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क्या नॉर्मल प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) से ही अच्छी मां बना जा सकता है?

क्या नॉर्मल प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) से ही अच्छी मां बना जा सकता है?

किसी भी महिला के लिए बच्चे का जन्म एक सहज प्रक्रिया है, लेकिन नॉर्मल डिलिवरी के समय होने वाला लेबर पेन हर महिला बर्दाश्त नहीं कर पाती, इसलिए नॉर्मल प्रसव की बजाय सी सेक्शन का सहारा लेती है या दर्द कम करने के लिए एपिड्यूरल इंजेक्शन आदि लेती है। पिछले कुछ समय से नॉर्मल प्रसव (Normal delivery) और सी सेक्शन को लेकर काफी चर्चा हो रही है, अधिकांश लोग नॉर्मल प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) के ही पक्ष में हैं। कुछ का तो ये भी कहना है कि नॉर्मल डिलिवरी से ही अच्छी मां बना जा सकता है, मगर क्या ये सच है? “हैलो स्वास्थ्य” के इस आर्टिकल में जानते हैं यह बात कितनी सच है?

नॉर्मल प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) होती है बेस्ट

नॉर्मल डिलिवरी में महिलाएं जल्दी रिकवर हो जाती हैं और डिलिवरी के बाद उतनी परेशानी नहीं होती, जितना की सी सेक्शन में। सी सेक्शन के कराने के बाद खाने-पीने से लेकर बाकी चीजों में बहुत परहेज करना पड़ता है, जबकि नॉर्मल डिलिवरी में लेबर पेन सहन करने के बाद रिकवरी जल्दी होती है। इसलिए अधिकांश लोग नॉर्मल डिलिवरी के ही पक्ष में रहते हैं।

नॉर्मल प्रसव (Normal delivery) में क्या होता है?

नैचुरल बर्थ या नॉर्मल डिलिवरी में एपिड्यूरल जैसी किसी भी दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और महिला दर्द सहती है। इससे उनका शरीर पर कंट्रोल होता है और खुद ही डॉक्टर की मदद से बच्चे को जन्म देने की प्रॉसेस अपनाती है। इसमें किसी तरह की सर्जरी नहीं होती। दरअसल, दर्द कम करने वाली दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। जैसे यह लेबर को कम या ज्यादा कर सकता है, मितली आना या आप खुद पर अपना कंट्रोल खो सकती हैं, इस वजह से भी कई महिलाएं नैचुरल चाइल्ड बर्थ का ही चुनाव करती हैं, जबकि कुछ महिलाएं ऐसा इसलिए करती हैं, क्योंकि वह बच्चे के जन्म के अनुभव को महसूस करना चाहती हैं। नैचुरल बर्थ के दौरान दर्द कम करने के लिए महिलाएं-

  • योग
  • मेडिटेशन
  • वॉकिंग
  • मसाज
  • पुजिशन बदलना
  • नहाती या शॉवर लेती हैं
  • सौम्य संगीत आदि का सहारा लेती हैं।

हालांकि, सामान्य प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) बेहतर होती है, लेकिन कुछ कॉम्प्लिकेशन होने पर सी-सेक्शन की भी जरूरत पड़ सकती है।

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नॉर्मल प्रसव (Normal delivery) से ही अच्छी मां बना जा सकता है कितना सच है?

बच्चे का जन्म चाहे नॉर्मल तरीके से हुआ हो या सी-सेक्शन (c-section) से मां और बच्चे की बॉन्डिंग सबसे मजबूत होती है। इसलिए जो लोग यह कहते हैं कि नॉर्मल डिलिवरी से ही अच्छी मां बना जा सकता है, इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। क्या आपने नॉर्मल तरीके से मां बनी और सी सेक्शन से मां बनी महिलाओं का अपने बच्चे के लिए प्यार अलग-अलग देखा है? दोनों ही मां हैं और उनके लिए उनका बच्चा सबसे महत्वपूर्ण होता है। मां और शिशु की बॉन्डिंग तो तभी से बन जाती है जब बच्चा मां के गर्भ में आता है। डिलिवरी प्रक्रिया का मां के अच्छी या बुरी होने से कोई संबंध नहीं है। बच्चे के जन्म से जुड़े ऐसे कई और मिथक है जिसे कुछ लोग सच मान बैठते हैं जैसे-

नॉर्मल प्रसव (Normal delivery) के बजाय क्या  सी सेक्शन सही है?

माना कि नॉर्मल डिलिवरी अच्छी होती है, लेकिन सी सेक्शन को गलत और अनावाश्यक नहीं ठहराया जा सकता है। कई मामलों में जटिलताएं उत्पन्न होने पर सी सेक्शन के जरिए ही मां और बच्चे दोनों का बचाया गया है। सी सेक्शन अक्सर हाइपर एक्टिव थायरॉइड, डायबिटीज, संकीर्ण बर्थ कैनाल और एक से अधिक भ्रूण के साथ प्रेग्नेंट महिलाओं का किया जाता है। इन स्थितिओं में सी सेक्शन न करने पर मां और बच्चे दोनों की जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए सी सेक्शन की जरूरत से इनकार नहीं किया जा सकता। वैसे में कोई महिला डिलिवरी का कौन सा तरीका चुनना चाहती है यह उसकी निजी राय है।

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नॉर्मल प्रसवछ: लेबर पेन का कारण डर है

इस बात में भी सच्चाई नहीं है। यदि सच होता तो पीरियड्स के दौरान महिलाओं को क्यों दर्द होता है? तब किस बात का डर होता है। सच तो यह है कि लेबर पेन का कारण डर नहीं है, बल्कि यह इसलिए होता है क्योंकि प्रसव के लिए बच्चा नीचे की ओर खिसकता है जिससे मांसपेशियां और टिशू स्ट्रेच (tissue stretch) होते हैं और दवाब महसूस करते हैं। हां तनाव और डर दर्द को थोड़ा बढ़ा जरूर सकते हैं, जैसा सामान्यतौर पर होता है।

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लेबर पेन बर्दाशत नहीं करना बुरी मां बनाता है

यदि यह सच है तो सिर दर्द और बदन दर्द होने पर दवा खाना भी आपको बुरा इंसान बनाता है। फिर तो किसी भी तरह का दर्द होने पर आपको बर्दाशत करना चाहिए दवा नहीं खानी चाहिए। लेबर पेन सहने पर ही आप अच्छी मां बनती है। इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। दर्द से राहत पाने के लिए कोई महिला कौन सा तरीका अपनाना चाहती है उसकी इस च्वॉइस का इस बात से कोई संबंध नहीं होता कि वह कैसी मां है?

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नॉर्मल प्रसव की संभावना बढ़ाने के लिए टिप्स

  • बिना ऑपरेशन के प्रसव की इच्छा रखने वाली प्रेग्नेंट लेडीज को प्रेग्नेंसी के दौरान जितना हो सके स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान मन कई बार बहुत नेगेटिव हो जाता है। प्रसव से जुड़ी सुनी-सुनाई नकारात्मक बातों की ओर एकदम भी ध्यान ना दें। गर्भावस्था का अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है।
  • सामान्य प्रसव की चाहत रखने वाली महिलाएं गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से शरीर के निचले हिस्से की मसाज कराना शुरू कर देना चाहिए। इससे सामान्य प्रसव में आसानी होती है।
  • प्रेग्नेंट महिलाएं खुद को हाइड्रेट रखें।
  • प्रेग्नेंसी में अपना वजन थोड़ा नियंत्रण में रखें। बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से प्रसव के समय परेशानी हो सकती है।
  • डॉक्टर से नॉर्मल प्रसव के बारे में अधिकाधिक जानकारी लें।
  • नॉर्मल प्रसव के लिए सही डॉक्टर का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए।
  • नॉर्मल प्रसव चाहती हैं तो अनुभवी दाई से भी सलाह-मशवरा लिया जा सकता है। ऐसी दाइयों के पास सामान्य प्रसव कराने का अच्छा खासा अनुभव होता है। जो आपके प्रसव के समय लाभकारी हो सकता है।
  • प्रेग्नेंसी में नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से सामान्य प्रसव की संभावना बढ़ाई जा सकती है। इसलिए, डॉक्टर के परामर्श से नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

नॉर्मल प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) से ही अच्छी मां बना जा सकता इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। अच्छी मां होने का पैमाना नॉर्मल डिलिवरी नहीं, बल्कि अपने बच्चे की सही परवरिश होती है। किसी भी तरह का कंफ्यूजन होने पर डॉक्टर से परामर्श करना ही सही होता है। इस आर्टिकल में हमने आपको नॉर्मल प्रसव के बारे में  बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Natural Childbirth. https://kidshealth.org/en/parents/natural-childbirth.html. Accessed on 9th November 2019

What’s the Difference? Natural Delivery or C-section. https://www.aurorahealthcare.org/patients-visitors/blog/whats-the-difference-natural-delivery-or-c-section. Accessed on 9th November 2019

The Life-Changing Significance of Normal Birth. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1804308/. Accessed on 9th November 2019

Safe, Healthy Birth: What Every Pregnant Woman Needs to Know. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2730905/. Accessed on 9th November 2019

5 positive ways to prepare for labour. https://www.tommys.org/pregnancy-information/labour-birth/5-positive-ways-prepare-labour. Accessed on 9th November 2019

Current Version

27/10/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Bhawana Awasthi

Updated by: Bhawana Awasthi


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Bhawana Awasthi


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/10/2021

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