नवजात शिशु की खांसी का घरेलू इलाज
फ्लूड इंटेक बढ़ाएं
शिशु को सर्दी खांसी होने पर उनका फ्लूड (तरल पदार्थ) इंटेक बढ़ा देना चाहिए। किसी भी बीमारी के इलाज में फ्लूड इंटेक एक आधार माना जाता है। शिशु की बॉडी में पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ रहने से उनकी बॉडी में पानी की कमी नहीं रहती है। यदि शिशु स्तनपान कर रहा है तो आपको स्तनपान रोकना नहीं है। खांसी को पैदा करने वाले वायरस से मां का दूध अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
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भाप दें
कोचरेन ने भाप से जुड़े 13 अध्ययनों का विश्लेषण किया। कोचरेन ब्रिटिश की एक चैरिटी संस्था है, जो मेडिकल रिसर्च की व्यवस्था करती है। वह सर्दी के लक्षणों में भाप के इस्तेमाल के फायदों का पता लगाने में नाकामयाब रही। जबकि छह अध्ययनों में सामान्य सर्दी खांसी में भाप से मिलने वाले फायदे की पुष्टि हुई। सामान्य मामलों में नवजात को सर्दी- खांसी होने पर डॉक्टर भाप की सलाह देते हैं।
जिंक
एनसीबीआई में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, खांसी पैदा करने वाले वायरल की ग्रोथ को जिंक रोक देता है। इससे पहले ही कई अध्ययनों में सर्दी खांसी के इलाज में जिंक के इलाज का परीक्षण किया जा चुका है। ज्यादातर अध्ययनों में पाया गया कि शिशु को खांसी शुरू होने के 24 घंटों के भीतर यदि जिंक से भरपूर चीजें दी जाती हैं तो इसकी रोकथाम संभव है। मौजूदा समय में बिना डॉक्टर की सलाह के शिशु को जिंक देना मना है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन के मुताबिक, जिंक शिशु के विकास के लिए जिंक काफी अहम है। जिंक शिशु के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स का विकास करती है। इससे मस्तिष्क का विकास होता है। इम्यून सिस्टम के फंक्शन को चलाने के लिए जिंक की आवश्यकता होती है। शिशु में जिंक की कमी से सर्दी- खांसी हो सकती है।
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शिशु की खांसी का इलाज शहद
एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, शिशु को सर्दी- खांसी में शहद देने से फायदा मिलता है। वहीं, कोचरेन के सहयोग से 22 अध्ययनों की समीक्षा की गई। इन अध्ययनों में एक रेंडोमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल था। कोचरेन को अपने विश्लेषण में खांसी में शहद के फायदे के संबंध में पर्याप्त सुबूत नहीं मिले।
हाल ही में 139 बच्चों पर एक रेंडोमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल किया गया। अध्ययन में पाया गया कि अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक इंफेक्शन वाले इन बच्चों को सोने से पहले शहद दिया गया। शहद देने के बाद इनकी स्थिति में महत्वपूर्ण रूप से सुधार आया। इस बात के सुबूत लगातार मिल रहे हैं कि शिशु को खांसी होने पर शहद देने से म्युकस सिक्रेशन कम हो जाता है।
इससे शिशु की खांसी में कमी आती है। हालांकि, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद देने को लेकर आम राय नहीं है। कुछ डॉक्टर एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद देने के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि यह शिशु के लिए नुकसानदायक होता है।