जिन लोगों के घर में शिशु होंगे उन्हें इस बात का अंदाजा जरूर होगा कि शिशुओं को रोते हुए चुप कराना कितना मुश्किल कार्य है। कभी-कभी हम लाख कोशिश करने के बाद भी यह समझ नहीं पाते हैं, कि उन्हें क्या समस्या है। जिस कारण से वो इतना रो रहे हैं। दरअसल शिशु हमारी और आपकी तरह अपने समस्या को बोलकर बता नहीं सकते हैं। इस कारण घर के बड़े बुजुर्ग अपने अनुभव के अनुसार या अनुमान लगा लेते हैं, कि उन्हें क्या चाहिए और वो क्यों रो रहे हैं। इसलिए कई बार बच्चों को घर की दादी और नानी एक बार में ही चुप करा देती है। जो महिलाएं पहली बार बच्चे को जन्म देती है उनके लिए शिशु के रोने का मतलब समझना थोड़ा मुश्किल कार्य होता है। उन्हें बच्चों के रोने का कारण समझने में थोड़ा वक्त लगता है। वैसे यदि आपने ध्यान दिया होगा तो अक्सर रोते हुए बच्चे को मां या दादी-नानी चम्मच से एक घूटी पिलाती हैं, जिसके बाद कई बार बच्चे ऐसे चुप हो जाते हैं। जैसे वो घूटी किसी प्रकार का कोई जादू रहा हो। दरअसल सदियों पूराना एक नुस्खा है जिसमें दर्द से रोते हुए शिशु को मिश्री पानी या ग्राइप वॉटर पिलाते हैं। जो वास्तव में शिशु के दर्द पर बहुत तेजी से कर्य करता है।