कहते हैं ‘डर से मत डर, डर तो मन की सिर्फ एक गलत फहमी है, क्योंकि डर के आगे तो जीत है’। लेकिन अगर फिर भी डर ज्यादा ही किसी भी व्यक्ति के अंदर समाने लगे, तो इसे फोबिया कहते हैं। ऐसा मना जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं फोबिया का शिकार ज्यादा होती हैं। फोबिया भी अलग-अलग तरह के होते हैं, लेकिन आज इस आर्टिकल में विशेष रूप से समझेंगे एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) क्या है? दरअसल साल 2020 में दि इंटरनैश्नल जर्नल ऑफ इंडियन सायकोलॉजी (The International Journal of Indian Psychȯlogy) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार अंडर ग्रैजुएट स्टूडेंट्स में एग्जाम फोबिया अत्यधिक देखा जाता है। 120 अंडर ग्रैजुएट स्टूडेंट्स (60 लड़के एवं 60 लड़कियां) पर किये गए सर्वे के अनुसार 28.18 प्रतिशत लड़के एवं 7.65 प्रतिशत लड़कियों में एग्जाम एंग्जाइटी (Exam anxiety) देखी गई। तो चलिए एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) से जुड़ी सभी प्रश्नों का उत्तर ढूंढते हैं और एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) से दूर रहते हैं।
- क्या है एग्जाम फोबिया?
- एग्जाम फोबिया के लक्षण क्या हैं?
- एग्जाम फोबिया के कारण क्या हैं?
- एग्जाम फोबिया से कैसे दूर रहें?
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क्या है एग्जाम फोबिया? (What is Exam Phobia?)
एग्जाम फोबिया को एग्जामोफोबिया (Examinophobia) भी कहा जाता है। दरअसल मार्च और अप्रैल महीने को एग्जाम मंथ कहा जाता है और इस दौरान बच्चों का ध्यान खासतौर से पढ़ाई पर होता है। स्टूडेंट्स दिन-रात पढ़ाई में अपना ध्यान लगाते हैं, तो वहीं पेरेंट्स भी बच्चों को समय बर्बाद ना करने की सलाह और एग्जाम में टॉप करने या अच्छे मार्क्स को लेकर लगातार दवाब बनाते रहते हैं। अब ऐसी स्थिति होने पर उनमें डर-घबराहट तो होती है और परेशानी एग्जाम फोबिया बनने लगती है। एग्जाम फोबिया किसी भी उम्र के स्टूडेंट्स में हो सकती है। एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) एक ऐसा डर है, जो परीक्षाओं के समय स्टूडेंट्स पर हावी हो जाता है।
जमशेदपुर के रहने वाले 14 वर्षीय सौरभ सिन्हा से जब हमने एग्जाम प्रेशर और एग्जाम फोबिया से जुड़ी बातों को समझना चाहा, तो सौरभ कहते हैं कि मैं हमेशा से ही अपनी स्टडी टाइम पर करता हूं, लेकिन फिर भी एग्जाम डेट करीब आते-आते थोड़ा प्रेशर में आ ही जाता हूं। ऐसे वक्त में मेरे पेरेंट्स मेरे स्ट्रेस को और एग्जाम को लेकर मन में पैदा होने वाले डर को कम करने में मेरी हेल्प करते हैं। तो सौरभ की मदद उनके पेरेंट्स करते हैं आप अपने बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर लाएं यही शुभकामना हैलो स्वास्थ्य भी आपको देता है।
एग्जामोफोबिया (Examinophobia) के बारे में दिल्ली की रहने वाली 16 वर्षीय तान्या सचदेवा से हमने समझने की कोशिश की, तो तान्या कहती हैं कि मैं 12वीं की परीक्षा देने वाली हूं, बोर्ड में मेरे रिजल्ट अच्छे आयें थें, लेकिन हिस्ट्री में मेरे मार्क्स कम हो गए थें, जबकि मैंने पढ़ाई अच्छे से की थी। इसलिए अभी तो थोड़ा डर इसी वजह से लग रहा है, लेकिन अच्छी बात ये है कि मैं साइंस की स्टूडेंट हूं, जो मुझे पसंद है। इसलिए मैं पढ़ाई ईमानदारी से कर रही हूं और उम्मीद भी अच्छे रिजल्ट की रख रही हूं।
सौरभ और तान्या की बातों से ये समझा आसान हो जाता है कि स्टूडेंट्स थोड़ा टेंशन (Tension) तो जरूर ले लेते हैं, लेकिन समझदारी से इस टेंशन को दूर किया जा सकता है। इसलिए इस आर्टिकल में एग्जाम फोबिया के लक्षणों को समझेंगे और फिर क्या है उसका गुरुमंत्र ये भी जानेंगे।
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एग्जाम फोबिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Exam Phobia)
एग्जामोफोबिया (Examinophobia) के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे:
- तनाव (Tension) में रहना
- बच्चे का स्वभाव चिड़चिड़ा (Irritated) होना
- बिना कारण गुस्सा करना
- घबराहट में रहना
- हताश महसूस करना
- नेगेटिव सोच रखना
- परीक्षा से बचने की कोशिश करना
- हार्ट बीट (Heart Beat) सामान्य से ज्यादा रहना
- पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होता है
- याद की हुई चीजें भी भूल जाना
एग्जाम फोबिया के शिकार बच्चों में ऐसे लक्षण देखे जा सकते हैं। इस आर्टिकल में आगे जानेंगे क्यों ऐसा लक्षण बच्चों में उतपन्न होते हैं।
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एग्जाम फोबिया के कारण क्या हैं? (Cause of Exam Phobia)
एग्जामोफोबिया (Examinophobia) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। इन कारणों में शामिल है:
- बच्चों पर एग्जाम और रिजल्ट को लेकर जरूरत से ज्यादा दवाब डालना।
- कई बार बच्चों को परिक्षण में फेल होने का डर भी इतना ज्यादा होता है कि उनमें एग्जाम या पढ़ाई को लेकर फोबिया हो जाता है।
- एग्जाम की तैयारी ठीक तरह से नहीं होना।
- रिवीजन ना करना।
- एग्जाम डेट नजदीक आने के साथ परेशानी बढ़ना।
- आत्म विश्वास की कमी होना।
- आसपास का माहौल, परिवार और समाज का पढ़ाई को लेकर दबाव।
- बोर्ड एग्जाम या हाइयर एजुकेशन का कट-ऑफ (Cut-offs) ज्यादा होना।
इन कारणों के अलावा और भी एग्जामोफोबिया के कारण हो सकते हैं। लेकिन प्रायः बच्चों पर पेरेंट्स का दबाव या जरूरत से ज्यादा उम्मीद ही एग्जाम फोबिया के कारण बन सकते हैं।
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एग्जाम फोबिया से कैसे दूर रहें? (Tips to avoid Exam Phobia)
एग्जामोफोबिया (Examinophobia) से बचने के लिए यहां दिए जा रहें हैं 7 गुरुमंत्र-
1. योग, एक्सरसाइज या प्राणायाम
रेग्यूलर पढ़ाई को लेकर या सिर्फ एग्जाम के वक्त अत्यधिक दबाव महसूस करते हैं, तो योग (Yog), एक्सरसाइज (Workout) या प्राणायाम (Meditation) स्टूडेंट्स के लिए बेहद लाभकारी माने जाते हैं। एक्सरसाइज के तौर पर बॉडी स्ट्रेचिंग करने वाली एक्सरसाइज या घुटनों को नाक के पास लाना। वहीं प्राणायाम के लिए डीप ब्रीदिंग (Deep breathing) भी की जा सकती है। एग्जाम के वक्त के दौरान होने वाले स्ट्रेस (Stress) को प्राणायाम की मदद से दूर किया जा सकता है। इसके अलावा बच्चों को सुबह उठकर खुली हवा में टहलने के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है, पढ़ाई में मन लगता है और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित में भी सहायता मिलती है एवं याददाश्त भी तेज होती है।
2. डायट का रखें ख्याल
स्टूडेंट्स को एग्जामोफोबिया (Examinophobia) से बचने के लिए और रेग्यूलर लाइफ स्टाइल हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डायट (Healthy Diet) की अहम भूमिका होती है। वहीं एग्जाम के दौरान बॉडी और ब्रेन को एक्स्ट्रा न्यूट्रीशन की जरूरत पड़ती है। इसलिए फ्रूट्स, फ्रेश जूस, हरी सब्जियां, नारियल पानी, पनीर, दूध, दही, छांछ एवं डार्क चॉकलेट जैसी चीजें जरूर खिलाएं। इनसबके के साथ पानी भी खूब पीने को कहें। वहीं स्ट्रीट फूड (Street food), फास्ट फूड (Fast food) या जंक फूड (Junk food) से दूर रखें।
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3. स्ट्रेटजी करें प्लान
एग्जाम फोबिया से बचने के लिए स्ट्रेटजी प्लान करना बेहद जरूरी है। अगर शुरुआत से ही पढ़ाई की प्लानिंग कर ली जाए, तो ये बच्चों को लिए थकाने वाला नहीं होता है और किसी भी उम्र के स्टूडेंट या किसी भी क्लास में पढ़ने वाले बच्चों को एग्जामोफोबिया (Examinophobia) से बचाए रखता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए की रटने की बजाये समझने और वक्त-वक्त पर रिवीजन करने की हैबिट बनायें। छोटे बच्चों को गाइडेंस की जरूरत पड़ती है, लेकिन हाइयर सेकेंड्री से ऊपर की कक्षा में पढ़ने में बच्चों को खुद से स्टडी टाइमटेबल (Study time table) बनाना चाहिए। हां, इसमें वो अपने माता-पिता, घर के बड़े सदस्य या फिर टीचर से मदद ले सकते हैं। पेरेंट्स और बच्चों को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि रिवीजन जरूर होनी चाहिए।
4. सिर्फ परसेंटेज के बारे में ना सोचे
एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) से बचने के उपाय इसे जरूर ध्यान रखें कि हमेशा परसेंटेज के बारे में चिंता ना करें। ये स्टूडेंट्स और पेरेंट्स दोनों के लिए जरूरी है। बेहतर होगा बेस्ट रिजल्ट के लिए पढ़ाई मन से करें। इसलिए परिवार के सदस्यों को बच्चों के दिमाग में परसेंटेज का खौफ ना डालें। यही खौफ फोबिया जैसा रूप ले सकता है, जो बच्चों के साथ-साथ माता-पिता के लिए खतरनाक हो सकता है।
5. जरूरत से ज्यादा एक्सपेक्टेशन ना रखें
कई बार पेरेंट्स, घर के सदस्य या सोशल सर्कल के कारण पेरेंट्स अपने बच्चे से अत्यधिक उम्मीद लगा बैठते हैं। पेरेंट्स को अपने बच्चों की क्षमताओं को समझना जरूरी है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बच्चों की पसंद और ना पसंद को समझें। आज के वक्त में सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर या फिर बैंक जॉब के अलावा कई ऐसे विकल्प हैं, जिसमें बच्चे दिल लगाकर मेहनत करेंगे और उनमें कोई फोबिया भी नहीं होगा। शायद अब वो वक्त नहीं है, जब कहा करते थें कि ‘पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे महान और खेलोगे कूदोगे तो बनोगे ख़राब’। इसलिए बच्चों को मौका दें वो जरूर अच्छा करेंगे।
6. तुलना करने से बचें
ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से कर बैठते हैं, जो नहीं करना चाहिए। तुलना करने से बच्चों पर सिर्फ दबाव पड़ता है, जिसका रिजल्ट कुछ भी नहीं है। तुलना करने की बजाये उन्हें समझाएं। कहते हैं प्यार से समझने पर बच्चे जल्दी समझते हैं। उनके जीवन का उदेश्य क्या है, यह समझाएं। जिस तरह कहते हैं ना घर बच्चों की सबसे पहली पाठशाला है, ठीक वैसे ही तुलना करने की बजाये उन्हें अच्छी शिक्षा दें।
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7. रिलैक्स टाइम जरूर दें
पढ़ाई के बीच में बच्चों को ब्रेक जरूर दें। लगातार बैठकर पढ़ते-पढ़ते बच्चे भी परेशान हो सकते हैं। इसलिए रिलैक्स करने के लिए स्टूडेंट्स अलग-अलग तरीका जरूर अपनाएं। जैसे: डीप ब्रीदिंग करें, थोड़ा वॉक करें और आंखों को कुछ मिनटों तक बंद करने की सलाह दें। बच्चों को रिलैक्स करने के दौरान ब्रेन गेम (Brain game) खेलने की आदत डालें। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पिछले एक साल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहें हैं, तो बोर्ड एग्जाम्स के साथ-साथ अन्य एग्जाम्स के डेट भी क्लियर नहीं हो रहें, जिसकी वजह से बच्चे और माता-पिता भी परेशान हैं। कोविड-19 (COVID-19) की वजह से आउट डोर गेम्स से भी बच्चे दूर हैं, अब ऐसे सिचुएशन में पेरेंट्स ही बच्चों की मदद कर सकते हैं।
एग्जाम फोबिया (Exam Phobia) से बचने के लिए ये 7 उपाय बेहद कारगर मानें जाते हैं। अगर आप अपने बच्चों को एग्जामोफोबिया (Examinophobia) से बचाये रखने के लिए ऊपर बताये उपायों को अपनाने के बाद भी उनके मन में बैठे एग्जाम फोबिया को दूर नहीं रख पा रहें हैं, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
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