अन्य अंगों की जरूरी जांच
मैलिग्नेंट हायपरटेंशन (Malignant hypertension) का प्रभाव आपके शरीर के किसी अन्य हिस्से पर तो नहीं पड़ रहा है। डॉक्टर यह जानने के लिए समय-समय पर कुछ जांचों की भी सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर द्वारा अन्य परीक्षणों काे इसलिए किया जाता है कि भविष्य में आपके शरीर के ऑर्गेन को रिस्क (Risk) से बचाया जा सके, उदाहरण के लिए, रक्त में यूरिया नाइट्रोजन (Urea nitrogen) (BUN) का लेवल और क्रिएटिनिन के स्तर के रक्त परीक्षण के लिए बोल सकते हैं।
BUN परीक्षण, शरीर में रक्त में नाइट्रोजन के लेवल को चैक करने के लिए किया जाता है। जिसका प्रभाव किड्नी पर भी पड़ता है। क्रिएटिनिन (Creatinine) मांसपेशियों से उत्पन्न एक रसायन है। जो आपके गुर्दे आपके रक्त को साफ करते हैं। जब गुर्दे सामान्य रूप से काम नहीं करेंगे, तो इन परीक्षणों के असामान्य परिणाम होंगे।
इसके अलावा, डॉक्टर आपको अन्य कुछ जांच के लिए बोल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- भविष्य में दिल के दौरे के खेतरे की जांच के लिए रक्त परीक्षण (Blood tests)
- हार्ट फंक्शन को देखने के लिए इकोकार्डियोग्राम या अल्ट्रासाउंड (Echocardiogram or Ultrasound)
- गुर्दे की जाँच करने के लिए यूरिन टेस्ट (Urine test)
- दिल की स्थिति जानने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी) (Electrocardiogram (ECG or EKG)
- किड्नी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test)
- आंखों की जांच (eye test)
- ब्रेन में किसी प्रकार की ब्लीडिंग या स्ट्रोके के खतरे की जांच के लिए सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन (CT scan or MRI scan)
- फेफड़ों की जांच के लिए सीने का एक्स-रे (Chest X-ray)
मैलिग्नेंट हायपरटेंशन का उपचार (Treatment)
उच्च रक्तचाप आपके जीवन के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए ऐसे में तत्काल चिकित्सा की ओर ध्यान देना आवश्यक है। इसी के साथ उन जटिलताओं से भी बचना चाहिए, जो इसके रिस्क को बढ़ा सकते हैं।
डाॅक्टर उपचार के तौर पर आपको हाय ब्ल्ड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली दवाएं देंगे। कुछ इमरजेंसी स्थितियों में आइवी की सलाह देंगे। जब एक बार हाय बीपी कंट्रोल में आ जाएगा, तो डॉक्टर आपकी ओरल मेडिकेशन शुरु कर देंगे। ताकि कोई कॉम्लिकेशन न हो। इसी के साथ घर पर भी कुछ खास बातों का ध्यान रखने की सलाह देंगे। जैसे कि खानपान, समय पर मेडिसन के साथ बीपी को मॉनिटर करते रहना जरूरी है।
मैलिग्नेंट हायपरटेंशन: अन्य टिप्स
अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम से बचना है, तो डॉक्टर द्वारा बताए गए मेडिकेशन के अलावा अपने लाइफस्टाइल में भी बदलाव लाएं। इसी के साथ कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं, जैसे कि:
- अपने डायट में फल (Fruit), सब्जियां, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (Low Fat Dairy Product), उच्च पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ (High potassium foods) और साबुत अनाज खाना शामिल करें।
- खाने में सोडियम (Sodium) की कम मात्रा लें।
- वजन कम (Weight Loss) करें।
- अपने रक्तचाप को कम करने के लिए स्वस्थ आहार अपनाएं।
- दिनभर में 30 मिनट एक्सरसाइज (Exercise) जरूर करें।
- शराब (Alcohol) के सेवन से बचें।
- स्मोकिंग से बचें (Smoking)।
यह सभी आपके हाय ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे कोई उपचार न मानें। बस आप इस तरह अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर कर के इस समस्सा में राहत पा सकते हैं। लेकिन यह मैलिग्नेंट हायपरटेंशन का काई स्थायी ट्रीटमेंट नहीं है। डॉक्टर द्वारा इसका समय पर मेडिकेशन बहुत जरूरी है, नहीं तो हाय ब्लड प्रेशर आपमें भी कई बड़ी और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। सबसे लक्षणों के देखते हुए अलग-अलग प्रकार के मेडिकेशन की जरूरत हो सकती है। बस इसके रिस्क के कारको को कम करने की कोशिश करें। इसी के साथ ही यह टिप्स अपना कर के इस समस्या में थोड़ी राहत भी पा सकते हैं। इमरजेंसी केस पर घर पर उपचार की कोशिश न करें, तुरंत डॉक्टर से मिलें।