कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल सदियों से बालों और त्वचा की खूबसूरती निखारने के लिए तो की ही जाती है, लेकिन नारियल तेल से वेट लॉस, कैंडिडा और इंफेक्शन जैसी तकलीफ भी दूर हो जाए तो आप क्या कहेंगे? शायद आप सोच रहें होंगे कि ऐसा कैसे संभव है? तो अगर नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार कोकोनट ऑयल डिटॉक्स (Coconut Oil Detox) प्रक्रिया फॉलो करने से वेट लॉस (Weight loss), कैंडिडा (Candida) और इंफेक्शन (Infection) समेत कई शारीरिक तकलीफों से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में कोकोनट ऑयल के फायदे से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे।
कोकोनट ऑयल डिटॉक्स (Coconut Oil Detox) प्रक्रिया से पहले कोकोनट ऑयल को समझते हैं।
और पढ़ें : Clear Skin: साफ त्वचा की रखते हैं चाहत, तो जानिए स्किन टाइप और स्किन केयर टिप्स
कोकोनट ऑयल क्या है और कोकोनट ऑयल के फायदे क्या हैं?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार नारियल तेल में मौजूद फैटी एसिड जैसे लिनोलेइक एसिड (Linoleic acid) एवं लॉरिक एसिड (Lauric acid) सेहत की दृष्टिकोण से लाभकारी होते हैं। नारियल तेल में मौजूद हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल गुड कोलेस्ट्रॉल के अंतर्गत आता है। इसलिए कोकोनट ऑयल डिटॉक्स (Coconut Oil Detox) के लिए फायदेमंद माना गया है। चलिए अब समझने की कोशिश करते हैं कोकोनट ऑयल डिटॉक्स प्रक्रिया को।
कोकोनट ऑयल डिटॉक्स क्या है? (Coconut Oil Detox)
नारियल तेल का इस्तेमाल दक्षिण भारतीय व्यंजनों में किया जाता है, लेकिन अगर दक्षिण भारत को छोड़ दिया जाए तो लोग नारियल तेल का ज्यादा इस्तेमाल चेहरे और बालों के लिए करते हैं। इसलिए आर्टिकल में आगे एक-एक कर समझेंगे कोकोनट ऑयल डिटॉक्स की सहायता से वजन कम करना, कैंडिडा की समस्या से राहत पाना और इंफेक्शन की समस्या से निजात कैसे मिल सकती है।
नोट : नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार कोकोनट ऑयल में एमसीटी (Medium-Chain Triglycerides) की मात्रा ज्यादा होती है, एक तरह का फैट है। अन्य तेलों की तुलना ह्यूमन डायजेस्टिव सिस्टम इसे आसानी से डायजेस्ट कर पाता है। एमसीटी (MCT) की वजह से ही नारियल तेल में बना खाना खाने से शारीरिक लाभ मिल सकता है।
कोकोनट ऑयल डिटॉक्स से वेट लॉस कैसे करें?
जर्नल ऑफ ऑबेसिटी एंड वेट लॉस थेरिपी (Journal of Obesity & Weight Loss Therapy) के रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार एक महीने तक नारियल के तेल (वर्जिन कोकोनट ऑयल) का सेवन करने से पुरुषों में वेट और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) दोनों में कमी देखी गई, वहीं अगर महिलाओं की बात करें, तो महिलाओं में वर्जिन कोकोनट ऑयल के सेवन से कमर के आसपास जमा फैट (Fat) में कमी आई। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार नारियल तेल में मौजूद एमसीटी की वजह से वेट लॉस (Weight loss) में मदद मिल सकती है। इसलिए कोकोनट ऑयल डिटॉक्स (Coconut Oil Detox) की श्रेणी में रखा गया है।
कैसे करें वर्जिन कोकोनट ऑयल का सेवन?
ग्रीन टी (Green Tea) और कोकोनट ऑयल- शरीर का वजन कम करने के लिए कोकोनट ऑयल डिटॉक्स (Coconut Oil Detox) प्रक्रिया बेहद आसान है। जर्नल्स एंड बुक (Journals & Books) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार रोजाना नारियल तेल में बनी सब्जियों के सेवन से जल्द लाभ मिल सकता है।
और पढ़ें : पालक से शिमला मिर्च तक 8 हरी सब्जियों के फायदों के साथ जानें किन-किन बीमारियों से बचाती हैं ये
कोकोनट ऑयल डिटॉक्स से कैंडिडा की समस्या कैसे हो सकती है दूर?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार फंगल इंफेक्शन की समस्या से राहत पाने में भी नारियल तेल सहायक माना गया है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार कैंडिडा की समस्या को दूर करने के लिए नारियल तेल बेहद प्रभावी है, क्योंकि इसमें एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं।
कैंडिडा की समस्या दूर करने के लिए कैसे करें कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल?
अगर आपको किसी भी तरह का फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) है, तो आप नारियल तेल से इन्फेक्टेड एरिया पर अच्छी तरह से लगाएं। वहीं अगर फंगल इंफेक्शन मुंह में हुआ है, तो आप दो से तीन चम्मच नारियल तेल को मुंह लें और इससे नॉर्मल पानी की तरह गार्गल करें। ऐसा करने से जल्द लाभ मिल सकता है।
और पढ़ें : माउथ इंफेक्शन (Mouth Infection) के प्रकार और इससे बचने के उपाय
कोकोनट ऑयल डिटॉक्स से इंफेक्शन की समस्या कैसे हो सकती है दूर?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार नारियल तेल में मौजूद लॉरिक एसिड और मोनोग्लिसराइड मोनोलॉरिन एंटीवायरल गुण वायरल इंफेक्शन से बचाव में मदद मिलती है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल भी इंफेक्शन से बचाव में सहायक माना गया है।
इंफेक्शन की समस्या को दूर करने के लिए कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कैसे करें?
कोई भी व्यक्ति इंफेक्शन का शिकार कमजोर इम्यून पावर की वजह से होता है, वहीं नारियल तेल में कैप्रिक एसिड (Capric Acid), लॉरिक एसिड (Lauric Acid) और कैप्रेलिक एसिड (Caprylic Acid) की मौजूदगी इम्यून पावर को मजबूत बनाने का काम करता है। इसलिए नारियल तेल में बना खाना डायजेशन के लिए अच्छा माना गया है और इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत बनाने में भी मददगार माना गया है।
कोकोनट ऑयल डिटॉक्स (Coconut Oil Detox) से शरीर को इन ऊपर बताये फायदों के साथ-साथ अन्य फायदे भी मिल सकते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा नारियल तेल का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है।
और पढ़ें : Acid Reflux Diet: एसिड रिफ्लक्स डायट में क्या करें शामिल और किन 7 चीजों से करें परहेज?
नोट: नारियल तेल के फायदे कईं हैं, किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज सिर्फ नारियल तेल से संभव नहीं है। नारियल तेल आपको स्वस्थ रहने में मददगार साबित हो सकता है। इसलिए किसी भी बीमारी का इलाज स्वयं ना करें और डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आपकी हेल्थ कंडिशन (Health Condition) और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इलाज शुरू करते हैं और आवश्यक दिशा-निर्देश भी देते हैं।
और पढ़ें: चेहरे से जुड़ी अनेक परेशानियों का इलाज हायल्यूरॉनिक एसिड डर्मल फिलर, जानें कैसे करता है काम
नारियल तेल के साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं? (Side effects of Coconut oil)
नारियल तेल का जरूरत से ज्यादा सेवन करना पाचन से जुड़ी समस्या पैदा करने के साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल (Bad cholesterol levels) को भी बढ़ाने में सक्षम माना गया है। नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों को हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल (High cholesterol levels) की समस्या है, उन्हें नारियल तेल के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
अगर आप भी नारियल तेल के फायदे को जानकार इसका इस्तेमाल या सेवन करना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं, लेकिन अगर आप किसी हेल्थ कंडिशन से पीड़ित हैं तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन कर सकते हैं। डॉक्टर से कंसल्टेशन इसलिए जरूरी है, क्योंकि नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार सेंसेटिव (Sensitive) लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
आयुर्वेदिक ब्यूटी रेमेडीज के बारे में जानें संपूर्ण जानकारी नीचे दिए इस वीडियो लिंक को क्लिक कर। आयुर्वेदिक ब्यूटी एक्सपर्ट पूजा नागदेव खास जानकारी साझा कर रहीं हैं आयुर्वेदिक ब्यूटी रेमेडीज की, जिससे आप आसानी से अपना सकती हैं और चेहरे पर एक्ने के दाने या अन्य दाग-धब्बों को दूर करने के उपाय।
[embed-health-tool-bmr]