल्म में हार्ट के साइज का पता चल सकता है।

    कार्डियक कैथेटेराइजेशन (Cardiac Catheterization)

    इस टेस्ट से कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज के बारे में पता चलता है। इससे हार्ट के साइज और पंपिंग फ़ंक्शन को भी जांचा जा सकता है।

    ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)

    ब्लड टेस्ट्स से ऐसी कई चीजों के बारे में जाना जा सकता है जो एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का कारण बनती हैं जैसे:

    सीटी स्कैन और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Scans and Magnetic Resonance Imaging)

    कुछ खास स्थितिओं में एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) के निदान के लिए इन स्कैनिंग टेस्ट्स का प्रयोग किया जाता है।

    बायोप्सी (Biopsy)

    दुर्लभ मामलों में, डॉक्टर हार्ट के अंदर से छोटा सा टिश्यू सैंपल निकलते हैं ताकि इस समस्या के कारणों के बारे में जाना जा सके। इस समस्या का उपचार कैसे होता है, इसके बारे में जानना भी जरूरी है। जानिए उपचार के बारे में।

    एंलार्जड हार्ट का उपचार कैसे किया जा सकता है? (Treatment of Enlarged Heart)

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है। इसके उपचार में दवाईयां, सर्जरी, थेरेपी और जीवनशैली में बदलाव सब कुछ शामिल है। जानिए इनके बारे में विस्तार से:

    मेडिकेशंस (Medications)

    अगर कार्डियोमायोपैथी या हार्ट कंडीशन का कोई और प्रकार एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) का कारण है, तो डॉक्टर आपको दवाईयों की सलाह दे सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    • डायूरेटिक्स (Diuretics) : इनका प्रयोग शरीर में पानी और सोडियम की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है, ताकि आर्टरीज और हार्ट में प्रेशर कम होने में मदद मिले।
    • एंजियोटेंसिन- कंवर्टिंग एंजाइम (Angiotensin-Converting Enzyme) : यह इन्हिबिटर्स ब्लड प्रेशर को लो करने और हार्ट की पंपिंग क्षमता को सुधारने में प्रयोग होते हैं।
    • एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II Receptor Blockers) : इन दवाईयों उन लोगों को दिया जाता है, जिन्हें एंजियोटेंसिन- कंवर्टिंग एंजाइम नहीं दिए जा सकते।
    • एंटीकौयगुलांट (Anticoagulants) : इनका प्रयोग ब्लड क्लॉट्स के रिस्क को कम करने के लिए किया जाता है, जिनके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक हो सकता है।

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    सर्जरी (Surgery)

    जब दवाईयों से एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) की समस्या में कोई फायदा नहीं होता, तो उस स्थिति में डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। इसमें मेडिकल डिवाइस का प्रयोग कर के हार्टबीट को रेगुलेट किया जाता है। खास तरह की एनलर्जड हार्ट की स्थिति में पेसमेकर का प्रयोग किया जाता है। जिन लोगों को गंभीर एरिथमिया (Arrhythmias) की समस्या होती है, उन में ड्रग थेरेपी या इम्प्लांटेबल कार्डियोवैस्कुलर डीफिब्रिलेटर (Implantable Cardioverter-Defibrillator) का प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही अन्य तरह की सर्जरी का भी प्रयोग किया जा सकता है जैसे:

    यह तो थी दवाईयां और सर्जरीज, लेकिन एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) की स्थिति में आपको अपने लाइफस्टाइल में भी कुछ परिवर्तन लाने चाहिए ताकि रिकवर होने में आसानी हो। जानिए कौन से हैं यह तरीके:

    एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart)

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    लाइफस्टाइल चैंजेस (Lifestyle Changes)

    दिल की इस स्थिति को सुधारने के लिए कई तरीके हैं, हालांकि जीवनशैली में बदलाव से उपचार संभव नहीं है, लेकिन जल्दी ठीक होने और लक्षणों को सुधारने में ये तरीके लाभदायक साबित हो सकते हैं। ये तरीके इस प्रकार हैं:

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    यह तो थी एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) से जुड़ी जानकारी। एंलार्जड हार्ट (Enlarged Heart) की समस्या कई लोगों को अस्थायी कंडीशन्स के कारण होती है जैसे गर्भावस्था या कुछ अंडरलायिंग स्थितियां जैसे हाय ब्लड प्रेशर भी इसका कारण बन सकती हैं। अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और रिस्क फैक्टर्स से बचें। अधिकतर लोग सही उपचार और हेल्दी लाइफस्टाइल से इस स्थिति को अच्छे से मैनेज कर पाते हैं। इसलिए अगर आपको इस समस्या का कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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