बांझपन का मतलब है कि गर्भावस्था की पूरी तैयारी करने के बाद भी महिला का गर्भवती न होना। इसके अलावा, अगर कोई महिला प्रेग्नेंट तो होती है, लेकिन हर बार कुछ ही हफ्तों में उसका गर्भपात हो जाता है, तो उसे भी महिला बांझपन (Female infertility) कहा जा सकता है। महिला बांझपन की समस्या कुछ मामलों में उचित उपचारों से दूर भी की जा सकती है। हालांकि, इसके उचित उपचार के लिए महिला बांझपन के कारण (Cause of Female infertility) जानने सबसे जरूरी हो सकते हैं।
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फिमेल इनफर्टिलिटी (Female infertility) क्या है?
फिमेल इनफर्टिलिटी या महिला बांझपन के अधिकांश मामलों में गर्भाशय में अंडे के उत्पादन में कमी की समस्याएं होती हैं। महिला में डिम्बग्रंथि की कमी के कारण प्राकृतिक रूप से अंडाशय का निर्माण रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) आने से पहले ही काम करना बंद कर सकते हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम(पीसीओएस) में, अंडाशय नियमित रूप से एक अंडा नहीं बना पाता है। ये प्रजनन संबंधी समस्याएं आमतौर पर दो प्रकार की होती है। जिनके कारण का पता लगा करा उचित उपचार, दवाओं, सर्जरी या प्रजनन तकनीक की मदद से महिला बांझपन की समस्या दूर की जा सकती है।
महिला बांझपन (Female infertility) पर एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिला बांझपन की समस्या तब उत्पन्न होती है, अगर कोई महिला 35 साल तक की उम्र तक पूरी कोशिश करने के बाद भी गर्भवती नहीं हो पाती है। आमतौर पर महिला बांझपन (Female infertility) की समस्या इनफर्टिलिटी से जुड़ी होती है। मतलब महिला के शरीर में उन हार्मोन्स की कमी होना जो बच्चे उत्पन्न करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। आंकड़ो पर गौर करें, तो लगभग 10 से 15 फीसदी कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। यही नहीं, बदले लाइस्टाइल के कारण हाल ही के कुछ सालों में महिला बांझपन की समस्या में इजाफा भी देखने को मिला है।
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महिला बांझपन के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Female infertility)
महिला बांझपन के सबसे आम कारणों में ओव्यूलेशन की समस्याएं, फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय को नुकसान होना, या गर्भाशय ग्रीवा के साथ किसी तरह की समस्याएं शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा महिला की बढ़ती उम्र भी बांझपन का एक कारण हो सकती है। क्योंकि, सामान्य तौर पर 35 साल के बाद महिलाओं में प्रजनन करने की क्षमता घटने लगती है।
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ओवुलेशन समस्याओं में निम्नलिखित कारण शामिल हो सकते हैं:
- हार्मोन असंतुलन (Hormone imbalance) होना
- ट्यूमर (Tumor) की समस्या होना
- आहार संबंधी विकार होना जैसे एनोरेक्सिया या बुलिमिया
- महिला का शराब या नशीली दवाओं का इस्तेमाल करना
- थायराइड ग्रंथि की समस्याएं
- महिला का ओवरवेट होना
- तनाव (Tension)
- बहुत ज्यादा व्यायाम करना जो शरीर में अधिक मात्रा में फैट बर्न करता हो
- मासिक धर्म चक्र (Menstrual cycle) का बहुत छोटा होना
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फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय को नुकसान होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
- किसी तरह का संक्रमण
- गर्भाशय में जंतु
- एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉएड
- किसी तरह की पुरानी बीमारी
- जन्म दोष
- डेस सिंड्रोम (गर्भपात या समय से पहले बच्चे के जन्म को रोकने के लिए महिलाओं को दी जाने वाली दवा का दुष्प्रभाव)
- एबनॉर्मल सर्वाइकल म्यूकस की समस्या भी महिला बांझपन का कारण बन सकता है। एबनॉर्मल सर्वाइकल म्यूकस पुरुष के शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने से रोक सकता है या शुक्राणु का अंडे में घुसना अधिक कठिन बना सकता है।
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इसके अलावा भी महिला बांझपन के कुछ कारण निम्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- महिलाओं का अधिक उम्र में मां बनने का प्रयास करना
- महिलाओं के खानपान में गड़बड़ी
- जीवन शैली
- पर्यावरणीय कारक
- इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट में इजाफा
इसके अलावा, पुरुष साथी में इनफर्टिलिटी की समस्या के कारण भी महिला गर्भधारण करने में असफल हो सकती हैं। साथ ही, फिमेल इनफर्टिलिटी के मामले में कुछ हद तक साइकोलॉजिकल प्रभाव भी देखा जाता है। महिला का मेंटल हेल्थ भी फिमेल इनफर्टिलिटी में बदलाव का कारण बन सकता है।
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महिला बांझपन का निदान कैसे किया जा सकता है? (Diagnosis of Female infertility)
अगर महिला बांझपन की समस्या ऊपर बताई गई किसी भी एक कारणों या एक से अधिक कारणों से संबंधित है, तो उसका निदान करके उचित उपचार किया जा सकता है। लेकिन, फीमेल इनफर्टिलिटी जन्म दोष के कारण है, तो इसका उपचार असंभव है।
फीमेल इनफर्टिलिटी के निदान के लिए निम्न प्रक्रियाएं अपनाई जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
- शारीरिक परीक्षण
- फैमिली हिस्ट्री
- थायराइड, संक्रमण या हार्मोन समस्या की जांच करने के लिए यूरिन या ब्लड टेस्ट
- पेल्विक टेस्ट
- ब्रेस्ट टेस्ट
- सर्वाइकल म्यूकस और टिश्यू का नमूना लेकर उनकी जांच करना, ताकि ओव्यूलेशन की स्थिति की जांच हो सके
- गर्भाशय के अंगों की जांच करने, उसमें किसी तरह के रुकावट या निशान देखने के लिए पेट में लेप्रोस्कोप टेस्ट
- एचएसजी, यह एक एक्स-रे है जिसका इस्तेमाल फैलोपियन ट्यूब में डाले गए रंगीन तरल के साथ किया जाता है
- गर्भाशय की असामान्यताएं देखने के लिए छोटे टेलीस्कोप की मदद से हिस्टेरोस्कोपी करना
- गर्भाशय और अंडाशय को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड करना
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महिला बांझपन का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment for Female infertility)
महिला बांझपन का इलाज करने के कई विकल्प मौजूद हैं। कुछ मामलों में उचित खान-पान विटामिन्स के सेवन से ही फीमेल इनफर्टिलिटी का उपचार किया जा सकता है। जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- हार्मोन असंतुलन (Hormonal imbalance) को संतुलित करने के लिए उचित दवाओं का सेवन करना
- ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए दवाओं का सेवन करना
- प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट्स का उपयोग करना
- किसी भी तरह के संक्रमण को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स का सेवन करना
- फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय या पेल्विक क्षेत्र में आ रही किसी भी तरह के रुकावट या टिश्यू को हटाने के लिए सर्जरी करना, आदि।
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मुझे बांझपन की समस्या से बचे रहने के लिए किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
अगर आप सामान्यतौर पर गर्भधारण कर सकती हैं, लेकिन इसके बाद भी आपकी गर्भावस्था में समस्याएं आ जाती हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रख कर आप बांझपन की समस्या से बच सकती हैंः
- खुद को और अपने साथी को यौन संचारित रोगों (STD) से सुरक्षित रखें। हमेशा सुरक्षित सेक्स करें।
- नशीली दवाओं का सेवन न करें।
- शारीरिक संबंधों में सक्रिय होने के बाद वार्षिक तौर पर खुद का और साथी का शारीरिक परीक्षण करवाएं।
- अगर बहुत ज्यादा या कम वजन है, तो उचित वजन बनाए रखने का प्रयास करें।
- पेल्विक स्तर को मजबूत बनाने के लिए उचित व्यायाम करें।
- तनाव के कारणों का निदान करें।
- कोशिश करें एक दिन में 200 मिग्रा से कम की मात्रा में कैफीन का सेवन करें।
महिला बांझपन से जुड़े अगर आप किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं या आप ऐसी किसी भी समस्या से परेशान हैं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। हेल्थ एक्सपर्ट आपकी हेल्थ कंडिशन को ध्यान रखकर इलाज शुरू कर सकते हैं या इससे जुड़े अन्य विकल्पों की जानकारी आपके साथ शेयर कर सकते हैं।
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