डर सबसे बुनियादी मानवीय भावनाओं में से एक है। यह नर्वस सिस्टम की एक हलचल है। जब हम शिशु होते हैं, तो जीवित रहने की प्रवृत्ति से लैस होते हैं, जब हम खतरे को महसूस करते हैं या असुरक्षित महसूस करते हैं, भय हमारी रक्षा करने में मदद करता है। यह हमें खतरे से सावधान करता है और इससे निपटने के लिए तैयार करता है। डर महसूस करना बहुत स्वभाविक है और कुछ स्थितियों में सहायक भी होता है, जैसे डर एक चेतावनी की तरह हो सकता है, एक संकेत जो हमें सावधान करता है। इस आर्टिकल में हम आपको डर से कैसे बचें के सवाल का जवाब देंगे। साथ ही, इसके कुछ सकारात्मक पहलुओं पर भी नजर डालेंगे।
डर कैसे काम करता है?
जब हम खतरे को भांप लेते हैं, तो मस्तिष्क तुरंत प्रतिक्रिया करता है और सिग्नल भेजता है, जो तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है। यह शारीरिक प्रतिक्रियाओं का कारण बनता है, जैसे तेज धड़कन, तेज सांस लेना और रक्तचाप में तेजी। शरीर को शारीरिक क्रिया (जैसे दौड़ना या लड़ना) के लिए तैयार करने के लिए मांसपेशियों के समूहों में रक्त पंप करता है। शरीर को ठंडा रखने के लिए त्वचा से पसीना निकलता है। कुछ लोगों को पेट, सिर, छाती, पैर या हाथों में सनसनी हो सकती है। डर की ये शारीरिक संवेदनाएं हल्की या मजबूत हो सकती हैं।