आज की जीवनशैली में कब्ज की समस्या से अधिकांश लोग पीड़ित है। खान-पान की गलत आदतें, फिजिकली एक्टिविटी कम होने की वजह से अब बच्चे और बुजुर्ग ही नहीं, व्यस्कों में भी कब्ज की समस्या बढ़ने लगी है। पानी कम पीना, सही समय पर खाना नहीं खाना, फास्ट और जंक फूड का अधिक सेवन कब्ज के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है। कब्ज के लिए वैसे तो कई तरह के घरेलू उपचार या एलोपैथिक दवाओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन आज हम आपको कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा के बारे में बताने जा रहे हैं।
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कब्ज क्या है? (What is Constipation)
कब्ज (constipation) पाचन तंत्र से जुड़ी एक समस्या है जिसमें मरीज का पेट साफ नहीं होता है और मल त्याग में बहुत मुश्किल होती है, क्योंकि वह कठोर हो जाता है। कब्ज के मरीजों में मल बड़ी आंत तक पहुंचने से पहले ही कठोर हो जाता है और ये आंतों से चिपक जाता है, जो कठोर होने के कारण बाहर नहीं निकल पाता है। इसमें बड़ी आंत का संकुचन भी धीमी गति से होता है। मल त्याग न करने की वजह से पेट दर्द और गैस की समस्या हो जाती है, कुछ लोगों को गैस की वजह से सीने में दर्द भी होने लगता है। कब्ज को यूनानी चिकित्सा में कई नामों से जाना जाता है जैसे- एहतेबास-अल-बतन, इताक़ाल-अल-बतन, एहताबास-अल-तबिया, इताक़ाल-अल-तबिया और इमसैक-उल-बेटन आदि। यूनानी विशेषज्ञों के मुताबिक, कब्ज की समस्या बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं को अधिक होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं कब्ज से अधिक परेशान रहती हैं। एक आकड़े के मुताबिक, करीब 70 प्रतिशत बुजुर्ग कब्ज (constipation) की समस्या से जुझते रहते हैं। यह गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल समस्या का मुख्य कारण है। कब्ज की समस्या नवजात बच्चों में भी देखी गई है और उसका कारण होता है बोतल से दूध पीना, क्योंकि कई बार यह आसानी से पचता नहीं है।
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क्यों होती है कब्ज की समस्या? (Reason for Constipation)
यूनानी चिकित्सा में कब्ज के लिए निम्न कारणों को जिम्मेदार माना गया है-
- कम मात्रा में भोजन करना
- कब्ज और गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन
- आंत के रिपल्सिव फोर्स में कमी या रिटेंसिव रेट में तेजी
- आंत के सेंसेशन या मसल्स का कमजोर होना
- लिवर द्वारा अधिक मात्रा में कैम (यह पल्पी एसिडिक फ्लूड होता है जो पेट के जरिए छोटी आंत तक पहुंचता है और जिसमें गैस्ट्रिक जूस और पचे हुए भोजन के कुछ कण होते हैं) का अवशोषण।
- डायट्री फाइबर का कम सेवन
- डायट में हरी सब्जियां, पत्तेदार सब्जियां और सलाद की कम मात्रा
- कम तरल पदार्थ का सेवन और डिहाइड्रेशन
- फिजिकल एक्टिविटी में कमी या कम कसरत करना
- डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे मीट, रिफाइन शुगर और अंडे का बहुत अधिक सेवन
- कड़क चाय, कॉफी और एल्कोहॉल का बहुत अधिक सेवन
- डायटिंग पैटर्न
- स्ट्रोक, एंग्जाइटी और स्ट्रेस
- कुछ दवाएं जैसे ड्यूरेटिक्स, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीकॉन्वेलसेंट या कैल्शियम का अत्यधिक सेवन।
- बहुत लंबा बेड रेस्ट
- बहुत अधिक खाना और भोजन ठीक से नहीं चबाना
- कोलन और रेक्टम प्रॉब्लम
- प्रेग्नेंसी और पीरियड्स के दौरान हार्मोनल असंतुलन
यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार, कब्ज का मुख्य कारण है गलत लाइफस्टाइल, खान-पान की गलत आदतें जैसे समय पर नहीं खाना, अनबैलेंस्ड फूड हैबिट्स, अनियमित सोने की आदतें और एक्सरसाइज कम करना। पेट की सभी बीमारियों के लिए कब्ज ही जिम्मेदार है जैसे गैस्ट्राइटिस, पाइल्स, ड्यूडेनियल अल्सर और पेट में गंभीर दर्द होना।
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कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms)
कब्ज के मरीजों में आमतौर पर कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे-
- जीभा का रंग गहरा होना
- भोजन पचने में अधिक समय लगता है
- मल त्याग करने में परेशानी
- सांसों की दुर्गंध
- बाउल मूवमेंट की समस्या
- एबडॉमिनल ब्लोटिंग
- क्रैम्प्स और असहज महसूस करना
- बहुत अधिक गैस बनना
- भूख न लगना
- गंभीर कब्ज होने पर रेक्टल ब्लीडिंग
- उल्टी
- मितली आदि।
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कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा (Unani Medicine for Constipation)
कब्ज की समस्या से परेशान लोग वैसे तो कई उपचार आजमा चुके होंग, लेकिन एक बार उन्हें कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा की भी मदद लेनी चाहिए। कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा मूल रूप से कब्ज की समस्या के सही मैनेजमेंट से जुड़ी है जिसमें शामिल है-
- किसी अंतर्निहित कारण/उपचार के कारण कब्ज की समस्या है तो उसे दूर करना।
- पाचन को ठीक करना और हेप्टिक इन्सफिशियंसी को दुरुस्त करना।
- कब्ज दूर करना।
- इंटेस्टाइन की टोनिंग करना।
कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा में दिए उपचार (Unani Medicine for Constipation)
कब्ज के लिए यूनानी चिकिस्सा में कुछ नुस्खे बताए गए हैं जिन्हें आप आजमाकर कब्ज से राहत पा सकते हैं
- 6 से 12 ग्राम इसबगोल भूसी (Esabgol husk) को रात में सोने से पहले गुनगने दूध के साथ लें, कब्ज से राहत मिलेगी।
- 6-10 मिली. रोगन-ए-बादाम (बादाम तेल) का सेवन रात में सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ करने से कब्ज से राहत मिलती है।
- रोगन-ए-बेद-ए-अंजीर (कैस्टर ऑयल) की 6-10 मिली. मात्रा सोने से पहले गुनगुने दूध से साथ लें, कब्ज में फायदा होगा।
- सफोफ बनफशा (पाउडर) में समान मात्रा में चीनी मिलाकर सोने से पहले गरम पानी के साथ लेने से कब्ज से राहत मिलती है।
- 25 ग्राम हलाइला सियाह (टर्मिनलिया चेबुला- काली किस्म) और 25 ग्राम बादाम को अलग-अलग पीस लें और शहद मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में दो बार लें। यह यूनानी नुस्खा कब्ज और पाइल्स में फायदेमंद होता है।
- सना (कैसिया सेना), सोंठ (जिंगाइबर ऑफिसिनेल), सौंफ (फन्यूनिकुल वल्गारे) और सेंधा नमक की समान मात्रा लें और इन्हें पीस लें। सोने से पहले इस मिश्रण का सेवन करें, यह असरदार यूनानी उपचार है।
- 10 ग्राम इतिरफुल जमानी का सेवन रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ करें।
- 2 टेबलस्पून इतरीफल मुलयान का सेवन रात में सोते समय गरम पानी के साथ करने से कब्ज से छुटकारा मिल सकता है। कब्ज की यह यूनानी दवा बुजुर्गों के लिए बहुत ही कारगर है।
- 30 मिली. शरबत-ए-अरजानी को आधे कप पानी में मिलाकर पीएं। यह मिश्रण कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद है।
- गुलकंद और माजून अंजीर भी कब्ज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा में दिए घरेलू नुस्खे ( Home remedies for Constipation Unani Medicine)
यह यूनानी घरेलू नुस्खे (Unani home remedies) कुदरती तरीके से कब्ज का उपचार करते हैं। किचन या घर में मौजूद चीजों का इस्तेमाल करके भी आप कब्ज से राहत पा सकते हैं।
- सोने से पहले गुनगुना दूध पीएं।
- पका हुआ बेल खाएं, क्योंकि यह कब्ज दूर रखने में मददगार है।
- अमरूद खाना भी बहुत फायदेमंद होता है, यह कब्ज से राहत देता है।
- कब्ज की समस्या अधिक गंभीर है तो 6-10 मिली. कैस्टर ऑयल को दूध में मिलाकर पीए।
- सुबह उठने के बाद 3-4 ग्लास पानी पीने से पेट साफ रहता है और कब्ज नहीं होता।
- डायट में फाइबर से भरपूर फल और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
- 2 टीस्पून गुड़ का सेवन भी कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।
- कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लें।
- हमेशा अच्छी तरह पकाई हुई सब्जियों का ही सेवन करें।
- जब भूख लगी हो, तभी खाना खाएं।
- खाने में जीरा, हल्दी, धनिया जैसे मसालों का प्रयोग करें, यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है।
- बहुत अधिक नॉनवेज फूड, जंक फूड और तला-भुना खाने से बचें।
- कब्ज के उपचार में पत्तागोभीका जूस भी बहुत कारगर माना जाता है।
- दूध में किशमिश को पकाकर इसका सेवन करें, कब्ज दूर करने का यह भी कारगर उपाय है।
- दूध में थोड़ा सा कलौंजी और चीनी मिक्स करके पीएं। कब्ज से राहत पाने का यह भी कारगर उपाय है।
- कॉमन पीयर (पाइरस कम्यूनिस लिनन) भी गंभीर कब्ज के उपचार में मददगार होता है।
- डायट में अंजीर और पपीता जैसे फलों को भी शामिल करें, क्योंकि यह पेट साफ करने में मदद करता है।
- सौंफ भी कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।
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कब्ज के लिए यूनानी चिकित्सा में उपचार में इन चीजों को शामिल किया जाता है –
- रोगन-ए-बेद-ए-अंजीर, शरबत-ए-दीनार, शरबत-ए-बनफाशा, शरबत-ए-मुलैयीन, इतरीफल मुलैयिन, हब्ब-ए-घ्रीकून, हब्ब-ए-मुकील, हब्ब-ए-मुलायीन, शरबत -ए- अंजीर, माजून-ए-अंजीर, कुरस-ए- मुलैयिन।
- रेजीमिनल थेरेपी (Regimenal Therapy)
- हमाम (मेडिकेटेड बाथ) खाली पेट किया जाता है।
डायट संबंधी सलाह
कब्ज के मरीजों को डायट में ज्यादा से ज्यादा ताजी सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स जैसे अंजीर, बादाम, एप्रीकॉट और खजूर को शामिल करना चाहिए। भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। फल, उबली सब्जियां और सूप कब्ज के लिए और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है, क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ताजी सब्जियां जैसे- मूली, मटर, गाजर, टमाटर, करेला, बीटरूट, स्प्राउट्स, धनिया, पत्तागोभी और पुदीना आदि कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। एवोकाडो, अमरूद, आम, संतरा, जामुन, पपीता, अंगूर आदि जैसे फलों को भी डायट में शामिल करना चाहिए। खाने में सलाद की मात्रा बढ़ा दें। खीरा और तरबूज जैसे पानी से भरपूर फल खाएं और दिन भर खूब पानी पीएं।
इन चीजों को खाने से करें परहेज
कब्ज बढ़ाने वाली चीजों के सेवन से बचें। फास्ट फूड, एल्कोहॉल, कॉफी, कड़क चाय आदि से परहेज करें। साथ ही नॉनवेज, तली-भुनी चीजें, ऑयली, जंक फूड, ब्रेड, केक, पास्ता, मैदा, पिज्जा, बर्गर, कुकीज जैसी चीजें भी कब्ज बढ़ा सकती हैं, इसलिए इनसे परहेज करें। चीज और दही भी कब्ज के लिए जिम्मेदार हो सकते है, इसलिए इनका भी सेवन न करें। बहुत अधिक मसाले, फैट, अधिक नमक, बिस्किट, चीनी, अंडे आदि से भी परहेज करें।
यूनानी चिकित्सा में बताए कब्ज से बचने के उपाय (Unani Medicine Prevention tips for Constipation )
यूनानी चिकिस्ता में कई छोटी-छोटी बातें बताई गई है जिनका ध्यान रखकर कब्ज से बचा जा सकता है।
- कब्ज से बचाव या उबरने के लिए जीवनशैली और खानपान में बदलाव बहुत अहम होता है।
- फिजकल एक्टिविटी भी बहुत मायने रखती है, इसलिए वॉकिंग और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
- तरल पदार्थों और फाइबर युक्त आहार का अधिक सेवन करें।
- सेब, पेर का जूस बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही अंजीर और खजूर का सेवन भी कब्ज की समस्या दूर रखने में मददगार है।
कब्ज आज की जीवनशैली की आम समस्या है और इससे राहत पाने और बचाव के लिए जीवनशैली और खान-पान में बदलाव बहुत अहम है और यही बात यूनानी चिकित्सा में भी कही गई है।
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