backup og meta

Groin pain: बच्चों में ग्रोइंग पेन क्या होता है?

Groin pain: बच्चों में ग्रोइंग पेन क्या होता है?

हम सभी जानते हैं की समय के साथ बच्चों का शारीरिक विकास होता है। ठीक उसी तरह जिस तरह आपका और हमारा विकास हुआ है। बच्चों के पैरों में दर्द (Leg pain) और थरथराहट को ग्रोइंग पेन (Groin pain) कहा जाता है। यह अक्सर थाई और पिंडली के आगे की तरफ व घुटनों के पीछे होता है। ग्रोइंग पेन बच्चों के दोनों पैरों को प्रभावित करता है और ज्यादातर रात में सोते समय उतपन्न हो सकता है। हालांकि, बच्चों के पैरों में होने वाले दर्द को ग्रोइंग पेन कहा जाता है लेकिन अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है की बच्चों में वृद्धि पीड़ादायक होती है। ग्रोइंग पेन अक्सर लोअर बॉडी से जुड़ा होता हैं और कुछ मामलों में साइकोलॉजिकल समस्याओं के रूप में भी देखा जा सकता है। बच्चों के पैरों में दर्द का कोई इलाज नहीं है। आप अपने बच्चे को आराम पहुंचाने के लिए उसके प्रभावित हिस्से पर हीटिंग पैड या किसी अन्य तरिके से गर्म सिकाई कर सकते हैं। इससे मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कुछ समय के लिए कम किया जा सकता है। जानिए ग्रोइंग पेन (Groin pain) क्या होता है?

[mc4wp_form id=”183492″]

और पढ़ें: बच्चों में ब्रोंकाइटिस की परेशानी क्यों होती है? जानें इसका इलाज

ग्रोइंग पेन (Groin pain) क्या होता है?

ग्रोइंग पेन कोई बीमारी नहीं है। इस स्थिति में आपको बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, यह बच्चे के लिए थोड़े पीड़ादायक हो सकते हैं। यह आमतौर पर 3 से 5 या 8 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है। डॉक्टर की माने यह दर्द ग्रोथ के कारण नहीं होता है। लेकिन यह बच्चे की ग्रोथ होने के बाद गायब हो जाता है। अधिकतर बच्चों में 10 वर्ष के बाद ग्रोइंग पेन नहीं होता है।

इस स्थिति में बच्चों के पैरों में दर्द और थतथराहट महसूस होती है। यह ज्यादातर थाई (जांघो) और पिंडली के अगले और घुटनों के पिछले हिस्से को प्रभावित करता है। आमतौर पर दर्द दोनों पैरों में होता है।

ग्रोइंग पेन अक्सर रात के समय ठीक सोने से पहले शुरू होता है। कभी-कभी बच्चों को सोने से पहले दर्द महसूस नहीं होता है लेकिन बीच रात उनके पैरों में दर्द उठ सकता है। हालांकि, अच्छी बात यह है की बच्चों के पैरों में दर्द सुबह अपने आप चला जाता है।

योग से दर्द नियंत्रण के बारे में जानने के लिए वीडियो देख लें एक्सपर्ट की राय

और पढ़ें: बच्चों के लिए मोबाइल गेम्स खेलना फायदेमंद है या नुकसानदेह

बच्चों के पैरों में होने वाले दर्द (Leg pain) को कैसे पहचाने?

ग्रोइंग पेन अक्सर बच्चों के पैरों में थरथराहट और दर्द की तरह महसूस होता है और यह आमतौर पर शरीर के दोनों तरफ हो सकता है। दर्द अपने आप ही आता है और कुछ समय के बाद चला भी जाता है। अधिकतर मामलों में बच्चों को रात और शाम के समय दर्द उठता है और सुबह तक ठीक हो जाता है। बच्चों के पैरों में दर्द के दौरान कुछ बच्चों को सिरदर्द या पेट में दर्द (Stomach pain) भी महसूस हो सकता है।

पैरों में ग्रोइंग पेन – पैरों में होने वाला ग्रोइंग पेन ज्यादातर पिंडली, पिंडली की हड्डी (शिन बोन), घुटनों के पीछे और थाई के अगले हिस्से में होता है।

घुटनों में होने वाला ग्रोइंग पेन – ग्रोइंग पेन घुटने के पीछे की तरफ होता है और आगे के जोड़ को कम प्रभावित करता है। हालांकि, जोड़ पर लालिमा, सूजन या गर्माहट महसूस होने पर यह बच्चे में अर्थराइटिस का संकेत हो सकता है।

हाथों में ग्रोइंग पेन – ग्रोइंग पेन के कारण होने वाला दर्द दोनों हाथों में होता है और यह आमतौर पर पैरों में दर्द कि स्थिति से जुड़ा होता है।

कमर में ग्रोइंग पेन – लोगों को लगता है कि कमर में होना वाला दर्द ग्रोइंग पेन से जुड़ा होता है। लेकिन ग्रोइंग पेन के कारण बच्चों की पीठ प्रभावित नहीं होती है। यह किसी अन्य समस्या का लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें।

और पढ़ें: पैसिफायर या अंगूठा चूसना बच्चे के लिए क्या दोनों गलत है?

बच्चों में ग्रोइंग पेन का इलाज (Treatment for Groin pain)

बच्चों में ग्रोइंग पेन का कारण अज्ञात है इसी वजह से इसका कोई इलाज नहीं है। हालांकि, अच्छी बात यह है की ग्रोइंग पेन अपने आप ठीक हो जाता है और बच्चे की ग्रोथ को इफेक्ट नहीं करता है। एक या दो साल में बच्चों के पैरों में दर्द (Leg pain) की स्थिति बेहतर होने लगता है। अगर यह पूरी तरह से ठीक नहीं भी होते हैं तो भी दर्द उम्र के साथ कम जरूर हो जाता है। इसके अलावा आप बच्चे को दर्द से आराम दिलाने के लिए कुछ घरेलू उपचार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • अपने बच्चे के प्रभावित पैर को आराम से रगड़े। मसाज से बच्चे की मांसपेशियों को आराम पहुंचेगा।
  • हीटिंग पैड या गर्म कपड़े से सिकाई करने पर मांसपेशियों को आराम पहुंचता है। जिससे बच्चे को दर्द से राहत मिलती है। अगर आपके शिशु को पैरों में दर्द महसूस होता है तो रात को सोने से पहले लो सेटिंग पर बच्चे की हीटिंग पैड से सिकाई करें। इसके अलावा सोने से पहले गर्म पानी से नहाना भी फायदेमंद हो सकता है।
  • दर्दनिवारक दवाओं जैसे आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) (एडविल, चिल्ड्रन मोटरीन और आदि) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) की मदद से कुछ समय के लिए दर्द को कम किया जा सकता है। बच्चे को किसी भी प्रकार की दवा देने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इसके अलावा बच्चे को एस्पिरिन (Aspirin) न दें। इससे उनमें रेये सिंड्रोम (Reye’s Syndrome) का खतरा बढ़ सकता है। यह एक दुर्लभ रोग है लेकिन बच्चों में एस्पिरिन के कारण इसकी आशंका बढ़ जाती है।

और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में विजन प्रॉब्लम होता है क्या? जाने इसके कारण

ग्रोइंग सिंड्रोम (Groin pain) के जोखिम कारक

ग्रोइंग पेन प्रीस्कूल और स्कूल जानें वाले बच्चों में सामान्य होता है। लड़कों के मुकाबले लड़कियों में ग्रोइंग पेन की आशंका ज्यादा होती है। दौड़ने, चढ़ाई करने या कूदने से रात के समय पैरों में होने वाले दर्द का खतरा बढ़ सकता है। बच्चे में निम्न लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें –

  • लंबे समय से ठीक नहीं हो रहा है
  • सुबह होने के बाद भी नहीं गया
  • जोड़ों का प्रभावित होना
  • चोट के कारण दर्द होना
  • इसके अलावा अन्य प्रकार के लक्षणों जैसे सूजन, लालिमा, टेंडनाइटिस, बुखार (Fever), भूख न लगना, कमजोरी (Weakness) या थकान के साथ दर्द महसूस होने पर

ग्रोइंग पेन (Groin pain) के बारे में कैसे किया जाता है पता

ग्रोइंग पेन के बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके बच्चे से कुछ सवाल कर सकती है। जैसे बच्चे से उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं, वहीं इस बीमारी से जुड़े लक्षणों की जानकारी हासिल कर सकते हैं। सबसे अहम यह कि ग्रोइंग पेन (Groin pain) होने के पहले दर्द से जुड़े अन्य कारणों के बारे में भी एक्सपर्ट बच्चे से पूछताछ करते हैं। उसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि डॉक्टर बच्चे से कई तरह के सवाल कर यह जानना चाहते हैं कि क्या दर्द वाकई में ग्रोइंग पेन है या फिर किसी प्रकार का लिंब पेन। यदि आपके बच्चे को ग्रोइंप पेन (Groin pain) की बीमारी है, तो ऐसे में आपके डॉक्टर को फिजिकल एग्जामिनेशन में किसी प्रकार की समस्या नहीं दिख सकती है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए सामान्य तौर पर एक्सपर्ट ब्लड टेस्ट (Blood test), एक्स-रे (X-Ray) जैसे टेस्ट नहीं कराते हैं।

और पढ़ें: बच्चों को टीकाकरण के बाद दर्द या सूजन की हो समस्या, तो अपनाएं ये उपाय

जानें इसका कैसे किया जाता है इलाज

ग्रोइंप पेन का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपके बच्चे को कितना दर्द हो रहा है। बता दें कि बच्चे के इलाज की प्रक्रिया में इन तरीकों को आजमाकर बच्चे को राहत देने का काम किया जाता है। जैसे ;

  • बच्चे के पैरों को मसाज देकर
  • लेग मसल्स की स्ट्रेचिंग कर, यह प्रक्रिया छोटे बच्चों के साथ आजमाने के दौरान काफी जटिल हो सकती है।
  • जिस पैर में दर्द (Leg pain) हो रहा है, वहां पर गर्म कपड़ा लगाकर या फिर हिटिंग पैड रख इलाज करना। इस दौरान एक बात का ख्याल रखना चाहिए कि कहीं आपकी स्किन जल न जाए, वहीं इस इलाज को करने के दौरान सोना नहीं चाहिए।

इन तमाम प्रक्रिया को आजमाने के बाद भी यदि दर्द ठीक नहीं हो रहा है, तो उस स्थिति में आपको हेल्थकेयर प्रोवाइडर से सलाह लेना चाहिए। इस मामले में डॉक्टर कुछ दवा का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं,। इसके तहत बच्चों को एसीटेमिनोफेन (Acetophen), आईब्रूफेन (Ibrufen) आदि दवा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। शिशु को बिना डॉक्टरी सलाह के यह दवा कभी भी नहीं देनी चाहिए। वहीं बच्चों को इस बीमारी के केस में उन्हें एसप्रिन भी नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टरी सलाह ले।

और पढ़ें: बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन! जानिए दर्द और इंफेक्शन से जुड़ी इस तकलीफ को

जानें कब लें डॉक्टी सलाह

इस बीमारी को लेकर डॉक्टरी सलाह कब लेना चाहिए, तो बता दें कि यह बीमारी होने पर दोनों ही पैरों में दर्द (Leg pain) का एहसास होता है। यदि आपके बच्चे के एक ही पैर में दर्द हो रहा है, तो यह काफी गंभीर समस्या है। ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। आपको यह भी जानना जरूरी है कि ग्रोइंग पेन (Groin pain) आपके मसल्स को प्रभावित करता है न कि ज्वाइंट को। ऐसे में आपको लिंपिंग और बुखार जैसे लक्षण नहीं देखने को मिलते हैं।

पैरे में दर्द जब इन लक्षणों के साथ हो, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।

  • गिरने के कारण इंजरी
  • बुखार (Fever)
  • भूख में कमी
  • लिंपिंग और चलने में परेशानी
  • रैश (Rash)
  • पैरे में लालीपन, गर्माहट, ज्वाइंट में  सूजन
  • थकान (Weakness)
  • कमजोरी
  • वजन में कमी (Weight loss)

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Growing Pains/https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/growing-pains/symptoms-causes/syc-20354349/accessed on 28/04/2020

Growing pains/https://kidshealth.org/en/kids/growing-pains.html/accessed on 28/04/2020

Growing Pains/https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/13019-growing-pains / Accessed on 16 Sep 2020

Fibromyalgia/https://www.womenshealth.gov/a-z-topics/fibromyalgia / Accessed on 16 Sep 2020

Juvenile Idiopathic Arthritis (JIA)/ https://www.arthritis.org/diseases/juvenile-idiopathic-arthritis / Accessed on 16 Sep 2020

Growing Pains: When to Be Concerned/https://journals.sagepub.com/doi/10.1177/1941738117692533 / Accessed on 16 Sep 2020

Hypermobility Syndrome (Pediatric)/ https://www.rheumatology.org/I-Am-A/Patient-Caregiver/Diseases-Conditions/Hypermobility-Juvenile / Accessed on 16 Sep 2020

What Causes Growing Pains in Your Child’s Arms or Legs?/ https://health.clevelandclinic.org/what-causes-growing-pains-in-your-childs-arms-or-legs/ /Accessed on 16 Sep 2020

Current Version

15/12/2021

Shivam Rohatgi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Niharika Jaiswal


संबंधित पोस्ट

बच्चों के लिए मोबाइल गेम्स खेलना फायदेमंद है या नुकसानदेह

शिशु की जीभ की सफाई कैसे करें


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement