बच्चों का टीकाकरण उन्हें कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी बच्चों में नजर आते हैं। ज्यादातर बच्चों में टीकाकरण के साइड इफेक्ट्स सामान्य ही होते हैं। टीकाकरण के बाद बच्चों को अक्सर बुखार और उल्टियां होने लगती हैं। आज हम इस आर्टिकल में टीकाकरण के बाद उल्टी और बुखार होने पर कैसे निपटा जाए? इसके बारे में बताएंगे।
बच्चों का टीकाकरण कराने के बाद समस्याएं
बच्चों का टीकाकरण कराने के बाद अन्य दवाओं की ही तरह कुछ साइड इफ्केट्स हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ साइड इफेक्ट हैं:
बच्चों का वैक्सीनेशन: रोटावायरस के साइड-इफेक्ट्स
सेंटर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, रोटावायरस वैक्सीन लगाने के बाद बच्चों को उल्टियां या अस्थाई डायरिया हो सकता है। कुछ मामलों में इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। इस स्थिति में बच्चों का बाॅवेल ब्लॉकेज हो जाता है, जिसका इलाज अस्पताल में ही संभव है। इस वैक्सीन का साइड इफेक्ट इसे लगाने के एक मिनट या कुछ समय बाद ही दिखने लगता है। इसमें बच्चों को उबकाई भी आ सकती है।
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न्यूमोकोकल के साइड इफेक्ट्स
- बुखार आना
- इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द होना
- मसल्स में दर्द
डिप्थीरिया टेटनस
- बुखार
- बच्चे में चिड़चिड़ापन बढ़ना
- बच्चे का जल्दी थकान महसूस करना
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस
- सिरदर्द होना
- जी मिचलाना
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बच्चों का वैक्सीनेशन: मेनिंगोकोकल सी
- बच्चे में चिड़चिड़ापन बढ़ना
- बच्चे को भूख में कमी
- सिरदर्द की शिकायत
खसरा
टीकाकरण के कुछ ही दिन बाद निम्न रिएक्शंस दिख सकते हैं:
- तेज बुखार
- त्वचा पर चकत्ते दिखना
- नाक का बहना या खांसी
- लार ग्रंथियों की सूजन
- बच्चे का जल्दी थक जाना
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बच्चों का वैक्सीनेशन: चिकन पॉक्स
- बुखार
टीकाकरण के बाद 25 दिनों में निम्न रिएक्शन्स हो सकती हैं:
- इंजेक्शन लगने वाली जगह पर छोटे दाने दिखना, इसके अलावा अन्य बॉडी पार्ट्स पर भी ये दिख सकते हैं।
छोटी चेचक
टीकाकरण के बाद 25 दिनों में निम्न रिएक्शन्स हो सकती हैं:
- कुछ दिनों तक बच्चे को तेज बुखार
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- नाक का बहना, खांसी या आंखें फूल जाना
- लार ग्रंथियों की सूजन
- बच्चे का जल्दी थक जाना
- इंजेक्शन लगने वाली जगह पर छोटे दाने दिखना
हेपेटाइटिस बी
- चक्कर आने की समस्या
- पसीना ज्यादा आना
- मांसपेशियों में दर्द
- बच्चों में नींद की कमी होना
इंफ्लुएंजा
- बच्चों में थकान
- मसल्स में दर्द
पोलियो
- चकत्ते
बच्चों का टीकाकरण कराने के बाद होने वाले साइड-इफेक्ट्स गंभीर होने पर क्या करें?
रोटावायरस के गंभीर दुष्परिणाम में बच्चा बार-बार उल्टी करेगा। उसके स्टूल में ब्लड भी आ सकता है। अगर आपको बच्चे में ये लक्षण दिखाई, दें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। कभी-कभी बच्चा दिखने में कमजोर और चिड़चिड़ा हो सकता है। वैक्सिनेशन के पहले और दूसरे डोज के बाद पहले हफ्ते में इस प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं। इस दौरान बच्चे को पूरी तरह हाइड्रेड रखें। फीवर के लिए उसे पैरासिटामोल सीरप दी जा सकती है।
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चिकनपॉक्स वैक्सीन का दुष्परिणाम
सीडीसी के मुताबिक, 12 महीने से लेकर 18 वर्ष की आयु तक बच्चों को चिकनपॉक्स वैक्सीन के दो डोज दिए जाते हैं। चिकनपॉक्स वैक्सीन का पहला डोज 12 और 15 महीने के बीच दिया जाना चाहिए। इसका दूसरा डोज चार और छह वर्ष के बीच में दिया जाना चाहिए। सीडीसी का कहना है कि बच्चों को चिकनपॉक्स का वैक्सीन लगाने के बाद उन्हें अक्सर बुखार आ जाता है।
इस स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। इस पर पुणे के खरादी में स्थित मदरहूड हॉस्पिटल के डीएनबी (पीडियट्रिक्स), फैलोशिप (निओनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स क्रिटिकल केयर) पीडियाट्रीशियन एंड निओनेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन भिसे ने कहा, ‘वैक्सीनेशन के बाद बुखार आना सामान्य बात है। आमतौर पर इस स्थिति में बच्चों को बुखार की दवा दी जाती है, जिससे यह कुछ समय बाद ठीक हो जाता है। बुखार न ठीक होने की स्थिति में बच्चे को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाना चाहिए।’
बच्चे का टीकाकरण (वैक्सीनेशन) जरूरी है। यह बच्चों की जानलेवा संक्रामक बीमारियों से रक्षा करता है। यदि वैक्सीनेशन के बाद ऊपर बताए गए साइड-इफेक्ट्स कुछ समय के बाद ठीक नहीं हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बच्चों का टीकाकरण कराते समय बरतें ये सावधानियां
बच्चों का जिस जगह वैक्सीनेशन का इंजेक्शन लगाया जाता है, उस जगह पर आमतौर पर दर्द होने की आशंका होती है। इसके अलावा उस जगह छोटा दाना भी दिख सकता है। साथ ही बच्चों का टीकाकरण कराने के बाद उन्हें बुखार आना भी सामान्य है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर घबराने की जरूरत नहीं होती है। ये जल्दी ही ठीक हो जाते हैं। बच्चों का टीकाकरण कराने के बाद होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं। जैसे:
- वैक्सीनेशन के बारे में डॉक्टर द्वारा दी गई जानकारी की समीक्षा करें। इसके अलावा आप उस वैक्सीनेशन के बारे में किताबें या ऑनलाइन पढ़ सकते हैं।
- इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द को कम करने और सूजन को आने से रोकने के लिए आईस बैग से सिकाई करें।
- बच्चों का टीकाकारण होने के बाद होने वाली परेशानियों से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लेने के बाद पेरेंट्स बच्चों को पेन रिलीवर भी बच्चों दे सकते हैं।
- बच्चों को ज्यादा मात्रा में लिक्विड देना एक सही निर्णय है लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को बहुत सारा तरल भी न देते रहें। साथ ही बच्चों का टीकाकरण कराने के 24 घंटे के बाद तक उन्हें ज्यादा सॉलिड फूड नहीं देना चाहिए। लेकिन, इसे भी डॉक्टर की सलाह से ही फॉलो करें।
- बच्चों का टीकाकरण कराने के कुछ दिनों बाद तक उन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। साथ ही अगर आपको बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर कुछ भी असामान्य दिखता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों का टीकाकरण कराने के फायदे
- बच्चों का टीकाकरण कराने से शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और उनकी रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- बच्चों का सही समय पर वैक्सीनेशन कराने से बच्चों की कई संक्रामक बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है।
- बच्चों का टीकाकरण न कराने से उनमें कई जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। जिनमें खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी भी शामिल हैं।
- बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए कुछ वैक्सीनेशन प्रेग्नेंट महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें और होने वाले शिशु को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकें।
- जुकाम या बुखार होने की स्थिति में बच्चों को टीका लगाने से मना किया जाता है, लेकिन यदि जुकाम व बुखार दो दिन में न जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
अपने बच्चे के वैक्सीनेशन के शेड्यूल को फॉलो करके आप उन्हें कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। साथ ही इन वैक्सीनेशन के कुछ साइड इफेक्ट्स भी है, लेकिन कुछ आसान उपाय करके इनसे बचा जा सकता है।
नए संशोधन की डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा समीक्षा
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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