शरीर के हर एक अंग का आपस में कनेक्शन होता है या यूं कहें कि सब एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। जिस तरह से अगर हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाए, तो ध्यान ना देने पर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ठीक वैसे ही एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) का भी आपसी तालमेल है, जिससे शारीरिक परेशानी और बढ़ जाती है। अगर आप साफ शब्दों में कहें, तो डायजेस्टिव सिस्टम यानी पाचन तंत्र ठीक तरह से नहीं काम करने पर अस्थमा की तकलीफ शुरू हो सकती है। इसलिए इस आर्टिकल में समझेंगे एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) से जुड़ी कम्प्लीट इन्फॉर्मेशन। लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं एसिड रिफ्लक्स क्या है और क्यों होती है यह परेशानी?
एसिड रिफ्लक्स क्या है? (What is Acid Reflux?)
एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज भी कहा जाता है, जो एक डायजेस्टिव डिसऑर्डर भी है। पेट में उत्पन्न एसिड या पेट में मौजूद तत्व भोजन नली (Esophagus) में वापस आ जाता है। इस कराण भोजन नली की अंदरूनी सतह में जलन होने लगती है। बहुत सारे लोगों को यह परेशानी समय-समय पर होती रहती है। एसिड रिफ्लक्स रोग (GERD) की तकलीफ किसी भी उम्र में हो सकती है।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के अनुसार 25 से 80 प्रतिशत अस्थमा और एसिड रिफ्लक्स की समस्या साथ-साथ देखी गई है। हालांकि एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) दोनों एक साथ होने के पीछे क्या कारण हैं, ये अभी तक साफ नहीं है। लेकिन एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा, दोनों के एक साथ होने के कुछ कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में आगे समझेंगे।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा के क्या हैं कारण? (Difference between Acid Reflux and Asthma)
एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा, यहां इनदोनों को एक-एक कर ठीक तरह से समझना होगा-
एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) के कारण अस्थमा की तकलीफ क्यों बढ़ती है?
रिसर्च के अनुसार जब पेट के एसिड का फ्लो खाने की नली (Esophagus) को नुकसान पहुंचाने लगता है, तो इससे थ्रोट और लंग्स के एयर लाइंस को भी डैमेज करने लगता है। अगर ऐसी स्थिति शुरू हो जाये, तो व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है और लगातार खांसी आने लगती है। अगर ऐसी स्थिति लगातार बनी रही, तो लंग्स संबंधी परेशानी बढ़ती है, जिससे अस्थमा की तकलीफ भी बढ़ने लगती है। इसके अलावा अगर एसिड रिफ्लक्स की वजह से एसिड लंग्स तक पहुंचने लगे, तो व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ भी शुरू हो सकती है।
अस्थमा (Asthma) के कारण एसिड रिफ्लक्स की तकलीफ क्यों बढ़ती है?
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की वजह से अस्थमा की तकलीफ ज्यादा बढ़ सकती है। अगर इसे सामान्य शब्दों में समझें, तो जब अस्थमा अटैक आता है, तो सीने और पेट पर दवाब बढ़ता है। ऐसी स्थिति में एसिड खाने की नली में प्रवेश करने लगती है, जिसकी वजह से एसिड रिफ्लक्स की शुरुआत हो सकती है। इन स्थितियों में लंग्स में सूजन आना या पेट पर ज्यादा दवाब पड़ना सामान्य है, लेकिन पेशेंट की तकलीफ अत्यधिक बढ़ जाती है।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) के पेशेंट्स में क्या-क्या लक्षण देखे जा सकते हैं?
वयस्कों में सबसे ज्यादा हार्टबर्न की शिकायत रहती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनमें गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) बिना सीने में जलन के भी हो सकती है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल है:
- सूखी खांसी होना
- कफ बनना
- खाना निगलने में परेशानी महसूस होना
- रात के वक्त या लेटने के दौरान परेशानी महसूस होना
- अस्थमा की दवाओं का असर कम होना
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण देखे या महसूस किये जा सकते हैं। वैसे तकलीफ निम्नलिखित कारणों से और ज्यादा बढ़ सकती है। जैसे:
- अत्यधिक एक्सरसाइज करना
- समय पर डायट फॉलो नहीं करना
- एल्कोहॉल का सेवन करना
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गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की समस्या नवजात शिशुओं या बच्चों में भी हो सकती है और इनके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- बच्चे का चिड़चिड़ा होना
- पीठ सहलाने पर अच्छा महसूस करना
- खाना नहीं खाना
- बच्चे का शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं होना
- जी मिचलाना
- सीने में जलन होना
- कफ बनना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- सांस लेने पर घरघराहट की आवाज आना
बच्चों या बड़ों में ये लक्षण देखे जा सकते है, लेकिन कभी-कभी एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) के लक्षण और भी हो सकते हैं।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा: क्या है मेडिकल ट्रीटमेंट?
एसिड रिफ्लक्स के लिए ट्रीटमेंट (Treatment for Acid Reflux)-
एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) की तकलीफ अगर किसी व्यक्ति को है, तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। एसिड रिफ्लक्स की परेशानी को कम करने के डॉक्टर आपको हेल्दी लाइफ स्टाइल और हेल्दी डायट मेंटेन करने की सलाह देंगे। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट पेशेंट की स्थिति को देखते हुए दवा भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। जैसे: एंटाएसिड्स (Antacids), एच2 रेसेप्टर ब्लॉकर्स (H2 receptor blockers) प्रोटोन पंप इन्हीबेटर्स (Proton pump inhibitors)। यदि गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स की स्थिति गंभीर है और इन दवाओं के सेवन से भी लाभ नहीं मिल रहा है, तो डॉक्टर दवाओं की डोज में बदलाव ला सकते हैं या डोज बढ़ा सकते हैं। लेकिन इन दवाओं का साइड इफेक्ट्स भी होता है। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) में दी जाने वाली दवाएं कब्ज का कारण बनती हैं। दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण स्टूल हार्ड हो जाता है और आंतों की गतिविधि भी धीमी हो जाती है।
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अस्थमा के लिए ट्रीटमेंट (Treatment for Asthma)-
अस्थमा की तकलीफ को दूर करने के लिए प्रिस्क्राइब की जाने वाली दवाएं हैं स्टेरॉइड्स (फ्लाइक्टासोन (फ्लोवेट डिस्कस, फ्लोवेंट एचएफए)), बुडेसोनाइड (पल्मिकॉर्ट फ्लेक्सहेलर), मेमेटासोन (असेंमेक्स), कोलिसोनाइड (अल्वेसको), फ्लुनिसोलाइड (एरोबिड), एस्लेलोमीथासोन (क्वावर) शामिल हैं। ल्यूकोट्रिअन मॉडिफायर्स दवाएं हैं, जिनमें मोंटेलुकास्ट (सिंगुलैर), जाफिरुकास्ट (एकोलेट) और जाइलुटोन (जीफ्लो, जेफ्लो सीआर) शामिल हैं। वहीं अगर पेशेंट की स्थिति ज्यादा गंभीर है, तो अल्ब्युटेरोल (प्रोएयर एचएफए, वेंटोलिन एचएफए, अन्य), लेवलब्युटेरोल (एक्सोपेनेक्स एचएफए) और पायरब्यूटेरोल (मैक्सेयर ऑटोहेलर) जैसी दवाएं लेने की सलाह दी जाती हैं।
नोट: एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) की तकलीफ को दूर करने के लिए उन्हीं दवाओं का सेवन करें, जो डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया हो। अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन ना करें, क्योंकि इन दवाओं के गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma): लाइफ स्टाइल में क्या करें बदलाव?
एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा या कोई अन्य बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल मेंटेन करना बेहद जरूरी है। इसलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें-
- बॉडी का वेट संतुलित बनाये रखें
- स्मोकिंग ना करें
- एल्कोहॉल या कैफीन युक्त पेय पदार्थों से दूरी बनायें
- चॉकलेट्स ना खाएं
- सिट्रस फ्रूट का सेवन ना करें
- तेल-मसाले वाले खाने से दूर रहें
- ज्यादा फैट वाले फूड ना खाएं
- टमाटर से बने खाद्य पदार्थ जैसे पिज्जा, साल्सा या सॉस का सेवन ना करें
- एक बार में ज्यादा खाना खाने से बचें। बेहतर होगा अपने मील को 3 भागों में डिवाइड कर लें
- सोने से 3 से 4 घंटे पहले डिनर करें
- आरमदायक पिलो का इस्तेमाल करें और अत्यधिक ऊंचा पिलो ना लें
- सोने के दौरान आरामदायक और ढ़ीले कपड़े पहनें
इन टिप्स को अगर नियमित रूप से फॉलो किया गया, तो आप हमेशा फिट रह सकते हैं।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma): बच्चों में कैसे करें कंट्रोल?
एसिड रिफ्लक्स की तकलीफ को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं। जैसे:
- दूध पीने के दौरान अगर शिशु बर्प करता है, तो उसे करने दें।
- स्तनपान के वक्त शिशु का बॉडी पुजिशन ठीक रखें।
- छोटे बच्चों को एक बार में फीड ना कराएं, बेहतर होगा कि आप थोड़ी-थोड़ी देर पर फीड करवाते रहें।
अस्थमा की तकलीफ को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं। जैसे:
- जिनोका एक्स्ट्रैक्ट का सेवन करवाएं
- फिश ऑयल सप्लिमेंट्स दें
- नियमित योग करें
- डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करवाएं
इन ऊपर बताई बातों को ध्यान में रखकर एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा की समस्या से बचा जा सकता है। अगर आप एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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