पहली प्रेग्नेंसी के बाद मेरे लिए दूसरा बच्चा (Second baby) प्लान करना या उसके बारे में सोचना थोड़ा कठिन है। इसके एक नहीं कई कारण हैं। हो सकता है आपके पास भी दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में सोचने के लिए वक्त न हो। ये वर्किंग वुमन के लिए वाकई कठिन काम है। अगर आप हाउसवाइफ हैं, तो भी सेकेंड प्रेग्नेंसी (दूसरा बच्चा) के बारे में सोचना थोड़ा कठिन हो जाता है।
आज के समय में हम महिलाएं एक बच्चे को अपना पूरा समय देना चाहती हैं। साथ ही अन्य कारण भी दूसरे बच्चे के बारे में सोचने में रुकावट डाल सकते हैं, लेकिन एक बार अपने बचपन (Childhood) के बारे में सोचती हूं तो अपने बच्चे के लिए बुरा भी महसूस करती हूं। अगर मेरे भाई-बहन न होते तो इस दुनिया में कितना अकेलापन महसूस होता। दूसरा बच्चा आपके जीवन में मुश्किलें नहीं, बल्कि खुशहाली लेकर आता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि क्यों जरूरी है दूसरा बच्चा (Second baby)।
और पढ़ें : परिवार बढ़ाने के लिए उम्र क्यों मायने रखती है?
दूसरा बच्चा यानी पहले बच्चे का दोस्त
आपका पहला बच्चा अकेला ही खेलता होगा है। आपने भी महसूस किया होगा कि दूसरे बच्चे को देखने के बाद वो बहुत खुश हो जाता है। दूसरा बच्चा आने के बाद आपकी टेंशन (Tension) थोड़ी कम हो सकती है। बच्चे आपस में खेलते हैं और एक-दूसरे की कंपनी एंजॉय करते हैं। दूसरा बच्चा प्लान (Second baby planning) करने से आपके पहले बच्चे को भी पार्टनर मिल जाएगा।
दूसरा बच्चा बना देता है पहले को रिस्पॉन्सिबल
दूसरा बच्चा होने के बाद आपको पहले बच्चे में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। पहला बच्चा आपको दूसरे बच्चे को संभालता हुआ देख हेल्प करने के लिए आगे आएगा। कुछ दिनों बाद आपको महसूस होगा कि वो आपके साथ मिलकर छोटे-मोटे काम में मदद भी करा रहा है। पहला बच्चा दूसरे बच्चे के साथ एंजॉय करना और उसकी केयर करना जल्दी सीख जाता है।
और पढ़ें : क्या 50 की उम्र में भी महिलाएं कर सकती हैं गर्भधारण?
फैमिली टाइम आप भी करेंगी एंजॉय
दूसरा बच्चा यानी दोगुनी जिम्मेदारी। बच्चों की जिम्मेदारी सिर्फ मां को ही नहीं, बल्कि पिता को भी उठानी चाहिए। जब दो बच्चों के साथ आपकी फैमली कम्प्लीट हो जाएगी तो आपको भी एंजॉय करने में मजा आएगा। अकेले बच्चे के साथ भी क्वालिटी टाइम स्पेंड हो सकता है, लेकिन बच्चा इतना एंजॉय नहीं कर पाएगा। दूसरा बच्चा आने के बाद सभी लोग अच्छा समय बिता सकते हैं।
दूसरा बच्चा सिखाएगा पहले को शेयरिंग
पहला बच्चा चीजों को शेयर करने से कतराता है। उसे लगता है कि जो कुछ भी मम्मी-पापा लाए हैं, उसके लिए ही है। किसी और के साथ सामान शेयर करने पर वो जिद्द भी कर सकता है। दूसरी प्रेग्नेंसी के बाद ये चांसेस कम हो जाएंगे। दूसरा बच्चा आने के बाद पहला बच्चा उसके साथ टाइम स्पेंड करेगा। अपने छोटे भाई या बहन को मनाने के लिए वो अपने खिलौनें शेयर करना सीखेगा। भाई-बहनों में यहीं से अच्छी बॉन्डिंग (Bonding) बनना शुरू हो जाती है। आप खुद भी इस बात को महसूस करेंगी कि पहले बच्चे में शेयरिंग को लेकर अचानक से परिवर्तन आ गया है। दूसरा बच्चा पहले बच्चे की कई आदतों में बदलाव लाता है।
और पढ़ें : पीरियड डिले मेडिकेशन (Period delay medication) क्या प्रेग्नेंसी पर डाल सकती हैं असर, जानिए यहां
दूसरा बच्चा आने से बढ़ती है प्रतिस्पर्धा
एक बच्चा दूसरे बच्चे को देखकर कुछ नया करने की कोशिशि करता है। आपका पहला बच्चा हो सकता है कि अभी दूध देखकर भाग जाता हो। दूसरे बच्चे के आने के बाद पहला बच्चा उसे देखकर दूध पीना शुरू कर सकता है। साथ ही स्टडी को लेकर भी यही बात लागू होती है। छोटे बच्चे के साथ ही बड़ा बच्चा भी पढ़ाई में ध्यान लगाना शुरू कर देता है। दोनों बच्चों को मम्मी पापा से रिवॉर्ड चाहिए होता है। इन सब बातों को लेकर ही दोनों बच्चे एक-दूसरे से कॉम्पिटशन भी कर सकते हैं।
और पढ़ें : हमारे ऑव्युलेशन कैलक्युलेटर का उपयोग करके जानें अपने ऑव्युलेशन का सही समय
पहले बच्चे को मिल जाता है सच्चा दोस्त
इस बात को तो आप भी महसूस कर सकती हैं। हम सबके भाई-बहन पक्के दोस्त भी होते हैं। बिना उनके जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। यही बात दूसरी प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के साथ भी जुड़ी है। दूसरे बच्चे से मतलब पहले बच्चे को सच्चा दोस्त देने से होता है। दोनों बच्चे आपस में मिलकर कब जीवन में आगे बढ़ते चले जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा। बच्चों को एक-दूसरे की कंपनी अच्छी लगती है। ये आपकी ओर से पहले बच्चे को बड़ा गिफ्ट भी हो सकता है।
दूसरी प्रेग्नेंसी के बाद ये भी होता है फायदा
अगर किसी भी वजह से किसी कपल्स का एक बच्चा है तो उसके कपड़े से लेकर कॉपी-किताबें और खिलौने तक का यूज कोई दूसरा नहीं कर पाता है। एक समय बाद सभी चीजों को संभाल कर यादों के तौर पर रखना पड़ता है, लेकिन दूसरी प्रेग्नेंसी के बाद ऐसा नहीं होता है। दूसरी प्रेग्नेंसी (Second baby) के बाद जब बच्चा आता है तो उसके लिए सभी चीजों को नया नहीं खरीदना पड़ता है। पहले बच्चे का खिलौना या फिर कपड़े, दूसरे बच्चे के लिए यूज किए जा सकते हैं। पहले बच्चे की कॉपी किताबों से लेकर अन्य सामान का यूज भी आसानी से किया जा सकता है। दूसरे बच्चे के लिए करियर को लेकर भी ज्यादा समस्याएं नहीं होती हैं क्योंकि पहले बच्चे को कई बातों की जानकारी हो जाती है जो दूसरे बच्चे के लिए उपयोगी साबित होती है। दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में अगर आपने पूरी तरह से सोच लिया है तो आपका निर्णय एकदम सही साबित हो सकता है। कुछ चीजों को पहले से मैनेज करना बहुत जरूरी है।
प्रेशर में न प्लान करें दूसरी प्रेग्नेंसी
दूसरी प्रेग्नेंसी का फैसला लेना यकीनन आपके पहले बच्चे के लिए अच्छा रहेगा, लेकिन दूसरी प्रेग्नेंसी का फैसला परिवार वालों के प्रेशर में आकर लेना सही नहीं रहेगा। अगर हालात सही नहीं है या फिर फाइनेंशियल प्रॉब्लम चल रही हैं तो दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में सोचने के लिए थोड़ा वक्त लेना सही रहेगा। दूसरी प्रेग्नेंसी के लिए पार्टनर के साथ ही परिवार का साथ चाहिए होता है। अगर परिवार राजी है, लेकिन पार्टनर राजी नहीं है तो जल्दबाजी में फैसला लेना गलत भी साबित हो सकता है। बेहतर रहेगा कि दूसरी प्रेग्नेंसी (Second baby) में जरूरी लोगों की रजामंदी को जरूर शामिल करें। ऐसा करने से आपको भविष्य में फायदा होगा और किसी भी प्रकार की संभावित समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
दूसरा बच्चा (Second baby) प्लान करना मां-पिता का निजी फैसला होता है। आगर आपकी फाइनेंशियल कंडिशन और शरीर पूर्ण रूप से ठीक है, तो आप दूसरा बच्चा प्लान कर सकते हैं। अगर आप दूसरा बच्चा (Second baby) चाहती हैं और शारीरिक रूप से कोई समस्या है तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सक सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
[embed-health-tool-ovulation]