पसीना आना
बच्चे के होने के बाद हॉर्मोनल परिवर्तन से रात में पसीना आ सकता है। ठंडा रहने के लिए अपने बिस्तर से कंबल हटा दें। गर्भावस्था में पसीने की स्थिति से आप वाकिफ होंगी इसलिए पसीना आने से घबराएं नहीं। इसे नॉर्मल बदलाव समझें।
मूड स्विंग
गर्भावस्था में होने वाले मूड स्विंग की तरह प्रसव भी इमोशनल बदलाव लाता है। नए अनुभव को महसूस करने या कई बार चिंता भी होने लगती है जिसे बेबी ब्लूज कहा जाता है। इसके लक्षणों में मूड स्विंग्स, चिंता और सोने में कठिनाई शामिल आदि हैं। आमतौर पर बेबी ब्लूज दो सप्ताह के भीतर नॉर्मल हो जाता है। इससे राहत के लिए अपना ख्याल रखें और अपनी भावनाओं को साझा करें तथा मदद के लिए पार्टनर, प्रियजनों या दोस्तों से पूछें। नॉर्मल डिलिवरी केयर के समय इन सभी चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। प्रसव से गुजरी महिला की फिजिकल केयर के साथ ही इमोशनल केयर भी करनी होगी।
पोस्टपार्टम चेकअप
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स का सुझाव है कि प्रसव के बाद पोस्टपार्टम केयर नॉर्मल डिलिवरी केयर की एक प्रक्रिया है। प्रसव के बाद पहले 3 सप्ताह के भीतर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। प्रसव के बाद 12 सप्ताह के भीतर कॉम्प्रिहेंसिव पोस्टपार्टम इवैल्यूएशन के लिए अपने डॉक्टर से मिलें। इस दौरान वह आपकी मनोदशा और भावनात्मक स्थिति, गर्भनिरोधक, शिशु की देखभाल की समीक्षा करेगा। साथ ही आपकी नींद और थकान संबंधित मुद्दों के बारे में बात करने के साथ फिजिकल टेस्ट भी करेगा। जिसमें महिला के पेट, योनि, गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय की जांच आदि शामिल हो सकती है।
इस बातों का ध्यान रख पूरी तरह नॉर्मल डिलिवरी केयर की जा सकती है। फिर भी अगर कोई शंका हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि नॉर्मल डिलिवरी केयर विषय पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।