कहते हैं सुबह की शुरुआत अच्छी हो, तो पूरा दिन अच्छा जाता है। यहां सुबह की शुरुआत से मेरा मतलब है कि सुबह जागने के बाद अगर पेट अच्छी तरह से साफ हो जाए तो शरीर में फुर्ती और काम-काज पर ध्यान फोकस करने में परेशानी नहीं होती है। लेकिन अगर कब्ज की समस्या घर कर ले तो है ऐसे में हम कई सारे विकल्पों का सहारा लेने लगते हैं। कई लोग स्टीमुलेंट लैक्सेटिव या सेलाइन लैक्सेटिव का विकल्प अपना लेते हैं। आज इस आर्टिकल में समझेंगे स्टीमुलेंट लैक्सेटिव (Stimulant laxatives) और सेलाइन लैक्सेटिव (Saline laxatives) क्या है और इनके सेवन से पहले हमें क्या जानना चाहिए? लेकिन सबसे पहले लैक्सेटिव के बारे में जान लेते हैं।
- लैक्सेटिव क्या है? (What is Laxatives?)
- स्टीमुलेंट लैक्सेटिव क्या है? (What is Stimulant laxatives?)
- सेलाइन लैक्सेटिव क्या है? (What is Saline laxatives?)
- स्टीमुलेंट लैक्सेटिव और सेलाइन लैक्सेटिव में क्या अंतर है? (What is difference between Stimulant laxatives and Saline laxatives?)
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लैक्सेटिव क्या (laxatives) है?
लैक्सेटिव (Laxatives) या पर्गेटिव्स (Purgatives) एक ऐसा सब्स्टांस (पदार्थ) है, जो स्टूल यानी मल को ढ़ीला करने में मदगार होता है। इससे बॉवेल मूवमेंट ठीक तरह से होता है। इनका सेवन कब्ज की परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता है। कुछ लोग कब्ज की तकलीफ को दूर करने के लिए स्टीमुलेंट लैक्सेटिव या सेलाइन लैक्सेटिव का सेवन करते हैं। इस आर्टिकल में आगे जानते हैं स्टीमुलेंट लैक्सेटिव और सेलाइन लैक्सेटिव के बारे में।
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स्टीमुलेंट लैक्सेटिव (Stimulant laxatives) क्या है?
यह इंटेस्टाइन से स्टूल पास करने में सहायता प्रदान करता है। कब्ज की तकलीफ को दूर करने के लिए यह विकल्प सबसे तेजी से काम करता है। लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जैसे ढकार आना, जी मिचलाना, पेट में ऐंठन होना, पेट दर्द होना या फिर व्यक्ति को डायरिया की भी समस्या हो सकती है। इन साइड इफेक्ट्स के अलावा यूरिन के रंग में बदलाव (हल्के लाल रंग) आना। अगर किसी व्यक्ति को स्टीमुलेंट लैक्सेटिव के सेवन के बाद ऐसी कोई परेशानी महसूस होती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। क्योंकि स्टीमुलेंट लैक्सेटिव (Stimulant laxatives) की वजह से आप अन्य परेशानी भी महसूस कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
- दिल की धड़कन अनियमित होना
- बेहोश होना
- भ्रम में रहना
- मांसपेशियों में दर्द महसूस होना
- थकान या कमजोरी होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते आना
स्टीमुलेंट लैक्सटिव (Stimulant laxatives) का सेवन कब नहीं करना चाहिए?
स्टीमुलेंट लैक्सेटिव का सेवन निम्नलिखित स्थितियों में नहीं करना चाहिए। जैसे:
- किसी भी स्टीमुलेंट लैक्सेटिव के सेवन से पहले एलर्जी हुई हो
- अगर कभी इंटेस्टाइन ब्लॉकेज की समस्या हुई हो
- रेक्टल ब्लीडिंग (rectal bleeding) की समस्या होना
- एपेंडिसाइटिस (appendicitis) की परेशानी होना
इन ऊपर बताई गई स्थितियों के अलावा अगर आपको डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम या अगर कोई महिला गर्भवती या स्तनपान करवाती हैं, तो उन्हें स्टीमुलेंट लैक्सेटिव के सेवन से पहले अवश्य डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
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स्टीमुलेंट लैक्सेटिव से जुड़ी सावधानी क्या है?
- एक सप्ताह से ज्यादा इसका सेवन ना करें। अगर आपके डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया है, तो आप इसका सेवन कर सकते हैं।
- 6 साल से कम उम्र के बच्चों को स्टीमुलेंट लैक्सटिव नहीं देना चाहिए।
- अगर आपके डॉक्टर ने स्टीमुलेंट लैक्सटिव प्रिस्क्राइब किया है, तो उनके बताये अनुसार ही इसका सेवन करें।
स्टीमुलेंट लैक्सेटिव का सेवन कई लोग करते हैं, लेकिन इसके फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान को भी ध्यान में रखना चाहिए। क्योंकि छोटी सी दवा पहले अपना फायदेमंद असर दिखाएगी, लेकिन जरूरत से ज्यादा इसका सेवन आपको अन्य शारीरिक परेशानियों में भी डालने के लिए काफी है।
सेलाइन लैक्सेटिव क्या है? (What is Saline laxatives?)
कब्ज की समस्या अगर ज्यादा हो, तो सेलाइन लैक्सेटिव लाभकारी माना जाता है। लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जैसे जी मिचलाना, पेट में ऐंठन होना या पेट दर्द जैसी तकलीफ भी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को सेलाइन लैक्सटिव के सेवन के बाद ऐसी कोई परेशानी महसूस होती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। क्योंकि सेलाइन लैक्सेटिव (Saline laxatives) की वजह से आप अन्य परेशानी भी महसूस कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
- डिहाइड्रेशन होना
- हल्का सिरदर्द होना
- चक्कर आना
- त्वचा का रंग हल्का पड़ना
सेलाइन लैक्सेटिव लेने के बाद अगर आपको ऊपर बताई गई तकलीफ होती है, तो डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें। क्योंकि सेलाइन लैक्सेटिव की वजह से कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। जैसे: किडनी से जुड़ी परेशानी, तेज पेट दर्द, स्टूल से ब्लड आना, रेक्टल ब्लीडिंग, मूड बार-बार बदलना, कमजोरी महसूस होना या फिर हाथ, एंकल या पैरों में सूजन जैसी तकलीफ हो सकती है।
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सेलाइन लैक्सेटिव (Saline laxatives) का सेवन कब नहीं करना चाहिए?
सेलाइन लैक्सेटिव का सेवन निम्नलिखित स्थितियों में नहीं करना चाहिए। जैसे:
- अगर आपको एलर्जी की समस्या हो
- किडनी डिजीज
- लिवर से जुड़ी बीमारी
- हार्ट प्रॉब्लम
- अनियमित हार्ट बीट होना
- बवासीर की समस्या
- अल्सरेटिव कोलाइटिस
अगर आपको इन ऊपर बताई गई बीमारियों में से कोई भी बीमारी है, तो सेलाइन लैक्सेटिव का सेवन ना करें।
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सेलाइन लैक्सेटिव से जुड़ी सावधानी क्या है?
- अगर आपकी कोई भी सर्जरी होने वाली है, तो इसका सेवन ना करें।
- एक सप्ताह से ज्यादा इसका सेवन ना करें।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सेलाइन लैक्सटिव नहीं देना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं या ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
सेलाइन लैक्सेटिव का सेवन कई लोग करते हैं, लेकिन इसके फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान को भी ध्यान में रखना चाहिए। क्योंकि ये दवाइयां जितनी फायदेमंद हैं, तो वहीं ओवरडोज होने के साइड इफेक्ट का भी खतरा बना रहता है।
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स्टीमुलेंट लैक्सेटिव और सेलाइन लैक्सेटिव में क्या अंतर है?
स्टीमुलेंट लैक्सेटिव | सेलाइन लैक्सेटिव |
स्टीमुलेंट लैक्सेटिव का सेवन कब्ज की तकलीफ अगर कम हो या कभी-कभी हो, तो ऐसी स्थिति में करना चाहिए। | अगर कब्ज की समस्या लगातार रहती है, तो सेलाइन लैक्सेटिव का सेवन किया जाता है। |
छे साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए। | पांच साल से कम उम्र के बच्चों को इसका सेवन नहीं करवाना चाहिए। |
स्टीमुलेंट लैक्सेटिव या सेलाइन लैक्सेटिव दोनों का ही सेवन कब्ज की परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता है, लेकिन इन दोनों ही लैक्सेटिव प्रोडक्ट को बिना हेल्थ एक्स्पर्ट के सलाह लिए नहीं करना चाहिए। |
लेकिन अगर आप सोच रहें हैं, कि कब्ज की तकलीफ को कैसे दूर करें, तो हम आपको बताने जा रहें कुछ खास और आसन से घरेलू नुस्खे।
कब्ज की तकलीफ को करना चाहते हैं दूर? तो अपनाए ये घरेलू उपाय
- सुबह उठने के बाद नियमित रूप से पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं। ऐसा रोजाना करने से जल्द ही कब्ज की समस्या से निजात मिल सकता है।
- रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से सुबह पेट साफ ठीक तरह से होता है।
- कब्ज की तकलीफ से दूर रहने के लिए रात को सोने के दौरान गुनगुना दूध पीने की आदत डालें। इससे नींद भी अच्छी आएगी और पेट भी साफ रहेगा।
- फलों में अमरूद और पपीता, कब्ज की परेशानी को दूर करने में मददगार माने जाते हैं। इन फलों के सेवन से कब्ज की परेशानी दूर होने के साथ-साथ त्वचा पर निखार भी लाया जा सकता है।
- कब्ज के मरीजों के लिए पालक भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। रिसर्च के अनुसार पालक का जूस फ़ायदेमंद हो सकता है।
- बेल का फल कब्ज की समस्या के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बेल के फल को या इससे बने शरबत का सेवन किया जा सकता है।
- अलसी के पाउडर का सेवन भी कब्ज की तकलीफ को दूर करने में आपकी सहायता करता है। ताजे पानी में अलसी के पाउडर को मिलाकर सेवन करें।
- नियमित एक्सरसाइज करें, वॉक पर जायें। आप चाहें तो पवन मुक्तासन, हलासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, मयूरासन, बालासन या सुप्तमत्स्येन्द्रासन जैसे योग को अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
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कब्ज की शिकायत रहने पर क्या ना करें?
- मैदे का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अत्यधिक तेल-मसाले का सेवन ना करें।
- टेंशन से दूर रहें।
- गर्म तासीर वाले खाध्य पदार्थों का सेवन नहीं करें।
- स्मोकिंग ना करें।
इन बातों का ध्यान रखकर कब्ज से दूर रहा जा सकता है। कब्ज कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन वक्त रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो कब्ज की वजह से कोई और शारीरिक परेशानी दस्तक दे सकती है। अगर आप स्टीमुलेंट लैक्सेटिव या सेलाइन लैक्सेटिव लेने के आदि हैं, तो इनसे दूरी बनायें। अगर आप स्टीमुलेंट लैक्सेटिव या सेलाइन लैक्सेटिव से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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