सिंगल पेरेंट्स आज के समय में एक सफल पेरेंट के तौर पर सामने आ रहे हैं। ऐसे कई सेलेब्स भी हैं, जो सिंगल पेरेंट्स के रूप में अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश करते हैं। लेकिन, कई बार एक नए रिश्ते में जाना भी समझदारी भरा फैसला हो सकता है। यह जरूरी नहीं कि पहले रिश्ते की तरह ही दूसरा रिश्ता भी असफल रहे। इसलिए, अगर आप सिंगल पेरेंट्स हैं और दूसरी शादी का प्लान कर रहे हैं, तो यह एक अच्छा फैसला हो सकता है।
अगर सिर्फ तलाकशुदा ही हैं, तो दूसरी शादी का फैसला लेना थोड़ा आसान हो सकता है लेकिन, अगर सिंगल पेरेंट हैं, तो यह फैसला बहुत ही मुश्किल भरा हो सकता है। इसलिए, अगर दूसरी शादी की योजना है और आप सिंगल पेरेंट भी हैं, तो जरा सावधानी बरतें। आज हैलो हेल्थ का ये आर्टिकल उन सभी सिंगल पेरेंट्स के लिए है, जो अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। अगर आप सिंगल पेरेंट्स हैं और दूसरी शादी करने का विचार कर रहे हैं, तो ये आपका एक बेहतर निर्णय हो सकता है। इसलिए हम आपको इससे जुड़े कुछ खास टिप्स दे रहे हैं, जो आपके काम आ सकते हैं। जानिए दूसरी शादी के लिए सिंगल पेरेंट्स को टिप्स।
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सिंगल पेरेंट्स के लिए एक्सपर्ट टिप्स
तलाक के बाद बच्चे की परवरिश से जुड़े अधिकारों को जानने के लिए हैलो स्वास्थ्य की टीम ने जबलपुर हाईकोर्ट में एडवोकेट योगेंद्र सिंह बघेल के साथ बातचीत की। एडवोकेट बघेल का कहना है “कानून के मुताबिक, पति-पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 (Section 125 CRPC) के तहत तलाक लेकर बच्चे के लिए गुजारे-भत्ते को कानूनी रूप दे सकते हैं। इसके तहत पूर्व पति या पत्नी को कोर्ट द्वारा तय की गई एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा। दोनों में जिसे बच्चे की कस्टडी का अधिकार मिला होगा, उसे यह राशि दूसरे साथी द्वारा देय होगी।’
“अगर इस दौरान साथी गुजारा-भत्ता नहीं देता, तो उस पर कोर्ट की मदद से क्लेम भी किया जा सकता है। हालांकि, नए रिश्ते में आते ही बच्चे की परवरिश नए साथी के कंधों पर आ जाएगी, जिसके बाद पूर्व साथी को किसी भी राशि का भुगतान नहीं करना होगा। हालांकि, वो अपनी मर्जी से अपने बच्चों की मदद करने के लिए सक्षम रहेगा।’
एडवोकेट योगेंद्र सिंह बघेल का कहना है कि इसके अलावा, अगर पूर्व पति-पत्नी ने आपसी सहमति से तलाक लिया हो, तो दोनों मिलकर बच्चे की जिम्मेदारी उठा सकते हैं। दूसरी शादी करने के बाद भी वे बच्चे की परवरिश में अपनी भागीदारी दे सकते हैं।
कानूनी नियमों के साथ ही हैलो स्वास्थ्य के इस लेख में सिंगल पैरेंट्स टिप्स से जुड़ी जरूरी बाते बताई गई हैं, जो आपके इस बड़े फैसले में आपकी मदद कर सकती है।
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सिंगल पेरेंट्स टिप्स
नीचे हम आपको कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं, जो सिंगल पेरेंट्स के काम आएंगे, जैसे :
1.अपने फैसले के बारे में सुनिश्चित हों
सिंगल पेरेंट्स नए साथी से शादी करने से पहले खुद को यह यकीन दिलाएं कि आप कोई गलती नहीं कर रहे हैं। इसके बारे में सुनिश्चित होने के लिए उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने का प्रयास करें। जब किसी के साथ वक्त गुजारेंगे, तो उसे जानने में ज्यादा आसानी हो सकती है।
2.आत्मनिर्भर बनें
सिंगल पेरेंट्स आर्थिक तौर पर बच्चे की परवरिश कर सकें, इसके लिए कानून बनाए गए हैं, जिनकी मदद से हर महीने एक तय राशि पहले साथी से मिल सकती है। इसके लिए आप कानून की मदद ले सकते हैं। इसलिए, अपने बच्चों की परवरिश के लिए खुद को आत्मनिर्भर बनाएं।
3.बच्चे की राय जरूरी
आपके बच्चे आपके जीवन का हिस्सा हैं। आपका हर फैसला उनके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। इसलिए, दूसरी शादी के बारे में बच्चे से बात करें। बच्चे को नए साथी और उनके परिवार से मिलवाएं, ताकि वो भी इस नए बदलाव को करीब से समझ सके। आप उससे खुलकर पूछें कि नए परिवार के लोग उसके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। क्या वो उनके साथ खुश रहेगा या उसे वहां पर किसी तरह की तकलीफ होने वाली है?
4.नए साथी और बच्चे को एक-दूसरे के करीब जाने दें
नए साथी के साथ जिस तरह वक्त गुजारना आपके लिए जरूरी हो सकता है, उसी तरह बच्चे के लिए भी यह जरूरी हो सकता है। दोनों को एक-दूसरे से मिलने दें, बातें करने दें, ताकि वो एक-दूसरे को समझ सकें और बॉन्डिंग बना सकें। यकीन मानिए अगर आपका नए साथी के साथ सुरक्षित और खुशी महसूस करता है, तो उनकी हंसी आपके दिल में आपके साथी के प्रति आपके फैसले को और भी मजबूत बना सकती है।
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5.पहले साथी को बताएं
तलाक के बाद भी बच्चे की परवरिश दोनों के कंधों पर ही होती है। दूसरी शादी का फैसला भले ही पूरी तरह से आपका हो लेकिन, इसके बारे में एक बार अपने पहले साथी को जरूर बताएं। क्योंकि, नया रिश्ता आपके साथ-साथ आपके बच्चे के जीवन के लिए अहम हैं, जिसके बारे में आपके पहले साथी को जानने का हक होना चाहिए।
शुरू-शुरू में हो सकता है कि नए साथी और बच्चे को एक-दूसरे के साथ बॉन्डिंग बनाने में परेशानी हो, क्योंकि बहुत से लोगों को बच्चे पसंद नहीं होते हैं। अगर ऐसा कुछ है, तो इसके बारे में परेशान न हो। लेकिन, अगर यही बर्ताव लंबे समय तक रहे, तो समझ जाएं कि आपका नया रिश्ता बच्चे के जीवन को मुश्किल बना सकता है। इसलिए, नए साथी आप अपने बच्चे के साथ वक्त गुजारें।
ध्यान रखें कि सिंगल पेरेंट्स को शादी का फैसला काफी सोच-समझकर लेना चाहिए। ये फैसला सिर्फ आपकी जिंदगी का नहीं, बल्कि आपके बच्चे की जिंदगी का भी फैसला हो सकता है। इसलिए आप बच्चे के भविष्य के बारे में भी पूरी तरह सोचें और अगर बच्चा चीजों को समझने वाला हो गया है, तो उसे अपने इस फैसले के बारे में बताना न भूलें। इसके अलावा आप अपने होने वाले पार्टनर से भी उसकी मुलाकात करा सकते हैं, ताकि उसे भी अपने होने वाले नए पेरेंट के बारे में जानने का मौका मिल जाए। हो सके तो उसे बार-बार अपने नए पार्टनर से मिलवातें रहें, ताकि वो जल्द ही उनके साथ घुल-मिल जाए और उन्हें स्वीकार पाए। उम्मीद है आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और सिंगल पेरेंट्स के तौर पर दूसरी शादी से जुड़े ये खास टिप्स भी पसंद आए होंगे।
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