भ्रूण का लिंग (fetus sex): मॉर्निंग सिकनेस क्या बताता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन्स में बदलाव होने के चलते अक्सर मूड स्विंग होता है। लोगों को लगता है कि लड़की का भ्रूण होने पर बॉडी में एस्ट्रोजन का लेवल ज्यादा होता है। इससे महिलाओं का मूड स्विंग होता है। हालांकि, अध्ययनों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में हार्मोंस के स्तर का बढ़ना आम बात है, भले ही गर्भ में लड़का या लड़की हो। डिलिवरी के बाद हार्मोन्स का स्तर सामान्य हो जाता है।
भ्रूण का लिंग (fetus gender): बढ़ता वजन होता है संकेत!
यदि प्रेग्नेंसी की मध्य अवधि के दौरान महिला का वजन अधिक बढ़ता है तो उसके गर्भ में लड़की का भ्रूण हो सकता है। कुछ महिलाओं ने अपने अनुभव के आधार पर इस बात की पुष्टि की है। हालांकि, वैज्ञानिक सुबूत इस तर्क का समर्थन नहीं करते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का वजन उसके बॉडी टाइप पर निर्भर करता है। वहीं, फिटनेस एक्सपर्ट्स की मानें तो बॉडी में एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ने से महिलाओं के वजन में इजाफा होता है। कुछ लोग महिला के पेट के उभार के आधार पर लिंग को लेकर अनुमान लगाते हैं। ये मात्र लोगों का अनुमान ही है, क्योंकि इन बातों पर कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं है। कुछ लोग जो अनुमान लगाते हैं, वो सही हो जाता है तो उसे सही मानने लगते हैं। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी के साथ ऐसा हो।
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