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बच्चों में काले घेरे के कारण क्या हैं और उनसे कैसे बचें?

बच्चों में काले घेरे के कारण क्या हैं और उनसे कैसे बचें?

बच्चों की आंखें बहुत नाजुक होती हैं और आपकी जरा-सी लापरवाही उनके लिए खतरनाक साबित  हो सकती है। अभी तक आपने सिर्फ बड़ों में ही आंखों के नीचे काले घेरों के बारे  में सुना होगा  लेकिन आपको बता दें कि यह समस्या छोटे बच्चों को भी हो सकती है और उनमें ये तनाव  कारण नहीं बल्कि किसी स्वास्थ्य समस्या की वजह से हो सकती है। बच्चों की आंखों के नीचे काले घेरे होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से अधिकतर सामान्य होते हैं।

आंखों के नीचे की त्वचा चेहरे के अन्य अंगों के मुकाबले पतली होती है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों की आंखों के नीचे भी डार्क सर्कल आसानी से दिखाई दे सकते हैं। थकान के कारण शिशु का अपनी आंखों को मसलना भी एक सामान्य आदत है जिसकी वजह से आंखों के नीचे की संवेदनशील त्वचा लाल हो जाती है।

कई माता-पिता इसका कारण एलर्जी को मानते हैं लेकिन मौसमी एलर्जी 1 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में दिखाई नहीं देती है। शिशु को गर्मी और सर्दी के मौसम का एहसास होना जरूरी होता है जिसके बाद ही उसमें वातावरण की एलर्जी से प्रभावित होने पर लक्षण व संकेत दिखाई देते हैं।

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जो बच्चे नाक की एलर्जी से प्रभावित होते हैं उनमें आंखों के नीचे काले घेरे नजर आने लगते हैं। ऐसा आमतौर पर त्वचा के नीचे मौजूद रक्त वाहिकाओं में सूजन होने के कारण होता है।

कुछ नवजात शिशुओं खासतौर से संवेदनशील बच्चों को अपनी मां के आहार के कारण भी एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। लेकिन यह आमतौर पर हीव्स या मल में खून के रूप में दिखाई देते हैं न कि आंखों के नीचे डार्क सर्कल के रूप में।

हालांकि, बच्चों में काले घेरे किसी ट्यूमर के कारण होना एक बेहद दुर्लभ बात है लेकिन इसकी आशंका कुछ शिशुओं में अधिक होती है। बच्चों की आंखों के नीचे अत्यधिक काले घेरे होने पर तुरंत डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकते हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बच्चों की आंखों के नीचे काले घेरे कैसे और क्यों आते हैं और साथ ही इनका क्या कारण है और छोटे शिशु को इनसे कैसे बचाया जा सकता है। इसके अलावा यदि स्थिति गंभीर हो जाती है तो उसकी कैसे पहचान करें और डॉक्टर से कब सलाह लें।

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बच्चों में काले घेरे क्यों होता है

बच्चों में काले घेरे आंखों के नीचे की बजाए आसपास धब्बे बनाते हैं। बच्चों में डार्क सर्कल होने के कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से आंखों के नीचे का हिस्सा प्रभावित हो रहा हो।

बच्चों की आंखों के नीचे की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है जिसे पैरीऑर्बिटल स्किन कहा जाता है। यह बेहद कोमल और मुलायम होती है। इस त्वचा के अंदर मौजूद रक्त वाहिकाओं को इंफ्राऑर्बिटल वेनस प्लेक्सस कहा जाता है जो नाक से जुड़ी होती हैं। इस हिस्से पर असुविधा पहुंचने पर रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है और वह त्वचा के पास पहुंचने के कारण आंखों के नीचे के हिस्से में काले घेरे के रूप में दिखाई देती हैं।

कुछ बच्चों में डार्क सर्कल नाक बंद की वजह से होते हैं। खासतौर से जब नाक प्रदूषण से प्रभावित हुई हो। साइनासाइटिस में साइनस कैविटी के कारण  भी बच्चों में काले घेरे हो सकते हैं। ऐसा नाक के अंदर बैक्टीरिया के कारण हुए संक्रमण की वजह से होता है।

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दुलर्भ कैंसर के कारण आंखों के काले घेरे (Neuroblastomas)

न्यूरोब्लास्टोमा एक प्रकार का कैंसर है जो अविकसित नस की कोशिकाओं में विकसित होता है और शरीर के किसी भी अंग में पाया जा सकता है।

न्यूरोब्लास्टोमा अधिवृक्क ग्रंथि में या उसके आसपास होता है जो नस की कोशिकाओं की ही तरह उत्पन्न होता है और किडनी के ऊपर स्थित होता है, लेकिन न्यूरोब्लास्टोमा शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पेट, छाती, गला और रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित कर सकता है जहां कहीं नस की कोशिकाओं का समूह मौजूद होता है।

 आम तौर पर न्यूरोब्लास्टोमा  5 वर्ष से कम की आयु वाले बच्चों में पाया जाता है। हालांकि, इसकी आशंका बेहद कम होती है।

न्यूरोब्लास्टोमा के कुछ प्रकार अपने आप चले जाते हैं जबकि कुछ को कई प्रकार के इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है। निम्न लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • आंखों में बदलाव, पलकों का सूखना और आंख की पुतली का आसामान्य आकार।
  • आंखों की नस जहां से शुरू होती है, वहां से अधिक आगे तक आंखों की पुतली का फैलना
  • यदि बच्चों में काले घेरे निशान जैसे दिखते हैं या आंखों के नीचे की बजाए आसपास की त्वचा को प्रभावित करते हैं तो यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।

न्यूरोब्लास्टोमा एक बेहद दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है जो शिशु की आंखों को रकून जैसे जानवर की आंखों की तरह बना सकती है। इस स्थिति की पहचान होते ही इलाज करवाने से बच्चे को अन्य गंभीर स्वास्थ्य संबंधित स्थितियों के विकसित होने से बचाया जा सकता है।

अस्थमा के कारण डार्क सर्कल

बच्चों में काले घेरे अस्थमा के कारण हो सकते हैं। अमेरिका के अस्थमा एंड एलर्जी फाउंडेशन के अनुसार बच्चों में डार्क सर्कल अस्थमा की शुरूआत के रूप में भी दिख सकते हैं। जब बच्चों को अस्थमा होने वाला होता है तो उनमे कुछ लक्षण नजर आते हैं। आंखों के नीचे की स्किन का रंग गहरा हो जाना, सांस लेने में समस्या होना, थकान का जल्दी अनुभव होना, बोलते समय आवाज का भारी होना, रात के समय खांसी आना आदि। अगर बच्चे में ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो हो सकता है कि बच्चे को अस्थमा होने वाला है। ऐसी सिचुएशन में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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बच्चों में काले घेरे के अन्य कारण

इस स्थिति का सबसे सामान्य कारण होता है बच्चे की आंखों के नीचे की त्वचा का बेहद कोमल होना। इसकी वजह से इसके अंदर मौजूद रक्त वाहिकाएं गहरी नजर आने लगती हैं।

  • बच्चों में काले घेरे अनुवांशिक रूप से भी हो सकते हैं। यदि परिवार के किसी सदस्य को आंखों के काले घेरे हैं तो शिशु में ऐसा होने पर कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
  • कुछ बच्चों में दूसरो के मुकाबले आंखों के नीचे अधिक कोमल त्वचा होती है जिसकी वजह से आंखों के नीचे काले घेरे नजर आने लगते हैं।
  • थकान के कारण भी बच्चों में डार्क सर्कल हो सकते हैं। दिन या रात के समय आराम व नियमित नींद न मिलने के कारण शिशु की त्वचा पीली पड़ सकती है और आंखों के नीचे काले घेरे नजर आने लगते हैं। यह लक्षण वयस्कों में भी सामान्य देखा गया है।
  • दुर्लभ मामलों में बच्चों में काले घेरे त्वचा के चर्म रोग, बैक्टीरियल इंफेक्शन, एक्जिमा की समस्या, नाक में संक्रमण, सांस संबंधी संक्रमण और पानी की कमी के कारण हो सकते हैं। इनकी वजह से बच्चों की आंखों के नीचे काले घेरे या सर्कल के निशान भी नजर आ सकते हैं।

बच्चों में काले घेरे एलर्जी के कारण भी हो सकते हैं जिन्हें अक्सर एलर्जिक शिनर्स बुलाया जाता है। रेस्पिरेटरी एलर्जी और नाक में कफ जमने की वजह से आंखों के नीचे की नसों तक खून नहीं पहुंच पाता है जिसकी वजह से डार्क सर्कल नजर आने लगते हैं।

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बच्चों में डार्क सर्कल का ट्रीटमेंट

बच्चों में काले घेरे को कुछ उपायों की मदद से कम किया जा सकता है, जैसे :

  • इस बात को सुनिश्चित करें कि शिशु को सही मात्रा में नींद और आराम प्राप्त हो रहा है। उन्हें स्वस्थ आहार का सेवन करवाएं और  गतिशील बनाएं ताकि उनका वजन असामान्य रूप से न बढ़े।
  • यदि बच्चों में काले घेरे एलर्जी के कारण हुए हैं तो उसे पोलेन, धूल और जानवरों से दूर रखें। गुनगुने पानी में कपड़े को भिगो कर आंखों के काले घेरे पर लगाएं और उस हिस्से को आराम से साफ करें।
  • बच्चों को आंखों और चहरे पर निशान मारने से बचाने के लिए उनके हाथों को साफ रखें और नाखूनों को काटें।

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अपनाएं ये घरेलू उपचार

बच्चों के आंखों के नीचे काले घेरे कई कारणों से आ सकते हैं। अगर बच्चे को कोई गंभीर बीमारी नहीं है तो घर में भी काले घेरे को खत्म करने के लिए उपचार किया जा सकता है। आंखों को बॉडी का सेंसिटिव पार्ट माना जाता है, इसलिए बच्चों की आंखों में किसी भी तरह का उपाय करने से पहले आपको डॉक्टर की राय भी लेनी चाहिए। जानिए क्या उपाय अपनाकर काले घेरे यानी डार्क सर्कल की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

  • आप टी बैग का यूज तो करते ही होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि टी बैग डार्क सर्कल को कम करने का भी काम करता है। जी हां ! आप कूल टी बैग को कुछ समय के लिए बच्चे की आंखों के ऊपर रखें। ऐसा करने से उस स्थान की मसल्स में टेंशन कम होगा और बच्चे को राहत का एहसास भी होगा।
  • बच्चों को खीरा या कूकंबर खाना पसंद होता है। अगर आप कुकंबर यानी खीरा को कुछ देर के लिए बच्चे की आंखों के ऊपर रखेंगे तो ये काले घेरे की समस्या को कम करने में मदद करेगा। खीरा आंखों में रखने पर बहुत रिलैक्स फील होता है।
  • अगर बच्चे को थकान के कारण डार्क सर्कल की समस्या हो रही है तो आप एक स्पून को आईस(बर्फ) की मदद से ठंडा कर कुछ देर के लिए बच्चे की आंख के ऊपर रखें। इससे आंखों की आसपास की मसल्स को रिलैक्स फील होगा।
  • आप बच्चों की आंखों के आसपास मसाज जरूर करें। आंखों के आसपास मसाज के लिए कौन-सा तेल इस्तेमाल कर सकते हैं, इस बारे में डॉक्टर से आप जानकारी ले सकते हैं।
  • अगर बच्चा खाना सही से नहीं खा रहा है तो आप तुरंत बच्चे की जांच जरूर कराएं।

बादाम का तेल करें इस्तेमाल

आंखों के नीचे की सॉफ्ट स्किन का डार्क कलर दूर करने के लिए ऑयल, कोल्ड कम्प्रेस के साछ ही अन्य विधिया भी अपनाई जा सकती हैं। एक बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह की विधि को अपनाने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें। ऐसा करने से आप संभावित समस्या से बच सकते हैं।

बच्चों की मालिश विभिन्न प्रकार के तेल से की जाती है। अगर आप बच्चे के आंखों के नीचे या फिर पूरे चेहरे में बादाम के तेल से मालिश करते हैं तो आंखों के नीचे का कालापन दूर हो सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि बादाम का तेल प्योर होना चाहिए और उसमे किसी प्रकार के केमिकल की मिलावट नहीं होनी चाहिए। आप हाथों में दो से तीन ड्रॉप बादाम का तेल लें और फिर कॉटन की हेल्प से आंखों के नीचे लगाएं। अब करीब 15 से 20 मिनट तक आंखों के नीचे बादाम का तेल लगा रहने दें। आप इस प्रोसेस को एक दिन करें, अगर बच्चे को किसी प्रकार की समस्या न महसूस हो तो आप इसे रोजाना भी कर सकते हैं। रेगुलर इस प्रोसेस को करने के बाद आपको कुछ समय बाद ही फर्क महसूस होने लगेगा।

डार्क सर्कल से छुटकारा पाने के लिए  क्रीम का करें इस्तेमाल

आपने सुना होगा कि दूध कि मलाई स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है। जी हां ! ये सच है कि मिल्क क्रीम का इस्तेमाल करने से स्किन को नरिशमेंट मिलता है। अगर फेस में रोजाना कुछ समय के लिए मिल्क क्रीम से मसाज की जाए तो भी आंखों के काले घेरे से छुटकारा पाया जा सकता है। आप मिल्क क्रीम को आंखों के नीचे करीब 10 से 15 मिनट तक लगाएं और फिर धो लें। फिर आप कॉटन की हेल्प से मलाई को हटा लें। ध्यान रखें कि आंखों के नीचे की स्किन से कुछ भी हटाते समय हल्के हाथों का प्रयोग करें, वरना आपकी आंख लाल भी हो सकती है। अगर गलती से कुछ आंख में चला गया तो जलन भी हो सकती है।

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डार्क सर्कल कम करने के लिए आलू का रस

आलू का रस स्किन के लिए फायदेमंद होता है। आलू में स्किन को नरिश करने के काम करता है। आप पटैटो जूस का इस्तेमाल बच्चों में डार्क सर्कल की समस्या को दूर करने के लिए कर सकती हैं। बच्चों के आंखों की नीचे की स्किन में कुछ भी लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आंखों के अंदर कुछ भी नहीं जाना चाहिए। आलू के जूस को आंखों के नीचे दस मिनट के लिए लगाएं और फिर उसे साफ कर दें। आप इसे सप्ताह में दो से तीन बार भी अप्लाई कर सकती हैं।

केसर का करें इस्तेमाल

केसर जिस तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है,ठीक उसी तरह से केसर का इस्तेमाल करने से स्किन को भी लाभ पहुंचता है। केसर में एंटी-एलर्जिक और एंटी इंफ्लामेंट्री गुण होते हैं। जिन बच्चों को एलर्जी रिएक्शन के कारण काले घेरे हुए हैं, वो केसर का इस्तेमाल करने से ठीक हो सकते हैं। आप केसर के दूध का इस्तेमाल आंखों के नीचे की स्किन में कर सकते हैं। केसर को एक चम्मच दूध में मिक्स करें और फिर उसे आंखों के नीचे लगाएं। इसे करीब 15 मिनट तक लगा रहने दें। आप चाहे तो थोड़ा सा केसर बच्चे की स्किन में लगा कर पहले देख लें कि कहीं बच्चे को केसर से एलर्जी तो नहीं है। आप इस प्रोसेस को रोजाना न करें बल्कि हफ्ते में एक से दो बार दोहराएं।

बच्चों में काले घेरे होना हमेशा चिंता की बात नहीं होती है। यदि आपके शिशु को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो पहले कुछ घरेलू उपायों का प्रयोग करें। शिशु की इस स्थिति का कारण सूजन भी हो सकती है जो आमतौर पर अपने आप चली जाती है। यदि एक सप्ताह बाद भी आंखों के नीचे काले घेरे न जाएं तो तुरंत डॉक्टर या पीडियाट्रिशन से संपर्क करें।

बच्‍चों की आंखों का आपको खास ख्‍याल रखना है और जितना हो सके उन्‍हें नुकीली और पैनी चीजों से दूर रखें। वहीं अगर आपको अपने बच्‍चे की आंखों के नीचे काले घेरे दिख रहे हैं तो इस मामले में लापरवाही न बरतें। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। अगर आप बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित अधिक खबरे पढ़ना चाहते हैं तो हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

08/09/2020

Shivam Rohatgi द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ

Updated by: Bhawana Awasthi


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डॉ. पूजा दाफळ

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Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/09/2020

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