खुद के सवालों का जवाब मिलता है
माता-पिता से ज्यादा बच्चे को गलत स्ट्रीम चुन लेने का डर होता है। क्योंकि, हमारे एजुकेशन सिस्टम में अगर बच्चे ने 10वीं क्लास में आर्ट्स स्ट्रीम लिया है, तो 12वीं तक उसे इसी स्ट्रीम से ही पढ़ाई करनी होगी। इसके अलावा कॉलेज के लिए भी उसके पास साइंस, मैथ या मेडिकल जैसे विषयों में पढ़ाई करने का विकल्प नहीं होता है। आमतौर पर देखा जाए, तो बच्चे उसी विषय में सबसे ज्यादा नंबर लाते हैं, जो उनके लिए बहुत आसान होता है। इसी के चलते वो इसी विषय में स्ट्रीम का चुनाव करने का फैसला भी ले सकते हैं। जिसपर आगे उन्हें पछतावा भी हो सकता है। इस पछतावे से बचने और अपने सारे सवालों के जवाब बच्चे की करियर काउंसलिंग के जरिए मिल सकती है। मान लीजिए अगर बच्चे की रूचि मैथ में हैं, लेकिन वो उसमें अच्छा नंबर नहीं लाता है और वहीं हिस्ट्री उसे बहुत ही आसान लगती है, जिसकी वजह से हिस्ट्री में उसके नंबर सबसे ज्यादा आते हैं, तो ऐसे में बच्चे का हिस्ट्री स्ट्रीम चुनना एक गलत फैसला साबित हो सकता है। क्योंकि, भविष्य में वो बहुत ही जल्दी इस विषये बोर हो सकता है और उसके नंबर भी कम आ सकते हैं।
मार्केट ट्रेंड की जानकारी मिले
काउंसिलिंग का एक सबसे बडा फायदा यह भी है कि काउंसलर वैसे सब्जेक्ट या उभरते क्षेत्रों के बारे में जानकारी देते हैं जो भविष्य में रोजगार का अच्छा साधन हो सकती हैं। जिसके आधार पर आपको आपके लिए सबसे अच्छा कॉलेज या इंस्टीट्यूट कौन सा हो सकता है इसके बारे में भी जानकारी दे सकते हैं।
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अच्छी नौकरी के नए विकल्पों की जानकारी भी दें
अगर आपको लगता है कि डॉक्टर, इंजीनियर या वकील ही भविष्य के लिए सबसे अच्छा करियर हो सकता है, तो शायद आप कई और भी जरूरी विकल्पों को कम आंक रहे होंगे। बच्चे की करियर काउंसलिंग से आपको ऐसे कई विकल्पों के बारे में जानकारी मिलती है, तो भविष्य का अच्छा विकल्प बन सकता है। मार्केट की बात करें, तो हर समय किसी एक प्रोफेशन की मांग सबसे ज्यादा हो सकती है। आज भविष्य के लिए बच्चे टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर, मीडिया के साथ-साथ होटल मैनेजमेंट को एक अच्छा विकल्प मान सकते हैं।
पेरेंट्स अपने बच्चों का करियर काउंसलिंग कैसे करना चाहिए?
पेरेंट्स अपने बच्चों का करियर काउंसलिंग कराने के लिए किसी प्रोफेशनल काउंसलर की मदद लें सकते हैं जो मनोवैज्ञानिक तरीके से छात्र से बातचीत और सवाल-जवाब करते हैं। इस दौरान वे साइकोमेट्रिक टेस्ट के आधार पर छात्र की प्रतिभा को समझते हैं और उसके रूचि और भविष्य के स्कोप को देखते हुए उसके एक अच्छी सलाह देने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा आज ऑनलाइल भी बच्चे का करियर काउंसलिंग कराने के ढेरों विकल्प मौजूद हैं अगर विशेषज्ञ से मिलने का समय नहीं मिल पा रहा है, तो इनकी भी मदद ली जा सकती है। साथ ही, आजकल इंट्रेन्स एग्जाम शुरू होने से पहले कई विशेषज्ञ कई तरह के सेमिनार का भी आयोजन करते हैं। जहां पर भी माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य से जुड़े सवालों के उलझन को आसानी से हल कर सकते हैं।