ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Breast Milk Jaundice)

ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) के लक्षण नवजात शिशु के जन्म के पहले हफ्ते में दिखाई देने लगते हैं। इसमें निम्न शामिल हैं।
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ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस का क्या कारण है? (Breast Milk Jaundice Causes)
नवजात रेड ब्लड सेल्स (Red Blood cells) की अधिक मात्रा के साथ पैदा होते हैं। जब उनकी बॉडी जन्म के बाद पुराने रेड ब्लड सेल्स को हटाना शुरु करती है, तो एक पीला पिगमेंट जिसे बिलिरुबिन कहते हैं क्रिएट होता है। आमतौर पर, बिलिरुबिन (Bilirubin) के कारण होने वाला पीला रंग अपने आप ही फीका पड़ जाता है क्योंकि मैच्योर लिवर पिगमेंट को ब्रेक डाउन करता है। यह शरीर से यूरिन या स्टूल से निकल जाता है। डॉक्टर्स को इसका कारण पता नहीं है कि ब्रेस्टफीडिंग करने वाले शिशुओं में जॉन्डिस क्यों होता है?
ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Breast Milk Jaundice Diagnosis)
डॉक्टर इसका पता लगाने के लिए इस बात की जांच करते हैं कि बेबी ठीक से दूध पी पा रहा है या नहीं और मां के स्तनों में मिल्क पर्याप्त है या नहीं। वे शिशु के द्वारा स्तनों को ठीक से पकड़े जाने की भी जांच करते हैं। डॉक्टर्स शिशु के जन्म के बाद हर मां को बताते हैं कि शिशु को दूध कैसे पिलाया जाए। डॉक्टर ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) का निदान करने के लिए ब्लड टेस्ट (Blood Test) भी कर सकते हैं। जिसमें बेबी के ब्लड में बिलिरुबिन की मात्रा का पता लगाया जाता है। बिलिरुबिन का हाय लेवल होने पर जॉन्डिस हो सकता है।
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ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस का इलाज कैसे किया जाता है? (Breast Milk Jaundice treatment)

जॉन्डिस एक अस्थाई स्थिती है जिससे ब्रेस्टफीडिंग के फायदे कम नहीं होते। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग करवाना भी सेफ माना जाता है। कम गंभीर जॉन्डिस को घर पर ही मॉनिटर किया जा सकता है। इस दौरान डॉक्टर आपको बताएंगे कि आपको बेबी को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए या उसे ब्रेस्ट मिल्क के साथ फॉर्मूला मिल्क भी देना चाहिए। यह नवजात को बिलिरुबिन को स्टूल और यूरिन में निकालने में मदद करता है।
गंभीर जॉन्डिस का इलाज फोटोथेरिपी (Phototherapy) के द्वारा किया जाता है। जिसमें बच्चे को हॉस्पिटल या घर में भी रखा जा सकता है। फोटोथेरिपी के दौरान बेबी को स्पेशल लाइट में दो से तीन दिन के लिए रखना पड़ता है। लाइट बिलिरुबिन के मॉलिक्यूल्स का स्ट्रक्चर चेंज कर देती है जिससे उन्हें शरीर से अधिक तेजी से हटाया जा सके। ऐसे में शिशु को प्रोटेक्टिव ग्लासेज (Protective glasses) पहनाएं जाते हैं ताकि फोटोथेरिपी से आंखों में किसी प्रकार का डैमेज ना हो।
क्या ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस को रोका जा सकता है? (How can be Prevented Breast Milk Jaundice)
ज्यादातर मामलों में ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) को होने से रोका नहीं जा सकता। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग को नहीं बंद करना चाहिए। ऐसा तब ही करना चाहिए जब डॉक्टर ऐसा करने की सलाह देता है। शिशु को हेल्दी रखने के लिए ब्रेस्ट मिल्क जरूरी है। इससे बच्चे को जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं और यह बेबी को बीमारियों और इंफेक्शन से बचाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पिडियाट्रिक्स के अनुसार 6 महीने तक बच्चे को दिन में 12 बार दूध पिलाना चाहिए। कुछ स्टेप्स को फॉलो कर आप ब्रेस्ट मिल्क जोन्डिस के रिस्क को कम कर सकती हैं।
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क्या ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस से ब्रेन डैमेज हो सकता है? (Can Breastfeeding Jaundice Cause Brain Damage?)
ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस शायद ही कभी किसी बड़ी स्वास्थ्य चिंता का कारण बनता है। जब तक पीलिया की सावधानीपूर्वक निगरानी और उपचार किया जाता है, तब तक यह बच्चे को बिना किसी नुकसान के ठीक हो जाना चाहिए। हालांकि, अगर ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस का निदान नहीं किया जाता है और पूरी तरह से अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह संभावित रूप से कर्निकटेरस (Kernicterus) नामक खतरनाक स्थिति में आगे बढ़ सकता है। यदि पीलिया कर्निकटेरस में विकसित हो जाता है तो यह बच्चे के मस्तिष्क को गंभीर और स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) वाले बच्चे आमतौर पर सही उपचार और सावधानीपूर्वक निगरानी के साथ ठीक हो जाते हैं। यदि बच्चे का लिवर एफिसिएंट हो जाता है और वे पर्याप्त मात्रा में दूध का सेवन करना जारी रखते हैं, तो यह कंडिशन आमतौर पर एक या दो सप्ताह के बाद दूर हो जाती है। दुर्लभ मामलों में, उचित उपचार के साथ भी, पीलिया बर्थ के छठवें सप्ताह तक बना रह सकता है। यह एक अंडरलाइंग मेडिकल कंडिशन का संकेत हो सकता है जिसके लिए अधिक एग्रेसिव ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको ब्रेस्ट मिल्क जॉन्डिस (Breast Milk Jaundice) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।