बच्चों को खाने में क्या पसंद है और क्या नहीं, यह तो कुछ समय बाद ही पता चलता है, लेकिन हम ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे खाने में गेहूं का बहुत अहम योगदान होता है। गेहूं से एक नहीं बल्कि बहुत से खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। अब सोचिए कि अगर किसी कारण से व्यक्ति को गेहूं में पाए जाने वाले ग्लूटेन से एलर्जी हो जाए, तो ऐसे में कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जी हां! वयस्कों के साथ ही बच्चों को ग्लूटेन से एलर्जी हो सकती है। जिन बच्चों को ग्लूटेन से एलर्जी की समस्या होती है, उन्हें असल में सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease) होता है। इस कारण से उन्हें गेंहू या ग्लूटेन युक्त पदार्थों से दूर रखना पड़ता है वरना उनके शरीर में ग्लूटेन पहुंचने के बाद विभिन्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चों में सीलिएक रोग के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही यह भी बताएंगे कि अगर बच्चों को सीलिएक रोग हो जाए तो ऐसे में पेरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि पीडियाट्रिक सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease) क्या होता है।
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बच्चों में सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease)
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो गेहूं में पाया जाता है। ग्लूटेन गेहूं को बांधकर रखने का काम करता है। गेहूं के अलावा ग्लूटेन जौ या अन्य पदार्थों में भी पाया जा सकता है। बच्चों में सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease) पाचन तंत्र (Digestive System) से जुड़ा रोग है। यह बच्चों की छोटी आंत यानी स्मॉल इंटेस्टाइन (Small intestine) को प्रभावित करता है। इस बीमारी के कारण बच्चों को खाने से पोषण नहीं मिल पाता है। ये बीमारी जेनेटिक यानी अनुवांशिक भी हो सकती है। अगर फैमिली में किसी भी सदस्य को सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) हो चुकी है, तो भविष्य में बच्चों को इस रोग की संभावना हो सकती है।
ये बीमारी किसी भी जेंडर को प्रभावित कर सकती है। कभी-कभी सीलिएक रोग को डायग्नोज करना मुश्किल होता है। कुछ लोगों में इस बीमारी के लक्षण नजर नहीं आते हैं और पेट की खराबी का एहसास ही महसूस होता है।
इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए बेहतर उपाय यही है कि खाने में ग्लूटेन युक्त पदार्थों को ना लिया जाए। कुछ बातों का ध्यान रखकर इस बीमारी के लक्षणों से बचा जा सकता है। अगर सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) का समय पर इलाज नहीं कराया जाता है, तो यह इंटेस्टाइन को डैमेज कर सकती है। बच्चों में सीलिएक डिजीज कॉमन कंडिशन है। जिन लोगों को सीलिएक डिजीज हो जाती है, उन्हें ग्लूटेन यूक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए। जानिए इस बीमारी के कारण किन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
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बच्चों में सीलिएक रोग के लक्षण (Symptoms of Celiac Disease in Children)
अगर बच्चा ग्लूटेन युक्त आहार का सेवन नहीं करता है, तो उसे किसी भी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आएंगे। सीलिएक रोग से पीड़ित बच्चा अगर ग्लूटेन युक्त आहार खाता है, तो कई लक्षण दिख सकते हैं। सभी बच्चों में एक जैसे लक्षण पाए जाएं, यह जरूरी नहीं है। कुछ बच्चों को ग्लूटेन युक्त आहार खाने के बाद डायरिया की समस्या (Diarrhea problem) का सामना करना पड़ता है, वहीं कुछ बच्चों को पेट दर्द की समस्या (Stomach ache problem) होती है।
ग्लूटेन युक्त आहार खाने के बाद स्किन में भी रैशेज की समस्या, दांतों में समस्या या फिर न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम (Neurological problem) फेस करनी पड़ सकती है। सीलिएक डिजीज का कारण क्या है, इस बारे में जानकारी नहीं है। यह बीमारी किसी भी बच्चे को हो सकती है। बच्चों में सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease) के क्या लक्षण हो सकते हैं, आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और साथ ही सावधानी भी रखनी चाहिए।
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पीडियट्रिक सीलिएक रोग का डायग्नोसिस (Pediatric Celiac Disease diagnosis)
बच्चों में सीलिएक रोग की जांच के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट (Blood test) कराने की सलाह देते हैं। टेस्ट के माध्यम से ब्लड में एंटीबॉडी के बारे में जानकारी मिल जाती है। ब्लड में बढ़ी हुई एंटीबॉडी इस बात का संकेत देती है कि कि बच्चे को सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease) है। एंटीबॉडी (Antibodies) एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो इम्यून सिस्टम प्रोड्यूस करता है। यह शरीर में किसी फॉरमेन पार्टिकल आने के कारण पैदा होती हैं। जिन व्यक्तियों को या बच्चों को सीलिएक रोग (Celiac Disease) होता है, उनके शरीर में ग्लूटेन प्रोटीन के प्रवेश होने पर अधिक मात्रा में एंटीबॉडी बनने लगती हैं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट की सहायता से इस बारे में जानकारी हासिल करते हैं।
ब्लड टेस्ट (Blood test) के साथ ही कुछ अन्य जांच भी की जाती हैं, जो सीलिएक रोग (Celiac Disease) के बारे में जानकारी देते हैं। डॉक्टर स्मॉल इंटेस्टाइनल की एंडोस्कोपी और बायोप्सी कराने की सलाह भी दे सकते हैं। बच्चों को एनेस्थीसिया (Anesthesia) देने के बाद ये प्रोसीजर किया जाता है, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। डॉक्टर सीलिएक डिजीज के डायग्नोज के लिए जेनेटिक टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकते हैं।
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बच्चों में सीलिएक रोग का ट्रीटमेंट (Treatment of celiac disease in children)
सीलिएक रोग (Celiac Disease) से बचाव के लिए बेहतर उपाय यह है कि आप बच्चों के खाने में गेहूं या फिर ग्लूटेन युक्त पदार्थों को पूरी तरह से हटा दें। बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फूड (Processed food) में ग्लूटेन हो सकता है। अगर आप कोई भी प्रोडक्ट खरीद रही है, तो प्रोडक्ट के बाहर लगे लेबल में जरूर देखें कि वह ग्लूटेन मुक्त है या फिर नहीं। अगर आपको फिर भी समस्या हो रही है, तो आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं। बच्चे की डायट से पूरी तरह से ग्लूटेन को हटाना मुश्किल काम है लेकिन आपको इसकी शुरुआत करनी होगी।
आप डॉक्टर से पूछे कि किन प्रोडक्ट्स या फिर फूड्स को बच्चों की डाइट से पूरी तरह से हटा देना चाहिए। अगर आप बच्चे को घर के बाहर का खाना भी दे रहे हैं तो यह जानकारी जरुर हासिल करें कि उसमें कहीं ग्लूटेन तो नहीं है। अगर बच्चा ग्लूटेन युक्त पदार्थ खाना बंद कर देता है, तो सीलिएक बीमारी के लक्षण भी धीरे-धीरे कम या फिर समाप्त हो जाते हैं लेकिन दोबारा ग्लूटेन युक्त पदार्थ खाने से लक्षण उभर कर सामने आ सकते हैं। लंबे समय तक सीलिएक रोग से पीड़ित बच्चा अगर ग्लूटेन युक्त पदार्थ खाता है, तो उसकी छोटी आंत डैमेज भी हो सकती है। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर के बताए गए ट्रीटमेंट को अपनाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह भी लें।
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सीलिएक डिजीज (Celiac disease) से पीड़ित बच्चे, इन चीजों से बनाएं दूरी!
क्या आपको पता है कि बच्चों का पसंदीदा पास्ता, बर्गर पिज्जा आदि में ग्लूटेन होता है क्योंकि यह गेहूं से बने होते हैं। गेहूं से ऐसे बहुत से प्रोडक्ट बनाए जाते हैं, जिसके बारे में शायद आपको जानकारी नहीं होगी। आपको ऐसे सभी प्रोडक्ट से दूरी बनानी होगी जिनमें ग्लूटेन होता है। इसके लिए आपको डॉक्टर से जानकारी लेने की आवश्यकता है। यहां हम आपको कुछ के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो बच्चों को सीलिएक बीमारी (Celiac Disease) होने पर बिल्कुल भी नहीं देनी चाहिए।
बच्चे के खाने में बार्ली माल्ट, रोटी का आटा, जौ या उससे बने फूड्स, माल्ट सिरप (Malt syrup), मस्टर्ड पाउडर (Mustard Powder), राइस माल्ट (Rice malt), सूजी (Semolina), वीट या गेंहू से बने फूड्स जैसे कि पास्ता, ब्रेड, नूडल्स आदि को शामिल नहीं करना चाहिए। आप बच्चे के खाने में ऑप्शन के तौर पर सोया आटा (Soy flour), किनोआ (Quinoa), कॉर्नस्टार्च (Cornstarch), आलमंड मील फ्लौर (Almond meal flour) आदि शामिल कर सकते हैं। इसमें ग्लूटेन नहीं होता है। अगर नवजात शिशु को सीलिएक डिजीज है, तो उसे फार्मूला मिल्क देने से पहले ध्यान दें कि वो ग्लूटेन फ्री हो।
इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों में सीलिएक रोग (Pediatric Celiac Disease) के बारे में जानकारी दी है। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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