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इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation bleeding) की समस्या कब होती है? जानिए इसके लक्षण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Piyush Journalist द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/09/2023

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation bleeding) की समस्या कब होती है? जानिए इसके लक्षण

    कैलिफोर्निया में सेंट जॉन हेल्थ सेंटर के डॉ शेरी रॉस कहते हैं कि, ” इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) काफी हद तक सामान्य है और लगभग 25 प्रतिशत गर्भधारण में ऐसा होता है। कई मामलों में यह गर्भावस्था (Pregnancy) का पहला संकेत भी हो सकता है।जब फर्टिलाइज्ड एग महिला के गर्भाशय के अस्तर से जुड़ जाता है तब इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। आमतौर पर यह गर्भवती होने वाली महिलाओं के पीरियड्स आने के समय होता है। हालांकि, इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग से हल्की होती है। आइए विस्तार से जानते हैं।

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) हो ये जरूरी नहीं

    बता दें कि कुछ महिलाओं को इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) नहीं होती है। ऐसे में कभी-कभी यह भी एहसास नहीं हो पाता कि वे गर्भवती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के कारण, इसके संकेत और यह पीरियड्स (Menstrual cycle) से कैसे अलग है? इसके बारे में पता रहे हैं। 

    और पढ़ें: पीएमएस और प्रेग्नेंसी के लक्षण में क्या अंतर है?

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) के लक्षण

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) के दौरान होने वाले रक्तस्राव और मासिक धर्म के लक्षणों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। इसके लक्षण गर्भावस्था के जैसे ही होते हैं। जिसमें योनि से ब्लीडिंग आने पर यह पहचाना जाता है कि यह इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) है। सामान्यतः यदि योनि से भूरा या गुलाबी अथवा गहरे रंग का ब्लड या स्पॉट निकले तो इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग का लक्षण समझा जाता है।

    इसके अलावा निम्नलिखित लक्षण भी इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) के हो सकते हैं:

    • पेट में हल्का और भारी दर्द होना– प्रेग्नेंसी के लक्षणों में पेट में दर्द (Stomach pain) होना भी शामिल है, लेकिन अगर दर्द हद से ज्यादा हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
    • मूड स्विंग होना-  मूड स्विंग (Mood swing) को प्रेग्नेंसी का लक्षण माना जाता है, लेकिन बार-बार मूड खराब होने पर इस बात का ध्यान रखें कि कहीं या डिप्रेशन के लक्षण तो नहीं है।
    • सिर दर्द– कभी-कभी इस दौरान सिरदर्द (Headache) भी होता है।
    • लगातार कुछ समय तक योनि से चिपचिपा पदार्थ निकलना- वजायनल डिस्चार्ज (Vaginal discharge) को भी गर्भावस्था का लक्षण शुरुआती लक्षण माना जाता है।
    • योनि से हल्का खून (Blood) निकलना और फिर बंद होना।
    • बॉडी टेम्प्रेचर (Body temprechar) का बढ़ जाना।
    • योनि में सेंसिटिविटी महसूस होना।
    • चक्कर आना– चक्कर आना भी गर्भावस्था का लक्षण माना जाता है।
    • जी मिचलाना-जी मिचलाना या मतली गर्भावस्था का दूसरा सबसे मुख्य संकेत होता है। यह आमतौर पर फर्टिलाइजेशन (Fertilisation) करने के दो हफ्तों के बाद महसूस होता है और पहली तिमाही तक रह सकता है। कई महिलाओं को पूरे समय तक जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्याएं रह सकती हैं।
    • पीरियड्स से पहले या दौरान योनि से थिक ब्राउन लिक्विड का निकलना।

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) या प्रेग्नेंसी स्पॉटिंग का कलर

    आमतौर पर मासिक धर्म के दौरान तीन से पांच दिनों तक ब्लीडिंग रहती है। जो शुरुआत में ज्यादा होती है और फिर कम हो जाती है। इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) के दौरान रिसने वाला ब्लड आमतौर पर गहरे भूरे या काले रंग का होता है। जिसका मतलब होता है कि यह पुराना ब्लड है। हालांकि, कभी-कभी यह गुलाबी रंग का भी हो सकता है। इसलिए अंतर पहचानना मुश्किल भी हाे सकता है।

    रेगुलर पीरियड (Regular periods) और इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) के बीच अंतर इस प्रकार हैं: 

    नॉर्मल/रेगुलर पीरियड्स में होने वाला रक्तस्राव

    • यह अमूमन तीन से सात दिनों तक रहता है जिसमें दो से तीन दिनों तक गाढ़ा लाल खून आता रहता है।
    • शुरुआत में ज्यादा ब्लीडिंग (रक्तस्राव) होती है और अंत होने तक कम हो जाती है।
    • नॉर्मल पीरियड्स में ब्लीडिंग से पहले गर्भाशय में ऐंठन होती है और यह दो से तीन दिनों तक रह सकता है।

    और पढ़ें: पीरियड्स के दौरान योनि में जलन क्यों होती है? जानिए इसके कारण और इलाज

    इम्प्लांटेशन के बाद होने वाला रक्तस्राव

    • आरोपण के दौरान आमतौर पर ब्लीडिंग 24 से 48 घंटे से अधिक नहीं रहती है।
    • ब्लीडिंग बहुत हल्की होती है और इसमें आमतौर पर भूरा, गुलाबी, या काले रंग का ब्लड निकलता है।
    • गर्भाशय में ऐंठन कम हो जाती है।

    यह कितने दिनों तक रह सकता है?

    डॉ. शेरी रॉस बताते हैं कि एक रेगुलर पीरियड्स के विपरीत, इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) या या प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग बहुत कम समय तक रहती है। यह आमतौर पर 24 से 48 घंटों से ज्यादा समय तक नहीं रहती। यह निषेचित अंडे को गर्भाशय के अस्तर में प्रत्यारोपित होने में लगने वाला समय है।

    डॉ रॉस इसकी टाइमलाइन को इस प्रकार समझाते हैं:

    • दिन 1: पीरियड्स का पहला दिन
    • दिन 14 से 16: ऑव्युलेशन होता है
    • दिन 18 से 20: निषेचन (Fertilisation) होता है
    • दिन 24 से 26: अंडे आरोपित होते हैं और इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) लगभग 2 से 7 दिनों के लिए होती है।

    और पढ़ें: पहली बार पीरियड्स होने पर ऐसे रखें अपनी बच्ची का ख्याल

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    इन बातों पर भी दें ध्यान

    ऐसा नहीं है कि केवल प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग ही प्रेग्नेंसी का लक्षण (Pregnancy symptoms) होती है। प्रेग्नेंसी होने पर अन्य लक्षण भी दिखाई पड़ सकते हैं। प्रेग्नेंसी होने पर बार-बार यूरिन का पास होना, थकान का एहसास होना, जी मिचलाना, ब्रेस्ट में सूजन (Breast swelling) का एहसास आदि भी प्रेग्नेंसी के लक्षणों में शामिल हो सकता है। वहीं प्रेग्नेंसी के अन्य लक्षणों में शामिल है,

    • क्रैम्पिंग (Cramp)
    • कॉन्स्टिपेशन (Constipation) यानी कब्ज की समस्या
    • ब्लोटिंग (Bloating)
    • मूडी होना
    • स्वाद बदलकर खाने की इच्छा

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) और प्रेगनेंसी टेस्ट

    प्रेग्नेंसी के अर्ली सिम्पटम्स को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि कोई भी महिला प्रेग्नेंट है या फिर नहीं। वैसे तो पीरियड्स (Periods) का मिस होना ही प्रेग्नेंसी के मुख्य लक्षणों में शामिल होता है। लेकिन अगर किसी महिला को पीरियड्स साइकल (Menstrual cycle) नियमित नहीं है तो इस बारे में कहना मुश्किल है। ऐसे में बेहतर होगा कि महिला होम प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test) लें। अगर महिला ऐसा नहीं करना चाहती है तो बेहतर होगा कि डॉक्टर से एक बार जांच जरूर कराएं। डॉक्टर यूरिन टेस्ट या फिर ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है।

    प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग : मुझे कब चिंता करनी चाहिए?

    गर्भावस्था के दौरान या प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग (Implantation Bleeding) कई महिलाओं में असामान्य तरीके से होती है। डॉक्टर इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं और गर्भवती महिलाओं को इसकी रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

    यदि ब्लीडिंग देर रात से हो रही है और लगातार और काफी मात्रा में ब्लड (Blood) निकल रहा है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें। किसी भी इमरजेंसी जैसी स्थिति में इसके इवैलुएशन के लिए आपको इमरजेंसी वार्ड में जाना पड़ सकता है।

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) होने पर टेस्ट कब करवाना चाहिए?

    अब तो आप समझ गए होंगे कि इम्प्लांटेशन के दौरान होने वाली ब्लीडिंग कई बार गर्भवती होने का संकेत होती है। हालांकि, यदि आप इस समय प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test)  करवाती हैं तो हो सकता है कि टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव आए। इसलिए अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार ब्लींडिंग व स्पॉटिंग बंद होने के तीन दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाना चाहिए।

    ध्यान दें

    उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) पर लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। वैसे तो इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding) से घबराने की जरूरत नहीं है। गर्भावस्था के दौरान ऐसा होता ही है, लेकिन अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा और लगातार हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं। 

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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