वायरल फैरिन्जाइटिस (ग्रसनीशोथ) क्या है?
वायरल फैरिन्जाइटिस, वायरल इन्फेक्शन जैसे सामान्य सर्दी-जुकाम या फ्लू के द्वारा होता है। यह रोग कई तरह के वायरस से हो सकता है। पुराना वायरल फैरिन्जाइटिस रोग एक खास ऊपरी श्वसन ट्रैक्ट के संक्रमण का एक हिस्सा हो सकता है या फैरिंक्स में संक्रमण हो सकता है। वायरल फैरिन्जाइटिस (viral pharyngitis) की समस्या बच्चों और किशोरों में अधिक देखने को मिलती है।
वायरल फैरिन्जाइटिस के कारण
इस रोग को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कारक भी जिम्मेदार हो सकते हैं:
- भीड़ वाली जगह पर काम करना या रहना
- स्वच्छता की कमी
- धूम्रपान करना
- एलर्जी
इन चीजों के कारण इम्युनिटी भी कम हो सकती है, जो इस रोग का एक कारण भी है:
- तनावया थकावट
- बीमारी
- गंभीर स्वास्थ्य स्थिति जैसे AIDS
- कीमोथेरेपी
इन समस्याओं के कारण भी वायरल फैरिन्जाइटिस (viral pharyngitis) रोग हो सकता है
- हे फीवर
- स्मोकिंग
- प्रदूषित वातावरण में सांस लेना
- ऐसी चीजों को निगलना जो धारदार हों और जिनसे गले की अंदर की त्वचा को हानि पहुंचे जैसे चिप्स आदि
- गैस्ट्रिक रिफ्लक्स
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वायरल फैरिन्जाइटिस के लक्षण
वायरल फैरिन्जाइटिस के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- बुखार
- जोड़ों में दर्द या मांसपेशियों में दर्द
- गला खराब होना
- गले में नरम, सूजी हुई लिम्फ नोड
- गले का लाल, सूजा हुआ होना
- निगलने में परेशानी
- पाचन का कमजोर होना
- थकावट
- रैशेस
- गले का बैठना
निदान
आपके डॉक्टर आपसे इस रोग के लक्षणों के साथ-साथ आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। एक फिजिकल टेस्ट किया जा सकता है। आपके साइनस, छाती और कान आदि की जांच की जाती है। इस रोग का पता इसके लक्षणों और गले की जांच से चलता है। आपके रोग का कारण वायरस है या बैक्टीरिया इसका पता लगाने के लिए गले के पीछे के फ्लूइड का नमूना लिया जा सकता है ताकि मेडिकल इन्फेक्शन (medical infection) का पता चल सके। सही जानकारी प्राप्त होने के बाद ही आगे का उपचार किया जाता है।
वायरल फैरिन्जाइटिस का उपचार
- वायरल फैरिन्जाइटिस के लिए कोई खास उपचार उपलब्ध नहीं है। इसके अधिकतर लक्षण समय के साथ ठीक हो जाते हैं।
- वायरल फैरिन्जाइटिस से होने वाली परेशानियों से राहत पाने के लिए गर्म पानी में नमक डाल कर दिन में कई बार गरारे करने की सलाह दी जाती है।
- एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) जैसी दवाई ले कर आप बुखार को नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाईयों को लेने से गले की समस्याएं बढ़ सकती है।
- अगर वायरल इन्फेक्शन के कारण आपका गला खराब हे तो एंटीबायोटिक्स लेना जरूरी नहीं है। इसमें एंटीबायोटिक लाभदायक नहीं हैं।
- कई बार इस समस्या के कारण गले में लिम्फ नोड सूज जाते हैं। इसके उपचार के लिए आपके डॉक्टर आपको एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाई दे सकते हैं।
- दर्द दूर करने के लिए आपको नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाईयां (NSAIDs) दी जा सकती हैं।
नोट: एस्पिरिन किन्ही खास इंफेक्शन में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है इसलिए बच्चों को यह दवाई को देने से बचे।
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बचाव
वायरल फैरिन्जाइटिस को रोकने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें।
हाथ धोएं
अपने हाथों को अच्छे से धोएं। खासतौर पर जब आप अपना नाक साफ करते हैं या ऐसे बच्चे की देखभाल कर रहे हों जिसका गला खराब है। इसके साथ ही बाथरूम का प्रयोग करने के बाद, खाने से पहले, छींकने या खांसने के बाद अपने हाथ अच्छे से धोना न भूलें। अगर आपके पास हाथ साफ करने के लिए पानी या साबुत उपलब्ध नहीं है तो अल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। पब्लिक फोन या ऐसी अन्य चीजों को न छुएं। किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा प्रयोग किये टिश्यू को फेंक दें और अपने हाथों को अच्छे से साफ करें।
बच्चों का रखें ध्यान
अगर किसी ऐसे बच्चे का गला खराब है जो खिलौनों को मुंह में डालता है, तो ऐसे बच्चे के खिलौने भी पानी और साबुन से धोएं। अन्य व्यक्ति से खाने- पीने की चीजों और बर्तनों को शेयर न करें। अगर किसी व्यक्ति के गले में खराश है तो उनके खाने के बर्तन और पानी पीने के गिलास अलग रखें। इसके साथ ही उनके बर्तनों को गर्म पानी से धोएं।
साफ सफाई
साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। यह चीजें अपने बच्चों को भी सिखाएं। जैसे अपने टेलीफोन, रिमोट, कंप्यूटर कीवर्ड आदि को रोजाना साफ करें।
अन्य उपाय
अगर आपको हे फीवर और अन्य सांस संबंधी एलर्जी है तो इस एलर्जी से बचने के लिए पूरा प्लान बनाएं। जिसमे एलर्जेंस से बचने और दवाईयां कैसे लेनी है, यह सब बातें शामिल हों। कूल-मिस्ट ह्युमिडिफायर का प्रयोग करें। इसके प्रयोग से नाक साफ रहेगी जिससे आप कई समस्याओं से राहत पाएंगे। वायरल फैरिन्जाइटिस रोग से राहत पाने के लिए खूब गर्म पानी, गर्म पेय पदार्थ जैसे सूप आदि से आपको आराम मिलेगा। उन लोगों के संपर्क में आने से बचे जो बीमार हैं। जिस समय प्रदूषण अधिक हो जितना हो सके घर के अंदर रहें और उन जगहों में जाने से बचे जहां अधिक धुआं और प्रदूषण हो।
ऐसे रखें अपना ध्यान
अगर आपको यह समस्या है या आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो इन उपायों को अपना लें:
- धूम्रपान न करें और ऐसी जगह भी न जाएं, जहां लोग धूम्रपान कर रहे हों।
- अधिक पानी पीएं और पर्याप्त आराम करें।
- एक या दो दिन कम बोल कर और हल्का व कम खाना खा कर आप अपने गले को आराम दे सकते हैं। इसके साथ ही मिर्च मसाले व अधिक नमक वाले खाने से भी बचे।
- दर्द होने की स्थिति में आप दर्दनाशक दवाइयों जैसे एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन, अस्टमीनोफेन आदि ले सकते हैं। लेकिन, बच्चों को इन्हे न दें या देने से पहले डॉक्टर से पूछ लें।
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जोखिम
हालांकि यह रोग किसी को भी हो सकता है, लेकिन किन्ही स्थितियों में यह हानिकारक हो सकता है।जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं:
उम्र
बच्चों या किशोरों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। 3 से 15 साल के बच्चों में इन्फेक्शन अधिक होता है।
तम्बाकू का धुआं
खुद धूम्रपान करना या ऐसी जगह पर रहना जहां कोई और धूम्रपान कर रहा हों,। दोनों ही स्थितियां इस रोग का कारण बन सकती हैं। तम्बाकू के उत्पाद का अधिक प्रयोग से मुंह के कैंसर या अन्य समस्याएं हो सकती है।
एलर्जी
मौसम की एलर्जी या धूल, मोल्ड्स या पालतू जानवरों की डंडेर से होने वाली एलर्जी से भी यह समस्या हो सकती है।
पुरानी या लगातार साइनस इन्फेक्शन
अगर आपको पुरानी या लगातार साइनस इन्फेक्शन की समस्या है, तो आप इस रोग का शिकार आसानी से हो सकते हैं और यह आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है।
भीड़
जहां भी लोग इकठ्ठा होते हैं वहां वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण (bacterial infection) आसानी से फैलता है जैसे ऑफिस, स्कूल आदि। ऐसे में संक्रमित लोगों से बचे।
कमजोर इम्युनिटी
अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो आपको यह समस्या बहुत जल्दी हो सकती है। यही नहीं, कमजोर इम्युनिटी होने से आप HIV, डायबिटीज, आदि का भी जल्दी शिकार हो सकते हैं। कमजोर इम्युनिटी का कारण हैं अस्वस्थ खानपान, थकावट, तनाव आदि। ऐसे में इम्युनिटी बढ़ाएं और स्वस्थ रहें।