backup og meta

जब मां का दूध ही बन जाता है पीलिया की वजह, ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस के बारे में पूरी जानकारी

जब मां का दूध ही बन जाता है पीलिया की वजह, ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस के बारे में पूरी जानकारी

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) जॉन्डिस का ही एक प्रकार है जिसका संबंध ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) से है। यह बच्चे के जन्म के एक हफ्ते के बाद होता है। यह एक कॉमन कंडिशन है जो कि बच्चे के जन्म के 15 हफ्ते तक चल सकती है। यह कॉम्प्लिकेशन का कारण नहीं बनती है। ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस का सही कारण पता नहीं है। इसका संबंध ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) में पाए जाने वाले सब्सटेंस से हो सकता है जो शिशु के लिवर में बिलीरुबिन (Bilirubin) प्रोटीन को तोड़ने से रोकता है। यह स्थिति जेनेटिक भी हो सकती है।

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) एक दुर्लभ स्थिति है, लेकिन अगर ऐसा होता भी है तो यह अपने आप ठीक हो जाता है। इस दौरान बेबी को ब्रेस्टफीड (Breastfeed) करना सुरक्षित है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस (Breastfeeding Jaundice) से अलग होता है। ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस उस समय होता है जब नवजात शिशु को पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्ट मिल्क नहीं मिलता और वह ब्रेस्टफीडिंग के लिए स्ट्रगल करता है। जबकि ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) से पीड़ित नवजात को ब्रेस्टफीडिंग में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। वह आसानी से ब्रेस्ट से मिल्क पी सकता है।

और पढ़ें : कौन सी हैं बच्चों के लिए जरूरी वैक्सीन?

ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस (Breastfeeding Jaundice)

ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस (Breastfeeding Jaundice) आमतौर पर जन्म के पहले सप्ताह में होता है, जब शिशु और मां स्तनपान करना सीखने के शुरुआती चरण में होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस बच्चे को अपने बिलीरुबिन के स्तर को कम करने के लिए पर्याप्त दूध नहीं मिलने का परिणाम है। यह बिलीरुबिन को आंतों में पुन: अवशोषित करने का कारण बनता है और स्तर को ऊंचा रखता है जो पीलिया को ट्रिगर करता है। बिलीरुबिन को हटाने में मदद करने के लिए एक बच्चे का मेकोनियम (Meconium)  (शुरुआती मल त्याग) भी आवश्यक है, और अपर्याप्त दूध की आपूर्ति मेकोनियम (Meconium)  के होने में देरी करती है।

स्तनपान कराने में कठिनाई, अनुचित लैचिंग (Latching), या स्तनपान में बाधा डालने वाले अन्य कारणों की वजह से ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस हो सकता है। यह एक आम समस्या है जिसमें निश्चित रूप से मां की गलती नहीं है। इस स्थिति के लिए उपचार काफी सरल है, और स्तनपान रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है। मां को प्रतिदिन दूध पिलाने की संख्या बढ़ानी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए लैक्टेशन कंसल्टेंट के साथ काम करना चाहिए कि बच्चे को हर बार सही मात्रा में दूध मिल रहा है। कई महिलाएं लैक्टेशन कंसल्टेंट की सलाह लेने की बात पर सहमत नहीं होती, लेकिन वे वास्तव में बहुत सारी मांओं की मदद करती हैं।

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Breast Milk Jaundice)

और पढ़ें : शिशु के लिए सोया फॉर्मूला कब रेकमंड किया जाता है? साथ ही जानिए 6 बेस्ट सोया फॉर्मूलाज के बारे में

शिशुओं में जॉन्डिस (Jaundice in babies)

जॉन्डिस को हिंदी में पीलिया कहते हैं। यह कंडिशन नवजात शिशुओं में बेहद आम है। जिसमें आंखें और स्किन पीली हो जाती है। यह न्यूबॉर्न में होने वाली काफी कॉमन कंडिशन है। ऐसा तब होता है जब शिशुओं के ब्लड में हाय लेवल का बिलिरुबिन पाया जाता है। बिलिरुबिन एक यलो पिगमेंट है जो रेड ब्लड सेल्स के ब्रेकडाउन होने पर प्रोड्यूस होता है।

सामान्य तौर पर बिलिरुबिन (Bilirubin) लिवर के जरिए गुजरता है जो कि इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Intestinal tract) में रिलीज होता है। नवजात शिशुओं में लिवर अक्सर अंडरडेवलप्ड होता है और ब्लड से बिलिरुबिन को निकालने में सक्षम नहीं होता है। ब्लड में बहुत ज्यादा बिलिरुबिन होने पर स्किन पीली दिखने लगती है। आंखों पर भी इसका असर दिखाई देता है। शिशु में जॉन्डिस के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह लें। वे पता लगा सकते हैं कि यह लक्षण गंभीर है या नहीं। गंभीर जॉन्डिस जिसका इलाज ना किया गया हो तो यह कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकता है। जिसमें ब्रेन डैमेज के साथ ही हियरिंग लॉस तक हो सकता है।

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Breast Milk Jaundice)

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) के लक्षण नवजात शिशु के जन्म के पहले हफ्ते में दिखाई देने लगते हैं। इसमें निम्न शामिल हैं।

और पढ़ें: शिशु के लिए फीडिंग ट्यूब क्यों होती है जरूरी और किन बातों का रखा जाता है ध्यान?

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस का क्या कारण है? (Breast Milk Jaundice Causes)

नवजात रेड ब्लड सेल्स (Red Blood cells) की अधिक मात्रा के साथ पैदा होते हैं। जब उनकी बॉडी जन्म के बाद पुराने रेड ब्लड सेल्स को हटाना शुरु करती है, तो एक पीला पिगमेंट जिसे बिलिरुबिन कहते हैं क्रिएट होता है। आमतौर पर, बिलिरुबिन (Bilirubin) के कारण होने वाला पीला रंग अपने आप ही फीका पड़ जाता है क्योंकि मैच्योर लिवर पिगमेंट को ब्रेक डाउन करता है। यह शरीर से यूरिन या स्टूल से निकल जाता है। डॉक्टर्स को इसका कारण पता नहीं है कि ब्रेस्टफीडिंग करने वाले शिशुओं में जॉन्डिस क्यों होता है?

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Breast Milk Jaundice Diagnosis)

डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए इस बात की जांच करते हैं कि बेबी ठीक से दूध पी पा रहा है या नहीं और मां के स्तनों में मिल्क पर्याप्त है या नहीं। वे शिशु के द्वारा स्तनों को ठीक से पकड़े जाने की भी जांच करते हैं। डॉक्टर्स शिशु के जन्म के बाद हर मां को बताते हैं कि शिशु को दूध कैसे पिलाया जाए। डॉक्टर ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) का निदान करने के लिए ब्लड टेस्ट (Blood Test) भी कर सकते हैं। जिसमें बेबी के ब्लड में बिलिरुबिन की मात्रा का पता लगाया जाता है। बिलिरुबिन का हाय लेवल होने पर जॉन्डिस हो सकता है।

और पढ़ें: कहीं आपके बच्चे में तो नहीं है इन पोषक तत्वों की कमी?

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Breast Milk Jaundice treatment)

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस

जॉन्डिस एक अस्थाई स्थिती है जिससे ब्रेस्टफीडिंग के फायदे कम नहीं होते। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग करवाना भी सेफ माना जाता है। कम गंभीर जॉन्डिस को घर पर ही मॉनिटर किया जा सकता है। इस दौरान डॉक्टर आपको बताएंगे कि आपको बेबी को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए या उसे ब्रेस्ट मिल्क के साथ फॉर्मूला मिल्क भी देना चाहिए। यह नवजात को बिलिरुबिन को स्टूल और यूरिन में निकालने में मदद करता है।

गंभीर जॉन्डिस का इलाज फोटोथेरिपी (Phototherapy) के द्वारा किया जाता है। जिसमें बच्चे को हॉस्पिटल या घर में भी रखा जा सकता है। फोटोथेरिपी के दौरान बेबी को स्पेशल लाइट में दो से तीन दिन के लिए रखना पड़ता है। लाइट बिलिरुबिन के मॉलिक्यूल्स का स्ट्रक्चर चेंज कर देती है जिससे उन्हें शरीर से अधिक तेजी से हटाया जा सके। ऐसे में शिशु को प्रोटेक्टिव ग्लासेज (Protective glasses) पहनाएं जाते हैं ताकि फोटोथेरिपी से आंखों में किसी प्रकार का डैमेज ना हो।

क्या ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस को रोका जा सकता है? (How can be Prevented Breast Milk Jaundice)

ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) को होने से रोका नहीं जा सकता। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग को नहीं बंद करना चाहिए। ऐसा तब ही करना चाहिए जब डॉक्टर ऐसा करने की सलाह देता है। शिशु को हेल्दी रखने के लिए ब्रेस्ट मिल्क जरूरी है। इससे बच्चे को जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं और यह बेबी को बीमारियों और इंफेक्शन से बचाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पिडियाट्रिक्स के अनुसार 6 महीने तक बच्चे को दिन में 12 बार दूध पिलाना चाहिए। कुछ स्टेप्स को फॉलो कर आप ब्रेस्ट मिल्क जोन्डिस के रिस्क को कम कर सकती हैं।

और पढ़ें: Hypotonia: हाइपोटोनिया के कारण शिशु को इन परेशानियों का करना पड़ता है सामना

क्या ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस से ब्रेन डैमेज हो सकता है? (Can Breastfeeding Jaundice Cause Brain Damage?)

ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस शायद ही कभी किसी बड़ी स्वास्थ्य चिंता का कारण बनता है। जब तक पीलिया की सावधानीपूर्वक निगरानी और उपचार किया जाता है, तब तक यह बच्चे को बिना किसी नुकसान के ठीक हो जाना चाहिए। हालांकि, अगर ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस का निदान नहीं किया जाता है और पूरी तरह से अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह संभावित रूप से कर्निकटेरस (Kernicterus) नामक खतरनाक स्थिति में आगे बढ़ सकता है। यदि पीलिया कर्निकटेरस में विकसित हो जाता है तो यह बच्चे के मस्तिष्क को गंभीर और स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान 

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) वाले बच्चे आमतौर पर सही उपचार और सावधानीपूर्वक निगरानी के साथ ठीक हो जाते हैं। यदि बच्चे का लिवर एफिसिएंट हो जाता है और वे पर्याप्त मात्रा में दूध का सेवन करना जारी रखते हैं, तो यह कंडिशन आमतौर पर एक या दो सप्ताह के बाद दूर हो जाती है। दुर्लभ मामलों में, उचित उपचार के साथ भी, पीलिया बर्थ के छठवें सप्ताह तक बना रह सकता है। यह एक अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन का संकेत हो सकता है जिसके लिए अधिक एग्रेसिव ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है।

उम्मीद करते हैं कि आपको ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Breast Feeding and Jaundice/https://www.birthinjuryhelpcenter.org/jaundice-breastfeeding.html/Accessed on 2nd August 2021

Timing of breastfeeding initiation and exclusivity of breastfeeding during the first month of life: effects on neonatal mortality and morbidity–a systematic review and meta-analysis/https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24894730/Accessed on 2nd August 2021

Jaundice/https://www.cdc.gov/breastfeeding/breastfeeding-special-circumstances/maternal-or-infant-illnesses/jaundice.html?CDC_AA_refVal=https%3A%2F%2Fwww.cdc.gov%2Fbreastfeeding%2Fdisease%2Fjaundice.htm/Accessed on 2nd August 2021

Jaundice in Newborns/https://www.kidshealth.org/en/parents/jaundice.html?view=ptr/Accessed on 2nd August 2021

Breastfeeding Jaundice/https://americanpregnancy.org/healthy-pregnancy/breastfeeding/breastfeeding-and-jaundice/Accessed on 2nd August 2021

Current Version

02/08/2021

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: डॉ. हेमाक्षी जत्तानी


संबंधित पोस्ट

शिशु के लिए नट्स : है एक अच्छी चॉइस!

शिशु के लिए सप्लिमेंट्स का उपयोग कब हो जाता है जरूरी?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/08/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement