ऐसे लोगों में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का पता लगाना मुश्किल होता है जिन्हें हार्टबर्न नहीं होता, लेकिन कफ होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कॉमन कंडिशन्स जैसे कि पोस्टनेजल ड्रिप और अस्थमा क्रोनिक कफ का कॉमन कारण है। आमतौर पर अपर एंडोस्कोपी या ईजीडी (Esophagogastroduodenoscopy) टेस्ट का यूज करके लक्षणों का उचित प्रकार से मूल्यांकन किया जाता है। इसके अलावा पीएच मॉनिटरिंग के जरिए भी इसोफेगल पीचएच को मॉनिटर करते हैं। यह भी क्रोनिक कफ का पता लगाने के लिए प्रभावशील टेस्ट है।
इसके अलावा एक अन्य टेस्ट है जिसे एमआईआई पीएच (MII-pH) कहा जाता है वह नॉनएसिड रिफ्लक्स को डिटेक्ट कर सकता है। इसके अलावा भी अन्य तरीके हैं जिसमें डॉक्टर कुछ समय के लिए मरीज को प्रोटोन पंप इंहिबिटर्स (Proton pump inhibitors) देते हैं और देखते हैं कि क्या लक्षण रिजॉल्व हो रहे हैं। इन दवाओं का उपयोग गर्ड के इलाज में किया जाता है। अगर लक्षण खत्म हो जाते हैं तो पता चल जाता है कि मरीज को गर्ड की तकलीफ है। याद रखें कि भले ही ये दवाएं ओवर द काउंटर उपलब्ध हैं, लेकिन किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
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गर्ड और कफ: इलाज और बचाव (Treatment and prevention)
एसिड रिफ्लक्स के कारण होने वाले कफ का इलाज का उद्देश्य रिफ्लक्स को कम करना होगा जो कफ या इसे बिगाड़ने का कारण बन रहा है। इसका इलाज अक्सर दवाओं के माध्यम से किया जाता है। लाइफस्टाइल और डायट्री चेंजेंस भी इफेक्टिव होते हैं। खासकर उनके लिए जिनमें मॉडरेट लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle changes)
गर्ड और कफ (GERD and Cough) का कनेक्शन समझने के बाद ये भी जान लें कि यदि आपको गर्ड के कारण कफ की समस्या है तो आप निम्न टिप्स को अपनाकर लक्षणों में सुधार कर सकते हैं।
- हेल्दी बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई को मेंटेन रखें। इससे स्टमक पर कुछ प्रेशर कम होगा। जिससे पेट में एसिड की मात्रा कम हो जाती है।
- टाइट फिटिंग कपड़ों की जगह थोड़े लूज कपड़े पहनें। इससे भी पेट पर प्रेशर कम होगा।
- स्मोकिंग बंद कर दें। स्मोकर्स में गर्ड डेवलप होने का रिस्क हाय होता है।
- खाना धीरे खाएं और ओवरईटिंग से बचें। लार्ज मील्स लोअर एसोफेजियल स्फिंक्टर (एलईएस) को बंद करने से रोकते हैं, जिससे पेट का एसिड भोजन नली में ऊपर
- आ जाता है।
- लेटकर खाना ना खाएं। साथ ही खाने के बाद लेटे नहीं। खाना खाने के बाद लेटने के लिए 2-3 घंटे इंतजार करना चाहिए।
- बिस्तर की सेटिंग को चेंज करके जहां सिर रखते है उस जगह को ऊपर उठाकर या सिर के नीचे कुछ तकिया रखकर भी रात के समय होने वाले एसिड रिफ्लक्स से बचा जा सकता है। ऐसा करने से बढ़ते एसिड की मात्रा कम हो सकती है।