गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की समस्या नवजात शिशुओं या बच्चों में भी हो सकती है और इनके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- बच्चे का चिड़चिड़ा होना
- पीठ सहलाने पर अच्छा महसूस करना
- खाना नहीं खाना
- बच्चे का शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं होना
- जी मिचलाना
- सीने में जलन होना
- कफ बनना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- सांस लेने पर घरघराहट की आवाज आना
बच्चों या बड़ों में ये लक्षण देखे जा सकते है, लेकिन कभी-कभी एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) के लक्षण और भी हो सकते हैं।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा: क्या है मेडिकल ट्रीटमेंट?
एसिड रिफ्लक्स के लिए ट्रीटमेंट (Treatment for Acid Reflux)-
एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) की तकलीफ अगर किसी व्यक्ति को है, तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। एसिड रिफ्लक्स की परेशानी को कम करने के डॉक्टर आपको हेल्दी लाइफ स्टाइल और हेल्दी डायट मेंटेन करने की सलाह देंगे। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट पेशेंट की स्थिति को देखते हुए दवा भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। जैसे: एंटाएसिड्स (Antacids), एच2 रेसेप्टर ब्लॉकर्स (H2 receptor blockers) प्रोटोन पंप इन्हीबेटर्स (Proton pump inhibitors)। यदि गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स की स्थिति गंभीर है और इन दवाओं के सेवन से भी लाभ नहीं मिल रहा है, तो डॉक्टर दवाओं की डोज में बदलाव ला सकते हैं या डोज बढ़ा सकते हैं। लेकिन इन दवाओं का साइड इफेक्ट्स भी होता है। गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) में दी जाने वाली दवाएं कब्ज का कारण बनती हैं। दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण स्टूल हार्ड हो जाता है और आंतों की गतिविधि भी धीमी हो जाती है।
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अस्थमा के लिए ट्रीटमेंट (Treatment for Asthma)-
अस्थमा की तकलीफ को दूर करने के लिए प्रिस्क्राइब की जाने वाली दवाएं हैंस्टेरॉइड्स (फ्लाइक्टासोन (फ्लोवेट डिस्कस, फ्लोवेंट एचएफए)), बुडेसोनाइड (पल्मिकॉर्ट फ्लेक्सहेलर), मेमेटासोन (असेंमेक्स), कोलिसोनाइड (अल्वेसको), फ्लुनिसोलाइड (एरोबिड), एस्लेलोमीथासोन (क्वावर) शामिल हैं। ल्यूकोट्रिअन मॉडिफायर्स दवाएं हैं, जिनमें मोंटेलुकास्ट (सिंगुलैर), जाफिरुकास्ट (एकोलेट) और जाइलुटोन (जीफ्लो, जेफ्लो सीआर) शामिल हैं। वहीं अगर पेशेंट की स्थिति ज्यादा गंभीर है, तो अल्ब्युटेरोल (प्रोएयर एचएफए, वेंटोलिन एचएफए, अन्य), लेवलब्युटेरोल (एक्सोपेनेक्स एचएफए) और पायरब्यूटेरोल (मैक्सेयर ऑटोहेलर) जैसी दवाएं लेने की सलाह दी जाती हैं।
नोट: एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) की तकलीफ को दूर करने के लिए उन्हीं दवाओं का सेवन करें, जो डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया हो। अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन ना करें, क्योंकि इन दवाओं के गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma): लाइफ स्टाइल में क्या करें बदलाव?
एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा या कोई अन्य बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी लाइफ स्टाइल मेंटेन करना बेहद जरूरी है। इसलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें-
- बॉडी का वेट संतुलित बनाये रखें
- स्मोकिंग ना करें
- एल्कोहॉल या कैफीन युक्त पेय पदार्थों से दूरी बनायें
- चॉकलेट्स ना खाएं
- सिट्रस फ्रूट का सेवन ना करें
- तेल-मसाले वाले खाने से दूर रहें
- ज्यादा फैट वाले फूड ना खाएं
- टमाटर से बने खाद्य पदार्थ जैसे पिज्जा, साल्सा या सॉस का सेवन ना करें
- एक बार में ज्यादा खाना खाने से बचें। बेहतर होगा अपने मील को 3 भागों में डिवाइड कर लें
- सोने से 3 से 4 घंटे पहले डिनर करें
- आरमदायक पिलो का इस्तेमाल करें और अत्यधिक ऊंचा पिलो ना लें
- सोने के दौरान आरामदायक और ढ़ीले कपड़े पहनें
इन टिप्स को अगर नियमित रूप से फॉलो किया गया, तो आप हमेशा फिट रह सकते हैं।
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एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma): बच्चों में कैसे करें कंट्रोल?
एसिड रिफ्लक्स की तकलीफ को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं। जैसे:
अस्थमा की तकलीफ को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं। जैसे:
इन ऊपर बताई बातों को ध्यान में रखकर एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा की समस्या से बचा जा सकता है। अगर आप एसिड रिफ्लक्स और अस्थमा (Acid Reflux and Asthma) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।