हजारों पॉर्न वेबसाइट्स पर भारत सरकार के प्रतिबंध लगाने के बावजूद पॉर्न के दर्शकों में इजाफा हो रहा है। मोबाइल के लिए डाउनलोड किए जाने वाले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) ऐप्स में 405% का इजाफा हुआ है, जो अक्टूबर 2018 से 12 महीनों की अवधि के भीतर 5.7 करोड़ पर पहुंच गया है।
यह खुलासा ऐप्पल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले का विश्लेषण करने वाली लंदन की टॉप10वीपीएन (Top10VPN) वेबसाइट ने किया है, जो वीपीएन (VPN) का रिव्यू करती है।
पॉर्न की लत वाले लोगों ने ढूंढा जुगाड़
वीपीएन के जरिए यूजर इंटरनेट का इस्तेमाल करते वक्त अपनी लोकशन और ब्राउज को छुपा सकते हैं। पिछले साल अक्टूबर में भारत के एक कोर्ट ने केंद्र सरकार को पॉर्नहब और एक्सवीडियोज (PornHub, xVideos) को मिलाकर 827 पॉर्न वेबसाइट्स पर लगाए गए अपने पुराने प्रतिबंध को बहाल करने का आदेश जारी किया था। शुरुआती दौर में पॉर्न कंपनियों ने इसका सामना करने के लिए एक मिरर यूआरएल जैसे पॉर्नहब.नेट लॉन्च किया था। इससे पहले कंपनियां पॉर्नहब डॉट कॉम इस्तेमाल करती थीं, जो प्रतिबंध के बाद पहुंच से बाहर हो गया था। भारत की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने इन यूआरएल्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया था।
पॉर्न की लत छुड़ाने में बेअसर रहा बैन
हालांकि, भारतीयों पर इस प्रतिबंध का कोई असर नहीं पड़ा। टॉप10वीपीएन के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर 2018 तक मासिक आधार पर वीपीएन डाउनलोड्स में भारत में औसतन रूप से 66 % का इजाफा हुआ। भारत में वीपीएन के लिए गूगल सर्च में पॉर्न वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगने के तुरंत बाद एक बड़ा उछाल आया। यह उछाल सामान्य स्तर से अधिक था।
उपरोक्त आंकड़ों से यह स्पष्ट हो गया है कि इस समस्या से निपटना इतना आसान नहीं है। पॉर्न की लत का पता आसानी से लगाया जा सकता है। यदि आप भी पॉर्न की लत (Porn addiction) से परेशान हैं तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। आमतौर पर पॉर्न की लत के बारे में कोई भी व्यक्ति खुलकर बात करने से परहेज करता है। सामाजिक रूप से इसे एक बुराई के रूप में भी चिन्हित किया जाता है। इसकी बेहतर और विस्तृत जानकारी इससे निपटने में एक हथियार साबित होती है।