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सुबह महसूस होती है थकावट (Morning sickness)
प्रेग्नेंसी के दौरान (during pregnancy) महिलाओं को सुबह उल्टी, उबकाई की समस्या और थकावट का एहसास जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार के लक्षण गर्भ में लड़की के भ्रूण का संकेत हो सकते हैं। इस संबंध में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में दि लानसेट नाम से एक अध्ययन प्रकाशित किया गया।
अध्ययन में पाया गया कि गर्भ में लड़की का भ्रूण होने पर आपको सुबह इस प्रकार की ज्यादा परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, इस बात की पुष्टि के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है। वहीं, पहली प्रेग्नेंसी के मामले में महिलाओं के लिए इसका अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल होगा। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी की समस्या से नहीं गुजरना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि जिन महिलाओं में ये लक्षण कम दिखते हैं, उनमें लड़के को जन्म देने की संभावना होती है। हालांकि इस बात का कोई भी प्रमाण मौजूद नहीं है। ये कुछ लोगों का मत मात्र है।
भ्रूण का लिंग (fetus gender) : हो सकती है मीठा खाने की इच्छा
गर्भ में लड़की का भ्रूण होने पर आपकी खाने की इच्छा पर प्रभाव पड़ता है। लड़की होने पर आपको मीठा खाने की इच्छा हो सकती है। हालांकि, खाने की इच्छा और गर्भ में लिंग के बीच के संबंध को लेकर अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है। कुछ महिलाओं ने अपने अनुभव के आधार पर इस तर्क पर जोर दिया है कि लड़की का जन्म होने से पहले उन्हें मीठा खाने की ज्यादा इच्छा होती थी। हलांकि, यह क्रेविंग प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण की जरूरत में होने वाले बदलाव के चलते भी हो सकती है। जब महिला गर्भवती होती है तो उसे विभिन्न प्रकार के स्वाद लेने का मन होता है, ऐसा जी मिचलाने या फिर स्वाद का एहसास कम होने की वजह से भी हो सकता है। कुछ महिलाओं को खानें में खट्टा अधिक पसंद आता है। लोग अक्सर प्रेग्नेंट महिला के खाने की इच्छा को बच्चे के लिंग से जोड़कर देखते हैं। इस बारे में अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
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भ्रूण का लिंग (fetus sex): मॉर्निंग सिकनेस क्या बताता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन्स में बदलाव होने के चलते अक्सर मूड स्विंग होता है। लोगों को लगता है कि लड़की का भ्रूण होने पर बॉडी में एस्ट्रोजन का लेवल ज्यादा होता है। इससे महिलाओं का मूड स्विंग होता है। हालांकि, अध्ययनों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में हार्मोंस के स्तर का बढ़ना आम बात है, भले ही गर्भ में लड़का या लड़की हो। डिलिवरी के बाद हार्मोन्स का स्तर सामान्य हो जाता है।