के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सीसा विषाक्तता तब होती है जब बॉडी में सीसा (Lead) की मात्रा बढ़ने लगती है। अक्सर इसके सामने आने में महीनों या कई वर्ष लग जाते हैं। शरीर में सीसा की छोटी सी मात्रा भी स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर सकती है। छह वर्ष से कम आयु के बच्चों में सीसा विषाक्तता का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
इस आयु वर्ग के बच्चों पर सीसा विषाक्तता के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रभाव गंभीर होते हैं। उच्च स्तर पर सीसा विषाक्तता होने पर यह जानलेवा हो सकती है।
लीड मुख्य रूप से लीड युक्त पेण्ट में पाया जाता है जैसे की दीवारों पर हुआ पुराना रंग या बच्चों के खिलौनों पर हुआ रंग। इसके अलावा यह निम्न में भी पाया जाता है –
लीड पोइजनिंग कई महीनो या साल की समय सीमा में होते हैं। इनके कारण गंभीर रूप से मानसिक और शारीरिक समस्याएं विकसित हो सकती है। बच्चों में इसकी सबसे अधिक आशंका होती है।
बच्चों में लीड पोइजनिंग लीड युक्त खिलौनों को मुहं में दबाने या उन्हें चूसने से होती है। इसके अलावा लीड या इससे बनी सतह को छूने के बाद बच्चे का मुंह में उंगली डालना भी उसे लीड पोइजनिंग के जोखिम में डाल सकता है।
लीड बच्चों के लिए अधिक खतरनाक इसलिए होता है क्योंकि उनका मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है। लीड पोइजनिंग का इलाज किया जा सकता है लेकिन किसी भी प्रकार के डैमेज को ठीक नहीं किया जा सकता है।
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सीसा विषाक्तता एक सामान्य समस्या है। एक वर्ष से पांच वर्ष की आयु के 40 बच्चों में से एक बच्चे को सीसा विषाक्तता की समस्या होती है। हालांकि, 5 µg/dL से ऊपर सीसा विषाक्तता को असुरक्षित माना जाता है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
शुरुआती चरण में सीसा विषाक्तता का पता लगाना जटिल होता है। यहां तक कि जिन लोगों के ब्लड में सीसा विषाक्तता होने के बावजूद भी वह स्वस्थ नजर आते हैं। जब तक बॉडी में सीसा विषाक्तता का स्तर खतरनाक लेवल पर नहीं पहुंचता तब तक इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं।
बच्चों में सीसा विषाक्तता के लक्षण
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नवजात शिशुओं में सीसा विषाक्तता के लक्षण
जन्म से पहले सीसा के संपर्क में आने वाले बच्चों में सीसा विषाक्तता के लक्षण:
व्यस्कों में सीसा विषाक्तता के लक्षण
सीसा विषाक्तता का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों को रहता है। साथ ही व्यस्कों के लिए सीसा विषाक्तता खतरनाक हो सकता है।
इसके संकेत और लक्षण निम्नलिखित हैं:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी सीसा विषाक्तता के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें।
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उपरोक्त लक्षण और संकेतों में से यदि आपको किसी का अहसास होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, सीसा विषाक्तता में हर व्यक्ति की बॉडी अलग प्रतिक्रिया देती है। इस संबंध में बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।
इसमें धूल मिट्टी में सांस लेने पर भी सीसा विषाक्तता की समस्या होती है। आप सीसा को सूंख या स्वाद से पहचान नहीं सकते हैं। नंगी आंखों से देखने पर यह दिखता भी नहीं है।
अमेरिका में घरेलू पेंट और गैसोलाइन (Gasoline) सीसा विषाक्तता का एक सामान्य कारण है। हालांकि, यह प्रोडक्ट सीसा को प्रोड्यूस नहीं करते हैं। इसके बावजूद भी सीसा आपके चारो तरफ मौजूद होता है। विशेषकर पुराने घरों में सीसा पाया जाता है।
सीसा विषाक्तता के सामान्य कारण और स्रोत निम्नलिखित हैं:
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ऐसे कई कारक हैं, जो सीसा विषाक्तता का खतरा बढ़ा देते हैं, जैसे- नवजात शिशु और बच्चों को अधिक आयु के लोगों के मुकाबले सीसा विषाक्तता का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इस आयु वर्ग के बच्चे पेंट या लकड़ियों और वूडवर्क की परत को चबा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, उनके हाथ में सीसा की धूल संपर्क में आ सकती है। साथ ही कम आयु बच्चे भी आसानी से सीसा को अपनी बॉडी में सोख सकते हैं। इस आयु वर्ग के बच्चों को अधिक उम्र के बच्चों के मुकाबले ज्यादा खतरा रहता है।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
सीसा विषाक्तता का निदान ब्लड टेस्ट के जरिए किया जाता है। यह ब्लड टेस्ट एक स्टेंडर्ड ब्लड सैंपल पर किया जाता है। पर्यावरण में सीसा एक सामान्य पदार्थ है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इनवोर्मेंटल हेल्थ साइंस का कहना है कि ब्लड में सीसा की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है। यह भी स्पष्ट है कि बच्चों में 5 माइक्रोग्राम्स प्रति डेसिलीटर से कम सीसा भी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
सीसा विषाक्तता की अतिरिक्त जांच में ब्लड टेस्ट के जरिए खून में आयरन स्टोरेज की मात्रा को बताते हैं। साथ ही एक्स-रे और संभावित बोन मैरो बायोप्सी भी की जाती है।
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पहले चरण में सीसा के स्रोत का पता लगाकर उसे निकाला जाता है। इसके बाद बच्चों को सीसा विषाक्तता के स्रोतों से दूर रखा जाता है। यदि इसके स्रोत को निकाला नहीं जाता है तो इसे सील करना चाहिए। सीसा कैसे निकालें, इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। डॉक्टर सीसा के संपर्क में आने की संभावना को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
ज्यादा गंभीर मामलों केलाटेशन थेरिपी (chelation therapy) का इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी में बॉडी में इक्कट्ठा हुए सीसा को बाइंड कर दिया जाता है। इसके बाद बांधे गए सीसा को यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल दिया जाता है।
जठरांत्र ट्रेक में सीसा को बांधने के लिए एक्टिवेटेड चारकोल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद इसे स्टूल के जरिए बॉडी से बाहर निकाल दिया जाता है। ईडीटीए (EDTA) नामक कैमिकल का इस्तेमाल भी इलाज में किया जाता है। हालांकि, क्रॉनिक एक्सपोजर के प्रभावों को कम करना काफी मुश्किल होता है।
निम्नलिखित घरेलू उपायों से सीसा विषाक्तता को कम किया जा सकता है:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
कुछ आसान से तरीकों की मदद से सीसा विषाक्त को रोका जा सकता है। इसमें शामिल हैं –
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