backup og meta

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट : सभी पेरेंट्स के लिए जरूरी है ये जानकारी!

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट : सभी पेरेंट्स के लिए जरूरी है ये जानकारी!

शिशु के जन्म के बाद उसे बीमारियों से बचाना भी माता-पिता के लिए उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारियों में से एक है। इसके लिए शिशु के लिए टीकाकरण यानि वैक्सिनेशन कराना बेहद जरूरी है। वैक्सिनेशन से बच्चे को कई बीमारियों से बचने में मदद मिलती है जैसे डायरिया, निमोनिया, पोलियो आदि। यही नहीं, इससे उनका इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। शिशु के जन्म के तुरंत बाद ही उसे कुछ वैक्सीन्स दी जाती हैं। डॉक्टर भी बच्चे के टीकाकरण के बारे में माता-पिता को सही से बताते हैं। नए बने माता-पिता को बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) के बारे में पता होना बेहद जरूरी है। ताकि, वो अपने बच्चे का सही समय पर वैक्सिनेशन करा सकें। आइए, जानें बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) के बारे में विस्तार से। सबसे पहले जान लेते हैं कि वैक्सिनेशन क्यों जरूरी है?

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट: बच्चों के जीवन में वैक्सिनेशन की क्या भूमिका है?

नवजात शिशुओं और बच्चों में इंफेक्शन और बीमारियां होने की संभावना बहुत अधिक होती है। ऐसा उनके कमजोर इम्यून सिस्टम (Immune System) के कारण होता है। शिशु का डिफेन्स सिस्टम इन बीमारियों और संक्रमण के खिलाफ नहीं लड़ पाता है, क्योंकि यह पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता। हमारा इम्यून सिस्टम इन रोगाणुओं के खिलाफ लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, जब बच्चों का इम्यून सिस्टम ऐसा नहीं कर पाता ,तो बच्चे बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। लेकिन, अगर आप अपने बच्चे की सही समय पर वैक्सीनेशन कराते हैं तो इससे उनके इम्यून सिस्टम को यह पहचानने में मदद मिलती है कि कौन सी चीज हानिकारक है और उसे कैसे शरीर से बाहर निकालना है।

इस तरह से जब रोगाणु अटैक करते हैं तो शरीर लड़ने के लिए तैयार होता है और आपका बच्चा बीमारियों से सुरक्षित रहता है। अब जानते हैं कि बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) क्या है और किस तरह से इस चार्ट का पालन आपको करना चाहिए?

और पढ़ें : क्या बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन एक ही है : जानें इस पर एक्सपर्ट की राय

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies)

हालांकि अपने बच्चे का टीकाकरण कराना माता-पिता और बच्चे के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह बेहद जरूरी है। अगर आप भी अपने बच्चे को इन भयानक बीमारियों से बचाना चाहते हैं। तो इस चार्ट को फॉलो करना न भूलें। इस चार्ट के माध्यम से आप यह जान पाएंगे कि आपको अपने बच्चे की उम्र के अनुसार कौन-कौन सी वैक्सीन्स उन्हें देनी चाहिए। लेकिन, इस चार्ट के पालन करने के साथ ही डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है। बच्चों के लिए वैक्सीनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) इस प्रकार हैं: 

जन्म के बाद शिशु के लिए वैक्सीन्स

शिशु को जन्म के बाद इन इंजेक्शन को लगाने की सलाह दी जाती है:

  • BCG (ट्यूबरकुलोसिस वैक्सीन) की डोज 1 : इसमें BCG की फुल फॉर्म है बेसिलस कैलमेट-गुएरिन (Bacillus Calmette–Guérin) वैक्सीन। नवजात शिशुओं को यह वैक्सीन जन्म के दौरान दी जाती है, ताकि वो गंभीर ट्यूबरकुलोसिस यानी TB से बच सकें। इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण उन्हें यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है।
  • ओरल पोलियो वैक्सीन (Oral polio vaccine) की डोज 1: ओरल पोलियो वैक्सीन, वो वैक्सीन है जिसका प्रयोग पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis) से बचाव के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग दो तरह से किया जाता है पहला इंजेक्शन के माध्यम से और दूसरा ओरली। शिशु के जन्म के बाद उसे ओरल पोलियो डोज दी जाती है।
  • हेपेटाइटिस बी वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) की डोज 1 : हेपेटाइटिस बी वैक्सीन एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका है। जिसकी सलाह सभी नवजात शिशुओं को और 18 साल तक के बच्चों को दी जाती है। हेपेटाइटिस बी वैक्सीन को हेपेटाइटिस बी से सुरक्षा के लिए लिया जाता है जो एक लिवर डिजीज है। 

और पढ़ें : कौन सी हैं बच्चों के लिए जरूरी वैक्सीन?

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट के अनुसार 6-8 सप्ताह के शिशु के लिए वैक्सीन्स

जब शिशु 6-8 सप्ताह का हो जाता है, तो इन वैक्सीन्स की सलाह दी जाती है:

  • DTaP/DTwP यानी डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी (Diphtheria,, Tetanus and Pertussis) की डोज 1: यह वैक्सिनेशन बच्चे को तीन गंभीर बीमारियों यानी डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी से बचाने के लिए कराई जाती है। इस वैक्सीन के कंपोनेंट्स में डिप्थीरिया, टिटनेस टॉक्सॉइड्स शामिल होते हैं। जो या तो बैक्टीरियम के पूरे सेल्स को (जो इस समस्या का कारण बनते हैं) या पर्टसिस एंटीजन को नष्ट कर देते हैं। 
  • हिमोफायल्स इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type B vaccine) की डोज 1 : इस वैक्सीन को Hib वैक्सीन (Hib Vaccine) भी कहा जाता है। यह हिमोफायल्स इन्फ्लुएंजा टाइप बी कई तरह के इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। इसलिए पांच साल से कम उम्र के बच्चों को इसकी वैक्सिनेशन की सलाह दी जाती है।
  • रोटावायरस (Rotavirus) डोज 1 : रोटावायरस वैक्सीन रोटावायरस से बचाव के लिए लगाई जाती है, जो डायरिया का मुख्य कारण है। इस वैक्सीन को लगाना बेहद जरूरी है क्योंकि रोटावायरस बच्चों में डिहायड्रेशन होने की संभावना अधिक रहती है। बच्चों में डिहायड्रेशन उनके जान के लिए खतरनाक हो सकता है।
  • इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (Injectable Polio Vaccine) की डोज 1 : इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन यानी IPV बच्चों को इंजेक्शन के माध्यम से दी जाने वाली पोलियो की वैक्सीन है। जो पोलियो से उनका बचाव करती है। 6-8 सप्ताह के शिशु को इसकी पहली डोज दी जाती है।
  • हेपेटाइटिस B वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) की डोज 2 : हेपेटाइटिस बी वैक्सीन को हेपेटाइटिस बी से सुरक्षा के लिए बच्चों को दिया जाता है जो एक लिवर डिजीज है। इस उम्र के बच्चों को इस वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाती है और पहली डोज जन्म के तुरंत बाद दी जा चुकी होती है।

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) में एक और वैक्सीन को भी शामिल किया जा सकता है। इस उम्र के बच्चों को न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal conjugate vaccine)  यानी PCV की पहली डोज भी दी जा सकती है। जिसे निमोनिया और मेनिन्जाइटिस से बच्चे का बचाव होता है। लेकिन, यह ऑप्शनल वैक्सीन है। आप डॉक्टर की सलाह के बाद यह निर्धारित कर सकते हैं कि इसे आपको अपने बच्चे को लगाना है या नहीं।

और पढ़ें : बच्चों के लिए एमएमआर वैक्सीन क्यों है जरूरी, जानिए यहां

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट: 10-16 सप्ताह के शिशु के लिए वैक्सीन्स

10-16 सप्ताह के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

  • DTaP/DTwP यानी डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी (Diphtheria, Tetanus and Pertussis) की डोज 2
  • इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (Injectable Polio Vaccine) की डोज 2
  • हिमोफायल्स इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type B vaccine) की डोज 2
  • रोटावायरस (Rotavirus) की डोज 2

इस उम्र के बच्चों को न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal conjugate vaccine)  यानी PCV की दूसरी डोज भी दी जा सकती है। लेकिन, यह एक ऑप्शनल वैक्सीन है। 

और पढ़ें : बच्चों को DTaP वैक्सीन के लिए दिए जाते हैं ये डोज, जानिए क्यों हैं ये जरूरी?

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट के अनुसार 14-24  सप्ताह के शिशु के लिए वैक्सीन्स

14-24  सप्ताह के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

  • DTaP/DTwP यानी डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी (Diphtheria,, Tetanus and Pertussis) की डोज 3
  • इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (Injectable Polio Vaccine) की डोज 3
  • हिमोफायल्स इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type B vaccine) की डोज 3
  • रोटावायरस (Rotavirus) की डोज 3 

इस उम्र के बच्चों को न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal conjugate vaccine)  यानी PCV की तीसरी डोज भी दी जा सकती है। लेकिन, यह एक ऑप्शनल वैक्सीन है। 

और पढ़ें : बच्चों के लिए पोलियो वैक्सीन : इस्तेमाल करने से पहले जान लें इससे जुड़ी जानकारी

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट: 6 महीने के शिशु के लिए वैक्सीन्स

6 महीने के  के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

 9 महीने के शिशु के लिए वैक्सीन्स

9 महीने के  के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

  • मीजल्स, मम्प्स और रूबेला वैक्सीन (Measles, Mumps and Rubella vaccine) की  डोज 1 : इस वैक्सीन बच्चे को तीन बीमारियों यानी मीजल्स, मम्प्स और रूबेला से बचाने के लिए दी जाती है। इस उम्र के बच्चे को इसकी पहली डोज दी जाती है।

और पढ़ें : स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए ये वैक्सीन हैं जरूरी, बचा सकती हैं जानलेवा बीमारियों से

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट: 12 महीने के शिशु के लिए वैक्सीन्स

12  महीने के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट के अनुसार 15  महीने के शिशु के लिए वैक्सीन्स

 15 महीने के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

और पढ़ें : बच्चों में दो फ्लू वैक्सीन की जरूरत कब पड़ती है, जानिए यहां एक्सपर्ट से!

16 -18 महीने के शिशु के लिए वैक्सीन्स

16 -18 महीने के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

18 महीने के शिशु के लिए वैक्सीन्स

18 महीने के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

  • हेपेटाइटिस ए वैक्सीन (Hepatitis A vaccine) की डोज 2

और पढ़ें : बच्चों को टीकाकरण के बाद दर्द या सूजन की हो समस्या, तो अपनाएं ये उपाय

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट के अनुसार 2 साल के शिशु के लिए वैक्सीन्स

 2 साल के होने पर शिशु को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट: 4 -6 साल के बच्चे के लिए वैक्सीन्स

4 -6 साल के होने पर बच्चे को यह वैक्सीन्स लगाने की सलाह दी जाती है:

  • ओरल पोलियो वैक्सीन (Oral polio vaccine) की डोज 3
  • DTaP/DTwP यानी डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी (Diphtheria,, Tetanus and Pertussis) का बूस्टर
  • टाइफाइड बूस्टर (Typhoid Booster)

बच्चों के लिए वैक्सीनेशन चार्ट

बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट: 9 -14 साल के बच्चे के लिए वैक्सीन्स

9 -14 साल के बच्चे के लिए इन वैक्सीन्स की सलाह दी जाती है :

  • ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus)  वैक्सीन की डोज 1 और 2 : ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus ) एक सामान्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection) है। इसकी वैक्सीन बच्चे को कई गंभीर इंफेक्शंस से बचा सकती है। बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) के अनुसार इसकी पहली और दूसरी डोज 9 -14 साल के बच्चे को दी जा सकती है और तीसरी डोज पंद्रह साल के होने के बाद दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। 

प्रेग्नेंसी में टीकाकरण की क्यों होती है जरूरत ?

और पढ़ें : HPV के लिए वैक्सीनेशन को न करें नजरअंदाज, क्योंकि वैक्सीनेशन में ही है प्रिवेंशन

यह तो था बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies)। उम्मीद है कि आप बच्चों में वैक्सिनेशन के बारे में जान ही गए होंगे। इस चार्ट के बारे में बच्चे के डॉक्टर से राय लेना जरूरी है। यही नहीं, माता-पिता के लिए इस वैक्सिनेशन चार्ट का अच्छे से पालन करना भी आवश्यक है। ध्यान रहें, बच्चे की कोई भी वैक्सीन को मिस न करें। ऊपर बताए बच्चों के लिए वैक्सिनेशन चार्ट (Vaccination Chart for Babies) के अलावा कुछ अन्य वैक्सीन्स भी हो सकती हैं जिसकी सलाह डॉक्टर दे सकते हैं। यही नहीं, आजकल पैनलेस वैक्सीन्स भी उपलब्ध हैं। कई वैक्सीन्स के बाद बच्चे को बुखार या अन्य परेशानियां हो सकती हैंइनके बारे में भी पहले ही डॉक्टर से सलाह ले लें।

अगर किसी स्थिति में आप अपने बच्चे की निर्धारित समय पर वैक्सीन कराना भूल जाते हैं। तो इस स्थिति में भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना अनिवार्य है। याद रखें कि यह वैक्सीन्स उस समय बच्चे के लिए थोड़ी दर्द और अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। लेकिन पूरी उम्र इससे आपके बच्चे को स्वस्थ और सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Accessed on 04/10/21

Recommended Child and Adolescent Immunization.https://www.cdc.gov/vaccines/schedules/hcp/imz/child-adolescent.html 

Immunization Schedule. https://kidshealth.org/en/parents/immunization-chart.html 

Vaccines for Babies and Children. https://www.acog.org/programs/immunization-for-women/physician-tools/child-adult-and-adolescent-immunization-schedules

When Do Infants and Children Need Vaccines?. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/32016359/

Vaccinations for Infants and Children, Age 0–10 Years.https://www.immunize.org/catg.d/p4019.pdf

Current Version

15/12/2021

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nikhil deore


संबंधित पोस्ट

Fortified foods: जानिए टॉडलर्स के लिए फोर्टिफाइड फूड्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी!

जानिए एक्सपर्ट से बच्चों में सीजनल एलर्जी की होम रेमेडीज के बारे में..


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement