ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर)
मुंह के कैंसर का खतरा तब सबसे ज़्यादा बढ़ जाता है जब लोग शराब, पान—मसाला और गुटखा जैसी चीज़ों का सेवन अधिक करते हैं। इसलिए ऐसे चीजों से दूर रहना चाहिए। माउथ इंफेक्शन की वजह से ओरल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। दांत के डॉक्टर भी हमेशा यह सलाह देते हैं कि माउथ इंफेक्शन आगे चलकर ओरल कैंसर का कारण बन सकता है। पुरुषों में वृद्ध लोगों में ओरल कैंसर अधिक आम है, और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से कमजोर लोगों को भी ये परेशानी होती है।
कुछ एशियाई-प्रशांत देशों में, तीन शीर्ष कैंसरों के बीच ओरल कैंसर की घटनाएं घटती हैं। तम्बाकू, शराब और एस्कुट नट (सुपारी) का उपयोग मुख कैंसर के प्रमुख कारणों में से हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप जैसे क्षेत्रों में , “उच्च जोखिम” मानव पैपिलोमावायरस संक्रमण पुरुषों के बीच ओरो-ग्रसनी कैंसर के बढ़ते प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं।
तनाव
दांतों की समस्या के कारण कई बार आपको तनाव भी हो सकता है। दर्द की वजह से तनाव के साथ-साथ चिड़चिड़ापन भी होने लगता है। तनाव वैसे तो आपके पूरे स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं है।
सतर्क रहें डायबिटीज के मरीज
डायबिटीज के मरीज़ों को मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। टूथ ब्रश करने के दौरान भी सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि हल्के से कंटने से भी उनकी परेशानी बढ़ सकती है। डायबिटीज वालों का घाव जल्दी ठीक नहीं होता है।
बेक्टेरियल निमोनिया
यह प्रायः जब कोई मरीज अस्पताल में भर्ती होता है उसी दौरान बेक्टेरियल निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चे का वजन सामान्य से कम होना
गर्भावस्था के दौरान कई बार गर्भवती महिला को मुंह में छाले हो जाते हैं और ऐसे में गर्भवती महिलाएं ठीक से आहार नहीं ले पाती हैं। जिसका असर मां और शिशु दोनों पर ही पड़ता है।
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इन बातों का भी रखें ख्यालः
अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो उसे आपको छोड़ना चाहिए। सिगरेट में बहुत से घातक पदार्थ होते हैं जो हमारे मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।