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प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन क्या होता है जरूरी, जानिए यहां

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


डॉ. हेमाक्षी जत्तानी द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन क्या होता है जरूरी, जानिए यहां

    इंसुलिन हॉर्मोन शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हॉर्मोन होता होता है। हॉर्मोन में असंतुलिन के कारण शरीर की कार्यप्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारे शरीर में पैंक्रियाज इंसुलिन हॉर्मोन बनाने का काम करता है। शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन हॉर्मोन बहुत जरूरी होता है। इंसुलिन हॉर्मोन ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में इंसुलिन की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है, तो इसका बुरा प्रभाव बच्चे पर भी पड़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर प्रेग्नेंट डायबिटिक महिलाओं को इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin injections for diabetic females in pregnancy) लेने की सलाह दी जाती है। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन इंजेक्शन के बारे में जानकारी देंगे। जानिए इससे जुड़ी अहम जानकारी।

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    प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin injectionsfor diabetic females in pregnancy)

    प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन

    डायबिटीज की बीमारी किसी को भी हो सकती है। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन न बना पाने की समस्या पैदा होती है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में इंसुलिन (Resistant) के प्रति रजिस्टेंट या प्रतिरोधी हो जाते हैं। गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) कहते हैं। इंसुलिन का इंजेक्शन कई प्रकार का होता है। रैपिड एक्टिंग इंसुलिन (Rapid-acting insulins), इंटरमिडिएट एक्टिंग इंसुलिन एनपीएच (Intermediate-acting insulin: NPH ) आदि का इस्तेमाल किया जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली डायबिटीज बच्चे के जन्म के बाद नियंत्रित हो सकती है लेकिन इसके लिए अधिक सावधानी की जरूरत पड़ती है। महिला को समय-समय पर दवा या इंजेक्शन का सेवन करने के साथ ही जांच भी करानी चाहिए और वेट को कंट्रोल में रखना चाहिए। डॉक्टर प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin injections for diabetic females in pregnancy)  में निम्नलिखित इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दे सकते हैं।

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    प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इन इंजेक्शन को लेने की सलाह दे सकते हैं डॉक्टर

    प्रेग्नेंसी के दौरान या फिर प्रेग्नेंसी के पहले डायबिटीज की समस्या होने पर डॉक्टर इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दे सकते हैं। इंसुलिन इंजेक्शन रोजाना समय पर लेना चाहिए। इंसुलिन इंजेक्शन खुद लिया जा सकता है लेकिन इसे लेने के सही तरीके के बारे में जानकारी जरूर लेना चाहिए। जानिए डॉक्टर किन इंजेक्शन को लेने के लिए कह सकते हैं

    प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन:  लैंटस 100 आईयू इंजेक्शन (Lantus 100 IU Injection)

    लैंटस 100 आईयू इंजेक्शन का इस्तेमाल टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के दौरान किया जाता है। ये इंजेक्शन शरीर में इंसुलिन के लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के साथ ही ये डायबिटीज के कॉम्प्लीकेशंस (Complications of diabetes) से बचाने का काम भी करता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इंसुलिन इंजेक्शन नहीं लेने चाहिए। डॉक्टर जांच के बाद ही इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin injection) लेने की सलाह देते हैं। डॉक्टर या नर्स पेशेंट को इंजेक्शन लगाने का सही तरीका बताते हैं। आपको इंजेक्शन लेने के साथ ही खानपान और एक्सरसाइज (Exercise) पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इस इंजेक्शन में एक्टिव इंग्रीडिएंट के रूप में इंसुलिन ग्लार्जिन (Insulin Glargine) होता है। इंजेक्शन की कीमत 578 रु है। आपको इंजेक्शन को कैसे स्टोर करना है, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।

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    बसालोग रिफिल कार्ट्रिज (Basalog 100IU/ml Refill Cartridge)

    बसालोग रिफिल कार्ट्रिज लोंग एक्टिव टाइप इंसुलिन है, जिसका इस्तेमाल शरीर में इंसुलिन के स्तर को मेंटेन करने के लिए किया जाता है। ये इंजेक्शन ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है और साथ ही मधुमेह के कॉम्प्लीकेशंस को भी कम करता है। प्रग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की दवा या फिर इंजेक्शन का इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। इस इंजेक्शन में एक्टिव इंग्रीडिएंट के रूप में इंसुलिन ग्लार्जिन (Insulin Glargine) होता है। इंजेक्शन की कीमत 488 रु है। इंजेक्शन को स्किन में लिया जाता है। साथ ही आपको समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच भी करानी चाहिए और बिना सलाह के इंजेक्शन लेना बंद नहीं करना चाहिए। इंजेक्शन लेने के बाद किसी तरह की समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन:  लैंटस सोलोस्टार (Lantus Solostar)

    लैंटस सोलोस्टार सॉल्युशन टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने का काम करता है। इंजेक्शन लेने के बाद दिनभर शरीर में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है और ब्लड में भी शुगर का लेवल ठीक रहता है। ये इंजेक्शन मधुमेह से संबंधित अन्य समस्याओं (Other problems related to diabetes) को भी नियंत्रित करता है। डॉक्टर से इंजेक्शन लगाने के दौरान रखी जाने वाली सावधानी के बारे में जरूर जानकारी लें। अगर आप बीच में ही इंजेक्शन लेने छोड़ देंगे, तो शरीर में तेजी से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाएगा या फिर अनियंत्रित हो जाएगा। कुछ लोगों में इंसुलिन इंजेक्शन लेने के बाद वेट बढ़ जाता है। अगर आपको भी ऐसा एहसास हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में परामर्श करें। इस इंजेक्शन में एक्टिव इंग्रीडिएंट के रूप में इंसुलिन ग्लार्जिन (Insulin Glargine) होता है। इंजेक्शन की कीमत 879 रु है।

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    ग्लैरिटस इंजेक्शन ( Glaritus Injection)

    ग्लैरिटस इंजेक्शन का इस्तेमाल बच्चों से लेकर वयस्कों में किया जाता है। इंजेक्शन का इस्तेमाल करने से शरीर में इंसुलिन का स्तर बैलेंस रहता है। ये इंजेक्शन टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट के लिए किया जाता है। प्रेग्नेंट डायबिटिक महिला के लिए इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin injections for diabetic females in pregnancy) का इस्तेमाल करते समय अधिक सावधानी की जरूरत होती है। आपको इस संबंध में अधिक जानकारी डॉक्टर से लेनी चाहिए। इस इंजेक्शन में एक्टिव इंग्रीडिएंट के रूप में इंसुलिन ग्लार्जिन (Insulin Glargine) होता है। इंजेक्शन की कीमत 1528 रु है। इंजेक्शन को स्किन में लेने के दौरान क्या बात ध्यान रखनी चाहिए, डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लें और रोजाना समय पर इंजेक्शन जरूर लें।

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    प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) के कारण टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) का खतरा अधिक बढ़ जाता है, इसलिए डॉक्टर टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह देते हैं। जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म के बाद  ब्लड शुगर (blood sugar) को समय-समय पर चेक कराना चाहिए ताकि उसे फ्यूचर में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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