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कंसीव करने में परेशानी का प्रभाव पड़ सकता है इमोशनल हेल्थ पर, ऐसे रखें ख्याल

कंसीव करने में परेशानी का प्रभाव पड़ सकता है इमोशनल हेल्थ पर, ऐसे रखें ख्याल

एक महिला के जीवन में मां बनना अलग उत्साह लेकर आ सकता है। शादी के बाद कुछ साल पार्टनर के साथ बिताने के बाद महिलाओं का मन परिवार बढ़ाने की ओर झुक जाता है। ऐसे में किसी भी समस्या की वजह से कंसीव करने में परेशानी हो तो मन में उदासी आना स्वभाविक है। कई महिलाओं को तो इस वजह से डिप्रेशन की समस्या भी हो जाती है। डॉक्टर से संपर्क करने के बाद और उनकी सलाह का पालन करने के बाद भी कंसीव करने में परेशानी होना दुखद होता है।

महिलाओं के मन में ये सवाल बार-बार आता है कि आखिर क्या परेशानी है। कंसीव करने में परेशानी के चलते कुछ महिलाओं को पांच से सात साल का समय भी लग जाता है। यकीनन ऐसे में कोई तो बात होगी जो कंसीव करने में परेशानी का कारण बन रही है। कंसीव करने में परेशानी आना महिला या पुरुष की हेल्थ से जुड़ा मामला है। इस कारण से कपल्स इमोशनल हेल्थ के साथ भी समझौता कर लेते हैं। कंसीव करने में परेशानी फ्रस्टेशन, डिप्रेशन और फेलियर के रूप में कपल्स के मन में घर कर लेता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे कंसीव करने में परेशानी के चलते इमोशनल हेल्थ का ख्याल रखा जाए।

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कंसीव न कर पाने पर क्या हो सकता है एहसास?

कंसीव करने में परेशानी न सिर्फ महिला को घबराहट का अहसास दिलाती है, बल्कि कई सारी चिंताओं को एक साथ लेकर भी आती है। हो सकता है कि इस बात का एहसास महिला के परिवार को बिलकुल भी न हो। इमोशनल हेल्थ में प्रभाव पड़ने से महिला किसी के सामने तो कुछ नहीं कहती है, बल्कि मन ही मन परेशान होकर अपने स्वास्थ्य को खराब करती है।

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उदासी की समस्या

कुछ महीनों या फिर कई सालों तक प्रयास करने के बावजूद जब महिला कंसीव नहीं कर पाती है तो उसके मन में उदासी छा जाती है। ये उदासी आगे चलकर तनाव का कारण भी बन सकती है। जो महिला गर्भवती है, उनका मन भी किसी बात को लेकर उदास है तो भी समस्या का कारण बन सकता है।

भय या चिंता

सालों से प्रयास के बावजूद अगर महिला को कंसीव करने में परेशानी हो रही है तो उसके मन में समाज से जुड़ी बातों को लेकर एक भय या चिंता उत्पन्न हो जाती है। उसे लगता है कि मां न बन पाने के कारण समाज उसे ताने मारेगा। घर वाले उसके साथ अच्छा बिहेव नहीं करेंगे। गर्भवती मां के अंदर एक अच्छी मां न बन पाने के कारण या फिर आने वाले बच्चे का खर्चा न वहन कर पाने के कारण भी भय या चिंता होने की संभावना रहती है।

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थेरेपिस्ट और सपोर्टिव ग्रुप का लें सहारा

कंसीव करने में परेशानी के चलते महिलाओं के मन में उदासी आ जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। महिलाओं को ऐसे सपोर्टिव ग्रुप या फिर थेरिपिस्ट के संपर्क में आना चाहिए जिनसे महिलाएं प्रेग्नेंसी के बाद या प्रेग्नेंसी के दौरान जुड़ी हुई हो। सपोर्टिव ग्रुप के पास आपको ऐसे लोग भी मिलेंगे जिन्हें कंसीव करने में परेशानी हो रही हो। सपोर्टिव ग्रुप की हेल्प से आपको ऐसी कई बातों की जानकारी मिलेगी जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही इमोशनल हेल्थ भी बेहतर होगी। कंसीव करने में परेशानी के चलते महिला को गुमशुम होने की बजाय ऐसे लोगों के संपर्क में आना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से कपल्स को इमोशनल सपोर्ट मिलने के साथ ही उम्मीद की नई राह भी मिल जाती है।

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ऐसे दोस्त बनाए जो दें आपका साथ

कंसीव करने में परेशानी होने पर महिलाएं इस बात को इतना ज्यादा दिल पर लगा लेती हैं कि वे खुद को एक दायरे में सीमित कर लेती हैं। वे किसी से ज्यादा बातचीत भी नहीं करती, लेकिन ये इमोशनल हेल्थ को खराब करने का काम कर सकता है। आप चाहे तो ऐसे दोस्त बना सकते हैं जिनसे रोज मिलना न होता हो और वो आपको ऑनलाइन मिलते हो।

ऑनलाइन फ्रेंड जो पहले ही बच्चों के पेरेंट्स हो, आपकी इमोशनल हेल्थ को दुरुस्त करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही आपको ऑनलाइन ऐसे फ्रेंड भी बनाने चाहिए जो कंसीव करने में परेशानी को झेल रहे हो। यकीन मानिए, आपको इन लोगों से बात करके अच्छा महसूस होगा। ये न सिर्फ आपकी परेशानी समझेंगे, बल्कि आपको अच्छे सुझाव भी दे सकते हैं। कई बार महिला के परिवार के सदस्य भी उनका सहयोग कर सकते हैं। परिवार के सदस्य भी अच्छी दोस्ती निभा सकते हैं। इसलिए ये बात निर्भर करती है कि महिला के परिवार में सपोर्टिव पर्सन है या फिर नहीं।

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अपनी हॉबी को दें समय

कुछ सालों में आप इमोशनल रूप से खुद को कमजोर महसूस कर रही होंगी, लेकिन ये समय कमजोर महसूस करने का नहीं है। अगर आपने डॉक्टर से कंसल्ट कर लिया है तो उनके बताएं गए नियमों का पालन जरूर करें। साथ ही खुद को इमोशनल रूप से मजबूत करने के लिए अपनी हॉबी को सहारा बनाए। आप चाहे तो बुक रीडिंग, गार्डनिंग, शॉपिंग या फिर आपको जो भी पसंद जो वो काम कर सकती हैं। अगर आपको लिखने का शौक है तो कुछ ही सालों में जो विचार आपके मन में आए हैं, उन्हें लिखकर आपको रिलैक्स फील होगा। अगर पढ़ने का शौक है तो उन महिलाओं के बारे में भी पढ़ें जिन्हें कंसीव करने में परेशानी उठानी पड़ी हो और बाद में वे सफल रहीं हों। ऐसा करने से आपकी इमोशनल हेल्थ मजबूत हो जाएगी और आपको आगे बढ़ने की ताकत मिलेगी।

कंसीव करने में परेशानी है तो इन बातों का रखें ध्यान

कुछ चीजें हैं जो आपको इमोशनल रूप से मजबूत बनाने में मदद कर सकती है। अगर आप इन बातों पर ध्यान देंगी तो मन को मजबूती मिलेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत महिला ही स्वस्थ्य बच्चे को जन्म देती है।

  • एक्सरसाइज के लिए समय निकालें।
  • खाने में हेल्दी फूड शामिल करें।
  • अपनी भावनाओं के प्रति ईमानदार रहें।
  • उन व्यक्तियों के संपर्क में रहें जो आपको इमोशनल रूप से स्ट्रॉन्ग करने में मदद करते हो।
  • आराम करने के लिए नए तरीके खोजें।
  • अपनी भावनाओं के बारे में पार्टनर से खुलकर बात जरूर करें।
  • उन व्यक्तियों से दूरी बनाएं जो आपको ताने देते हो या फिर निगेटिविटी फैलाने का काम करते हो।

कंसीव करने में परेशानी के कारण कोई भी महिला इमोशनल रूप से हर्ट हो सकती है। अगर आपको कंसीव करने में समस्या हो रही है तो सबसे पहले इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दें। आज के इस टेक्नोलॉजी के दौर में बहुत सी चीजों को आसानी से संभव किया जा सकता है। हो सकता है कि आपके मामले में भी कोई आसान हल निकाला जा सके। डॉक्टर के परामर्श पर ध्यान देना जरूरी है। खुद को अंदर से मजबूत रखने के लिए भी कुछ बातों पर ध्यान जरूर दें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Taking Care of Your Mental Health During Pregnancy: https://kidshealth.org/en/parents/pregnant-mental-health.html Accessed July 22, 2020

Mind–body group treatment for women coping with infertility: a pilot study: https://www.tandfonline.com/doi/full/10.3109/0167482X.2014.989983 Accessed July 22, 2020

Advice on conceiving and preparing for pregnancy: https://www.nidirect.gov.uk/articles/advice-conceiving-and-preparing-pregnancy Accessed July 22, 2020

12 things to do when trying for a baby: https://www.tommys.org/pregnancy-information/planning-pregnancy/12-things-do-when-trying-baby   Accessed July 22, 2020

 

Current Version

22/07/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/07/2020

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