पेरेंट्स बनना खुद में जीवन का एक सुखद एहसास जरूर है, लेकिन डिलवरी के बाद सेक्स लाइफ को फिर से शुरू करने में थोड़ा वक्त लग जाता है। क्योंकि महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे वह स्तनपान के दौरान सेक्स के प्रति अपनी रूचि खोने लगती है। ऐसे में सेक्स लाइफ और पार्टनर के साथ रिश्ते खराब होने लगते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान सेक्स के बारे में सभी पहलुओं के बारे में बताएंगे।
डिलिवरी के बाद कब सेक्स करना सुरक्षित होता है?
एक तरफ जहां प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं, वहीं दूसरी तरफ डिलिवरी या बच्चे के जन्म के बाद भी पूरी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि, बच्चे को जन्म देने के बाद कुछ समय तक महिला का शरीर कमजोर रहता है, इसलिए महिला को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बहुत से लोगों के मन में डिलिवरी के बाद ज्यादातर लोगों का सवाल होता है कि डिलिवरी के कितने समय बाद सुरक्षित सेक्स कर सकते हैं। तो इस सवाल का जवाब ये है कि सेक्स के लिए डिलिवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग (lochia) के खत्म होने तक आपको इंतजार करना चाहिए है। क्योंकि इस अवधि में वजायना को हील होने का समय मिल जाता है।
डिलिवरी के बाद या स्तनपान के दौरान सेक्स करने का सही समय क्या है?
डिलिवरी होने के करीब तीन हफ्ते बाद तक महिला की ब्लीडिंग बंद हो जाती है। हालांकि, वजायना को पूरी तरह से हील होने में चार से छह हफ्ते तक का समय लग सकता है। इसके बाद आप सेक्स कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि डिलिवरी के बाद प्लेसेंटा के बाहर निकलने से गर्भाशय में घाव हो जाता है। इस घाव को भरने में थोड़ा समय लगता है। अगर ब्लीडिंग बंद होने से पहले ही सेक्स करेंगे, तो इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा जब भी आपको लगे कि डिलिवरी के बाद अब आप शारीरिक और मानसिक रूप से सेक्स के लिए तैयार हैं, तो ही सेक्स शुरू करें। वैसे डिलिवरी के बाद सेक्स की इच्छा कम हो सकती है। ऐसे में डिलिवरी के बाद सेक्स को लेकर अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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स्तनपान के दौरान सेक्स लाइफ कैसे होती है प्रभावित?
ब्रेस्टफीडिंग के कारण सेक्स लाइफ में कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं :
क्या स्तनपान के कारण सेक्स ड्राइव प्रभावित होती है?
हां, स्तनपान के दौरान सेक्स ड्राइव में कमी आती है। एक अध्ययन के अनुसार स्तनपान ना कराने वाली महिलाओं की तुलना में स्तनपान कराने वाली महिलाओं में सेक्स ड्राइव या सेक्स करने की इच्छा कम होती है। यूं कह लीजिए कि उनमें सेक्स को लेकर फिर से इंटरेस्ट आने में समय लगता है। ऐसा इसलिए होता है कि डिलिवरी के बाद एस्ट्रोजन हॉर्मोन का लेवल गिर जाता है। इसके अलावा स्तनपान के दौरान प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसीन हॉर्मोन बढ़ जाता है। प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसीन हॉर्मोन सेक्स ड्राइव को कम करता है।
प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसीन हॉर्मोन का कॉम्बिनेशन स्तनपान के दौरान बच्चे के प्रति प्रेम और खुशी का एहसास दिलाता है। ऐसे में मां का प्यार और ध्यान बच्चे की ओर बढ़ जाता है, इस कारण से स्तनपान के दौरान सेक्स की इच्छा कम होने लगती है। साथ ही अपने पार्टनर के प्रति आपको आकर्षण भी कम महसूस होता है।
ऐसे में आपको बच्चे को 6 महीने तक स्तनपान के बाद सॉलिड फूड्स पर शिफ्ट करना चाहिए। जिससे आपके शरीर में हॉर्मोन का लेवल सामान्य होने लगता है और फिर से सेक्स लाइफ में इंटरेस्ट लौटने लगता है।
क्या सेक्स के दौरान ब्रेस्ट से मिल्क लीक हो सकता है?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सेक्स करने से ब्रेस्ट स्टीम्यूलेट हो सकता है। जिससे स्तनों से दूध निकल या लीक हो सकता है। ऐसे में कई बार दोनों पार्टनर का मन खराब हो सकता है और सेक्स से मूड ऑफ हो सकता है। ऐसे में आप अच्छे क्वालिटी कि नर्सिंग ब्रा पहनें और इसके नीचे नर्सिंग पैड भी लगाएं। इसके अलावा सेक्स करने से पहले बच्चे को दूध पिला लें, जिससे आपके ब्रेस्ट से मिल्क खत्म हो जाएगा और ब्रेस्ट लीक भी नहीं होगा।
दूसरी तरफ देखा गया है कि कुछ पुरुषों को ब्रेस्ट मिल्क पीने की इच्छा होती है। जिससे आपको इसे इरोटिक लैक्टेशन, लैक्टोफिलिया या कामुक स्तनपान कहते हैं। ऐसा पुरुषों में एडल्ट ब्रेस्टफीडिंग पॉर्नोग्राफी देख कर होता है। कई बार पुरुष को ऐसा लगता है कि बच्चा होने के बाद उनकी पत्नी उन पर कम ध्यान दे रही है। बच्चे के साथ पुरुष पार्टनर ब्रेस्टफीडिंग कर के खुद के लिए स्पेशल अट्रैक्शन चाहता है।
क्या स्तनपान के दौरान सेक्स करने में दर्द होता है?
बहुत सारी महिलाओं को स्तनपान के दौरान सेक्स करते वक्त वजायना में टाइटनेस और दर्द महसूस होता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलिवरी के बाद भी महिलाओं में कई तरह के हॉर्मोनल चेंजेस होते हैं। जिससे वजायना में ड्राईनेस महसूस होने लगती है और सेक्स के दौरान महिला को दर्द महसूस होता है। वहीं, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में खासकर के वजायनल प्रॉब्लम हो जाती है। हालांकि, ऐसा होता नहीं है कि हर महिला में ये समस्या हो। लेकिन फिर भी जिनमें होती है, उन्हें डॉक्टर से मिल कर अपनी समस्या का समाधान निकालना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर एस्ट्रोजन क्रीम या वजायनल लूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।
क्या ब्रेस्टफीडिंग गर्भनिरोधक की तरह काम करती है?
अक्सर आपने सुना होगा कि स्तनपान के दौरान सेक्स करने वाली महिलाओं में गर्भधारण का चांस बहुत कम होता है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रेस्टफीडिंग खुद में एक गर्भनिरोधक की तरह काम करती है। हालांकि, इस बात की जानकारी बहुत ही कम लोगों को होती है। जब कोई मां नियमित रूप से बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती है, तब स्तनपान गर्भनिरोधक का काम करता है। लेकिन इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
ब्रेस्टफीडिंग करवाने से ही महिलाओं की माहवारी दोबारा देर से शुरू होती है। ब्रेस्टफीडिंग को गर्भनिरोधक के रूप में लैक्टेशन एमिनॉरिया मैथेड (LAM) के नाम से जाना जाता है। लैक्टेशन एमिनॉरिया मैथेड को 98 फीसदी से ज्यादा प्रभावशाली पाया गया है।
लैक्टेशन एमिनॉरिया मैथेड से अनवॉन्टेड प्रेग्नेंसी नहीं होती है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद से ही महिला के योनि से ब्लीडिंग होने लगती है, जो तीन हफ्ते से एक महीने तक चलता रहता है। वहीं, बच्चे को जन्म के तुरंत बाद से ही स्तनपान कराने से मां को लगभग पांच से छह महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं। जिससे प्रेग्नेंट होने का जोखिम कम हो जाता है।
स्तनपान के दौरान सेक्स की इच्छा कैसे बढ़ाएं?
ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान सेक्स की इच्छा को निम्न टिप्स से बढ़ा सकती हैं :
फोरप्ले और रोमांटिक बातें करें
डिलिवरी के बाद और स्तनपान के दौरान सेक्स लाइफ को वक्त देना बेहद जरूरी है। सेक्स की शुरुआत करने से पहले फोरप्ले जरूर करें। फोरप्ले न सिर्फ एक-दूसरे को सेक्स के लिए उत्तेजित करता है बल्कि, सेक्स के टाइम को भी बढ़ा सकता है। ऐसे में फोरप्ले के वक्त पार्टनर के नाजुक अंगों पर हल्की-हल्की उंगलियां फिराएं या टच करें। ऐसा करने से आपके पार्टनर का मन भी सेक्स के लिए एक्साइटेड हो सकता है। साथ ही, कुछ रोमांटिक बातें करें, कुछ पुराने अंतरंग पलों के बारे में बात करें।
समय मिलने पर किस कर जताएं प्यार
स्तनपान के दौरान सेक्स लाइफ को रोमांटिक बनाने की जिम्मेदारी आप दोनों की है। लेकिन अगर पत्नी का मन ना करें तो आप पुरुष पार्टनर की जिम्मेदारी है कि अपनी पत्नी के प्रति प्रेम दिखाएं। जब भी थोड़ा मौका मिले तो एक पत्नी को गले लगाएं या किस करें। ऐसा करने से अंदर से सेक्स के प्रति रुचि बढ़ती है और पत्नी को समझ में आएगा कि बच्चे के बाद भी सेक्स की इच्छा रखना खुद में कितना सुखद एहसास है।
प्यार में थोड़ी शरारत भी है जरूरी
स्तनपान के दौरान सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए अपनी पत्नी के साथ शरारत करें। पत्नी को एक्साइटेड करने के लिए आप उनके बालों से खेल सकते हैं। इस दौरान, अपने हाथों को उनकी पीठ, गर्दन, हिप्स, चेहरे पर सहलाएं। इससे महिला के अंदर एक्साइटमेंट होती है और वह सेक्स के लिए तैयार हो सकती है।
खुद को निखारें
डिलिवरी के बाद महिलाएं बच्चे के चक्कर में अपने लुक्स पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। लेकिन स्तनपान के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के लिए कुछ नया और दिलचस्प ट्राई करने के लिए खुद को निखारें। आप कुछ ऐसा करें जो आपके पार्टनर को आपमें अलग और अच्छा लगे। इस तरह से आप और वो एक दूसरे के तरफ अट्रैक्ट होते हैं। इसके लिए आप न्यू हेयर कट, पैडीक्योर, मैनिक्योर या न्यू अंडरगारमेंट का सेट भी ले सकती हैं, जिसमें पैड हो। इस तरह से आप अपने पार्टनर को विश्वास दिला सकती हैं कि आप अब भी उनके लिए प्यार और समर्पण का भाव रखती हैं।
ऊपर बताए गए टिप्स को आप अपना कर स्तनपान के दौरान सेक्स लाइफ में इंटरेस्ट बढ़ा सकती है। कभी-कभी सोचें कि बच्चे के बाद आपकी सेक्स लाइफ क्यों खत्म हो रही है। खुद को अंदर से मोटिवेट करें और अपनी जिंदगी में रंग भरें। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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