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हाय कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेद उपाय : अपनाएंगे, तभी तो जान पाएंगे!

हाय कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेद उपाय : अपनाएंगे, तभी तो जान पाएंगे! 

आजकल की खराब लाइफस्टाइल के चलते लोग अक्सर हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि ये समस्या युवाओं से लेकर बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले सकती है, इसलिए सही समय पर इसका निदान कर इलाज करना जरूरी हो जाता है। आज हम जानेंगे क्या है कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक उपाय (High cholesterol ayurvedic medicine)। कैसे हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या को आयुर्वेद की मदद से ठीक किया जा सकता है और कैसे आयुर्वेद से स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। लेकिन इस बारे में और जानकारी हासिल करने से पहले ये जान लेते हैं कि कोलेस्ट्रॉल क्या होता है।

क्या होता है हाय कोलेस्ट्रॉल? (What is High Cholesterol?)

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक तरह का फैट होता है, जिसका उत्पादन लिवर करता है। हमारे शरीर को इसकी जरूरत होती है, विटामिन-डी इसका प्रयोग कई तरह के हॉर्मोंन्स और हेल्दी सेल्स को बनाने के लिए करता है। कोलेस्ट्रॉल में प्रोटीन होता है जो कणों के रूप में ब्लड फ्लो के जरिए शरीर के दूसरे अंगों तक पहुंचता है। प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के इस कॉम्बिनेशन को लिपोप्रोटीन कहते हैं।

कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं। गुड कोलेस्ट्रॉल (Good cholesterol) और बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol)। गुड कोलेस्ट्रॉल यानी हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन (High-density lipoprotein) हृदय को स्वस्थ रखता है। जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल यानी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (Low-density lipoprotein) आर्टरीज में ब्लॉकेज का कारण बनता है। इससे हृदय रोगों के होने की संभावना होती है।वक्त रहते हाय कोलेस्ट्रॉल की परेशानी को काबू न किया जाए, तो इसमें व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए जानना जरूरी है कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक उपाय, जिसकी मदद से हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या को काबू में किया जा सकता है। आइये जानते हैं कैसे! 

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कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक उपाय : ये पद्धतियों कारगर साबित होंगी (High cholesterol ayurvedic medicine)

कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक उपाय, दो तरह की चिकित्सा पद्धति के जरिये किया जाता है, जिसे विरेचन कर्म और बस्ती कर्म के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं इन आयुर्वेदिक पद्धतियों में आपका इलाज किस तरह किया जाता है? 

विरेचन कर्म 

यह चिकित्सा शरीर के शुद्धिकरण के लिए की जाती है। इसमें आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों (Ayurvedic medicine) और काढ़े के इस्तेमाल से शरीर के हानिकारक पदार्थों और पित्त दोष को बाहर निकाला जाता है। इस प्रक्रिया से पहले व्यक्ति को ठोस खाद्य पदार्थ, मीट से बना सूप, फैटी फूड आइटम्स (Fatty Food) इत्यादि दिया जाता है, जिसके बाद अगले ही दिन स्टूल के जरिए आंत में मौजूद अमा को बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। इस खास प्रक्रिया में शरीर में मौजूद नाड़ियों से सभी खराब दोषों को स्टूल (Stool) के जरिए बाहर निकाला जाता है। इस प्रकार शरीर के वात, पित्त और कफ इन तीनों दोषों में कमी आती है। साथ ही साथ शरीर के कोलेस्ट्रॉल में गिरावट आती है और शरीर में मौजूद एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) (Good cholesterol) बढ़ता है। इस प्रक्रिया से पाचन तंत्र (Digestive system) बेहतर रूप से काम करने लगता है और शरीर में मौजूद समस्याओं से भी राहत मिलती है। इससे शरीर अंदरुनी रूप से बेहतर बनता है।

बस्ती कर्म 

इस प्रक्रिया में एनिमा (Enema) की तरह व्यक्ति को औषधीय तेल और काढ़ा इत्यादि दवाई के रूप में दिया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की हल्के हाथों से मालिश और सिंकाई की जाती है। बस्ती कर्म में कोलोन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलता है, जिससे पाचन तंत्र (Digestive system) बेहतर काम करता है। इस चिकित्सा में हाय कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ वात संबंधित समस्याओं से भी निजात मिलती है। इस क्रिया के बाद बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है और हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)  की समस्या में गिरावट देखी जा सकती है। इस चिकित्सकीय पद्धति में व्यक्ति को 16 एनिमा (Enema) लेने होते हैं, जिसमें 6 एनिमा काढ़े के रूप में और बाकी के 10 एनिमा तेल के रूप में दिए जाते हैं।

यह तो थी हाय कोलेस्ट्रॉल के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में जानकारी, लेकिन अब कोलेस्ट्रॉल की आयुर्वेदिक दवा (High cholesterol Ayurvedic medicine) की भी जानकारी हासिल कर लेते हैं।

आयुर्वेद के नज़रिए से जानिए शरीर के दोषों के बारे में –

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कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेद उपाय : इन औषधियों की लें मदद (Ayurvedic medicine for High cholesterol)

कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेद उपाय

हाय कोलेस्ट्रॉल की आयुर्वेदिक दवाएं (High cholesterol Ayurvedic medicine) बेहद कारगर साबित हो सकती हैं। यह अलग अलग गुणों से भरपूर होती हैं, जो हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या में रोगी की मदद कर सकती हैं। आइये जानते हैं इन दवाओं के बारे में। 

आमलकी (Amalaki)

इस जड़ी बूटी में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट्स के गुणों से भरपूर मानी जाती हैं। इस दवा में आंवले का इस्तेमाल उत्सर्जन प्रणाली, पाचन तंत्र और परिसंचरण से जुड़े रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह रेचक, ब्लीडिंग से संबंधित समस्याओं, संकुचन ठीक करने के लिए काम आती है। आमलकी शरीर में मौजूद पित्त की समस्या (Bile problem) को संतुलित बनाती है और उसे ठीक करती है। यह लीवर और बड़ी धमनी में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) का लेवल कम करती है। 

हरिद्रा (Haridra)

हरिद्रा में आमतौर पर हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण (Antibacterial properties) होते हैं, जो पेट के कीड़ों को खत्म करने खून साफ करने और शरीर को शक्ति देने का काम करती है। इसमें कई हर्बल सामग्रियों को मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद अलग-अलग एक्टिव इनग्रेडिएंट (Active ingredient) शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करते हैं। यह पाचन संबंधी समस्याओं के साथ-साथ, बवासीर, गले की समस्याओं और ह्रदय रोगों में भी बेहद लाभकारी मानी जाती है।

रसोनम  (Rasonam)

रसोनम की औषधि में तेल के साथ लहसुन की गांठ को औषध के रूप में दिया जाता है। इसका इस्तेमाल पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं, तंत्रिका तंत्र, प्रजनन और परिसंचरण से जुड़ी तकलीफों के इलाज के लिए किया जाता है। लहसुन, खून में मौजूद विषाक्त पदार्थों (Toxins) को साफ करने का काम करता है और हड्डियों और नसों को बेहतर बनाता है। साथ ही साथ यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करता है और धमनियों में मौजूद प्लाक के जमाव को नष्ट करता है। यही कारण है कि लहसुन आर्टियोक्लेरोसिस (Arteriosclerosis), हाय कोलेस्ट्रॉल और हायपरटेंशन (Hypertension) जैसी जानलेवा तकलीफों में बेहद कारगर साबित होता है। रोजाना लहसुन की दो से तीन फांक खाने से हाय कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित व्यक्ति बेहतर महसूस कर सकता है।

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तिल (Sesame)

तिल को औषधीय तेल, पेस्ट इत्यादि की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कब्ज (Constipation) , पेचिश (Dysentery) जैसी अनेक तकलीफों में बेहद कारगर साबित होती है। तिल के बीजों से बना अर्क कोलेस्ट्रॉल को कम करने मैं मदद करता है और साथ ही साथ यह हायपरटेंशन जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाता है। त्वचा पर फफोले, जलने की स्थिति और अल्सर जैसी समस्याओं में भी तिल बेहद कारगर साबित होता है।

त्रिफला (Triphala)

त्रिफला, हरितकि, विभीतकी और आमलकी के मिश्रण से तैयार होता है। यह ना सिर्फ खून को साफ करता है, बल्कि एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम भी करता है। त्रिफला के रोजाना सेवन से ब्लड सर्क्युलेशन (Blood circulation) बेहतर बनता है और ब्लड कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है।

आयुर्वेद में इस्तेमाल की जाने वाली ये सभी औषधियां व्यक्ति की प्रकृति और उसकी चिकित्सकीय तकलीफों के आधार पर दी जाती है। इसीलिए इन औषधियों का इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक (Ayurvedic doctor)  का परामर्श लेना बेहद जरूरी है।

कोलेस्ट्रॉल के आयुर्वेदिक उपाय के अनुसार क्या करें और क्या ना करें? 

यदि आप कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेदिक उपाय अपना रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी  माना जाता है।  इसमें आयुर्वेद के अनुसार आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और कुछ कामों से परहेज करना चाहिए। आइये जानते हैं इससे जुड़ी जानकारी के बारे में। 

क्या करें? 

हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या में गाय के दूध से बनी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा फलों और सब्जियों के भरपूर सेवन की हिदायत दी जाती है, इसमें आप हरी पत्तेदार सब्जियों (Green leafy vegetables) का खास तौर पर सेवन कर सकते हैं।  सोया और सोया से बनी चीजों को अपने आहार में शामिल कर आप हाय कोलेस्ट्रॉल में मदद पा सकते हैं। साथ ही साथ आपको रोजाना भरपूर पानी पीने की भी हिदायत दी जाती है।

क्या ना करें? 

हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने पर आपको ओवर ईटिंग से बचना चाहिए, साथ ही साथ रेड मीट (Red Meat), आइसक्रीम, चॉकलेट और कैलोरी से भरपूर चीजों से दूरी बनानी चाहिए। मूंगफली का तेल (Peanut oil) और तली हुई चीजों से परहेज करना चाहिए। ध्यान रखिये कि भैंस के दूध से आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, इसीलिए आपको भैंस के दूध से बनी चीजों से परहेज करना चाहिए। यदि आप हाय कोलेस्ट्रॉल को आयुर्वेद की मदद से ठीक करना चाहते हैं, तो धूम्रपान और शराब (Alcohol) से आपको पूरी तरह से दूरी बनानी चाहिए।

और पढ़ें: Quiz : क्यों बढ़ती जा रही है कोलेस्ट्रॉल की समस्या?

जैसा कि सभी जानते हैं खराब जीवनशैली आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने का एक बड़ा कारण साबित होती है, इसलिए हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) का आयुर्वेदिक उपाय अपनाने से पहले आपको अपनी जीवनशैली में सुधार करने की जरूरत है। आयुर्वेद में आप विशेष पंचकर्म थेरेपी और हर्बल औषधियों की मदद से हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निजात पा सकते हैं, लेकिन साथ-साथ खानपान से संबंधित आदतों को ठीक करके आप इन ट्रीटमेंट का बेहतर रूप से लाभ उठा सकते हैं। 

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Accessed on 24/03/2021

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6417910/

https://www.ayurveda-awareness.com.au/blog/cholesterol-ayurvedic-diet-lifestyle-herbal-remedies/

https://www.ayurbethaniya.org/hypercholesterolemia

https://krishnenduayur.org/news/7-ayurvedic-tips-to-reduce-high-cholesterol/

https://pharmascope.org/ijrps/article/view/3202/7843

Current Version

24/03/2021

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Toshini Rathod


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/03/2021

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