हम नए पेरेंट्स की तरह यह सोचते हैं कि शिशु को रोने न देना हमारी सबसे बड़ी ड्यूटी है। नए पेरेंट्स को लगता है कि शिशु का रोना उनकी किसी गलती का संकेत है और उन्हें वह ठीक करनी होगी। बच्चे रोने के लिए ही पैदा होते हैं। उनका पूरी तरह ध्यान रखने पर भी वह ऐसे रोएंगे जैसे उनको किसी ने मारा हो। लेकिन यह बच्चों के बात करने का तरीका होता है। इसका मतलब यह नहीं कि आपको उन्हें चुप करवाने या दुलार करने की जरूरत है।
रोना शिशु के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और सामान्य प्रक्रिया होती है। लेकिन यदि आपका शिशु किसी असुविधा के कारण रो रहा है तो आपको तुरंत इसे पहचानना चाहिए। यदि आपके चुप करवाने के एक घंटे बाद तक शिशु लगातार रोता रहता है तो यह बुखार, रैश, उल्टी, पेट में सूजन या किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपके शिशु को आप से बेहतर और कोई नहीं जानता। कुछ भी गलत लगने में डॉक्टर से सलाह लें।
और पढ़ें – बच्चों की लार से इंफेक्शन का होता है खतरा, ऐसे समझें इसके लक्षण
तीसरी सामान्य गलती : बेबी प्रोडक्ट्स
नए पेरेंट्स को बच्चे के जन्म की खुशी में लोग कई प्रकार के तोहफे देते हैं। इनमें मुख्य रूप से लोशन, बेबी पाउडर और बच्चों का साबुन शामिल होता है। यह सभी बेहद सुंदरऔर खुशबूदार बॉक्स में आते हैं जिसके कारण नए पेरेंट्स अपने शिशु के लिए इनका इस्तेमाल बेहद उत्साह के साथ करते हैं। हालांकि, यह जानना बेहद आवश्यक होता है कि क्या वह प्रोडक्ट एफडीए द्वारा प्रमाणित बातों का ध्यान रख कर बनाया गया है या नहीं। हानिकारक बेबी प्रोडक्ट्स में कई प्रकार के विषाक्त पदार्थ मौजूद होते हैं जो आसानी से शिशु की त्वचा के ऊतकों के जरिए शरीर में जा सकते हैं।
नए पेरेंट्स की गलती (New parents mistake) यह होती है की वह इस बात का बेहद कम ध्यान रखते हैं कि उनके शिशु को बेबी प्रोडक्ट्स जैसे शैम्पू, फेस वॉश, साबुन और लोशन से नुकसान पहुंच सकता है। हम सलाह देंगे कि केवल ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जो प्राकृतिक तत्वों से बने हों या जिनमें किसी भी प्रकार के हानिकारक टोक्सिन मौजूद न हों। इस बात का ध्यान रखें कि यदि कोई प्रोडक्ट महंगा है या उस पर लिखा है कि वह प्राकृतिक है तो जरुरी नहीं कि वह आपके शिशु के लिए अच्छा है।
और पढ़ें: बच्चे के मुंह के छाले के घरेलू उपाय और रोकथाम