यदि आप वर्किंग मदर्स हैं, तो ऐसे में कोशिश करें कि पूरा वीकेंड फ्री रहे। वीकेंड का पूरा समय अपने बच्चों के साथ बिताएं। सैटरडे और संडे को बच्चों के साथ एक्टिविटीज में भाग लें। ऐसा करने से वर्किंग मदर्स और बेबी या कामकाजी मां और बच्चे के बीच बॉन्ड मजबूत होता है।
फिटनेस मेथड लेकफीट (LEKfit) की संस्थापक लॉरेन क्लेबन के अनुसार, “जब भी मैं अपने दोनों बच्चों के साथ डांस करती हूं, उस समय उनके साथ स्पेशल बॉन्ड फील कर पाती हूं।” बच्चों के साथ डांस करना, गाना गाना या व्यायाम करना, वर्किंग मदर्स और बेबी या कामकाजी मां और बच्चे के बीच बॉन्ड बनाने में मदद करता है।
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प्लानिंग से काम करें
वैसे तो हर व्यक्ति को प्लानिंग से ही काम करना चाहिए, लेकिन यदि आप वर्किंग मॉम है, तो ऐसे में प्लानिंग से काम करना और भी जरूरी हो जाता है। एक लिस्ट तैयार करें और उसी के अनुसार काम को नियमित रूप से पूरा करें। ऐसा करने से काफी समय बचेगा और वह समय बच्चे के साथ बिता सकेंगी।
मां का स्पर्श
नौ महीने मां के गर्भ में रहने के बाद, बच्चा मां का स्पर्श बखूबी जानता है। मां जब बच्चे को गले से लगाती है, तो शिशु काफी सहज महसूस करता है, ऐसे स्पर्श को “कंगारू केयर” कहा जाता है। मां का स्पर्श साथ ही शिशु के शरीर के तापमान और हृदय गति को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। महिला जब बच्चे की मालिश करती है, तब भी शिशु को अपने स्पर्श का एहसास दिलाती है। ऐसा करने से शिशु को काफी आराम मिलने के साथ ही सुरक्षा का भी एहसास होता है।