आर्टरीज के द्वारा ब्लड को पंप करने के लिए कितने फोर्स का प्रयोग किया जाता है इसका मेजरमेंट ब्लड प्रेशर कहलाता है। यदि ब्लड प्रेशर हाय है तो इसे हायपरटेंशन कहा जाता है। इसका मतलब है कि फोर्स जितना होना चाहिए उससे ज्यादा है। हाय ब्लड प्रेशर हार्ट को डैमेज करने के साथ ही हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। हायपरटेंशन के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।
4.स्ट्रोक (Stroke)
स्ट्रोक तब होता है जब एक ब्लड क्लॉट ब्रेन में मौजूद आर्टरी को ब्लॉक कर देता है जिससे ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। ऐसा तब भी हो सकता है जब ब्रेन की ब्लड वेसल्स टूट जाती हैं। ये दोनों स्थितियां ब्लड और ऑक्सीजन को ब्रेन तक पहुंचने से रोकती हैं। जिसके परिणामस्वरूप ब्रेन के हिस्से डैमेज हो जाते हैं। स्ट्रोक को इमरजेंसी में मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है।
5.पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral artery disease)
यह एक क्रोनिक डिजीज है जिसमें पैरों की आर्टरीज में धीरे-धीरे प्लाक का बिल्ड अप होता है। जिससे आर्टरीज में ब्लड फ्लो बहुत कम होता है या ब्लॉक हो जाता है। आर्टरीज के संकरा होने से हाथों और पैरों (सामान्य तौर पर पैरों) को डिमांड के अनुसार ब्लड फ्लो नहीं मिल पाता। ऐसा होने पर कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं जिसमें चलने पर पैर दर्द होना शामिल है। यह एक कॉमन सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) है। पेरिफेरल आर्टियल डिजीज अक्सर एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के कारण होती हैं। इस कंडिशन में आर्टरी वाल्स में फैट डिपोजिट हो जाता है जिससे ब्लड फ्लो में कमी आती है।
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6.हार्ट फेलियर (Heart Failure)
सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) में हार्ट फेलियर भी शामिल है। इसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर भी कहा जाता है। हार्ट फेलियर तब होता है जब हार्ट की मसल्स कमजोर और डैमेज हो जाती हैं। इस स्थिति में हार्ट बॉडी की जरूरत के हिसाब से ब्लड को पंप नहीं कर पाता। सामान्य तौर पर हार्ट फेलियर तब होता है जब पहले से मरीज को दूसरी हार्ट से जुड़ी समस्याएं हों। जिसमें हार्ट अटैक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज शामिल हैं। इसके लक्षणों में एड़ियों में सूजन, रात को ज्यादा पेशाब लगना, थकान आदि है। गंभीर लक्षणों में तेजी से सांस चलना, बेहोश होना और सीने में दर्द शामिल है।
7.एंजाइना पेक्टोरिस (Angina Pectoris)
यह भी एक सर्क्युलेटरी सिस्टम डिजीज (Circulatory system diseases) है। यह स्थिति तब बनती है जब हार्ट की मसल्स (Heart Muscle) उतना ब्लड प्राप्त नहीं कर पाती जितनी उनको जरूरत होती है। ऐसा सामान्य तौर पर तब होता है जब एक या उससे ज्यादा हार्ट आर्टरीज नैरो या ब्लॉक हो जाती हैं। एंजाइना (Angina) के कारण सीने में दबाव, भारीपन और सीने के बीच में दर्द का अनुभव होता है। इसके साथ ही गले, जबड़े, कंधे और पीठ में असहजता का एहसास होता है। इसके लिए कुछ निश्चित फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं जिसमें एथेरोस्केलेरोसिस (आर्टरीज का संकरा होना) शामिल है। जिसमें हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। आर्टरीज उस समय संकरी और सख्त हो जाती है जब प्लाक आर्टरीज वॉल के अंदर जम जाता है।