प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों से महिलाओं को त्वचा संबंधी कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। इस दौरान स्ट्रेस मार्क्स, मुंहासे, स्पाइडर वेन और झाइयां होना आम है। इसके अलावा स्किन टैग प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली आम समस्या है। स्किन टैग प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होते हैं। चलिए इसके कारण और उपचार के बारे जानते हैं।
क्या है स्किन टैग?
इसे आप मस्सा भी कह सकते हैं। त्वचा की ऊपरी परत में अतिरिक्त कोशिकाओं की वजह से होता है। यह नरम दाने की तरह दिखता है। यह समस्या आमतौर पर त्वचा के ऐसे हिस्सों में होती है जहां स्किन पर कपड़ों की रगड़ पड़ती है। जैसे ब्रेस्ट के नीचे, गर्दन, कमर, बगल या वजायना के आस-पास। स्किन टैग प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली आम समस्या है, लेकिन आपको इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि स्किन टैग से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। अक्सर डिलिवरी के बाद यह अपने आप ठीक हो जाते हैं। यदि नहीं हों, तो डॉक्टर की सलाह की जरूरत है। आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग क्यों होते हैं?
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प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग होने के कारण?
प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग होना बहुत सामान्य है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह क्यों होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग कई कारणों से हो सकता है-
- प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ने के कारण स्किन टैग हो सकता है। खासतौर पर गर्दन और बगल में जहां कि त्वचा में रगड़ अधिक होती है।
- गर्भावस्था में हॉर्मोन्स में होने वाला उतार-चढ़ाव भी स्किन टैग के लिए जिम्मेदार हो सकता है। रिसर्च में लेप्टिन हार्मोन और स्किन टैग में सीधा संबंध पाया गया।
- सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर भी प्रेग्नेंसी में बढ़ जाता है जिसकी वजह से स्किन टैग हो सकता है।
स्किन टैग से आपको किसी तरह का नुकसान नहीं होता है और न ही इनमें दर्द होता है। इसलिए आप चाहे तो इसका इलाज न भी कराएं, लेकिन यदि स्किन टैग की वजह से आपका आत्मविश्वास कम हो रहा है, या इसकी वजह से आपको कपड़े, ज्वेलरी आदि पहनने में दिक्कत होती है या इनसे खून आने लगे तो इलाज करवाने की जरूरत है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग आमतौर पर कहां होता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग आमतौर पर कॉमन स्किन टैग साइट्स जैसे- गर्दन, बगल, ब्रेस्ट और वजायना के फोल्ड्स यानी जहां त्वचा में सिलवट पड़ती है, वहां होते हैं। दरअसल, स्किन टैग त्वचा में घर्षण के कारण होता है, इसलिए यह उन हिस्सों पर अधिक होता है जहां प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ने से घर्षण अधिक होता है। यह हिस्से हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, क्योंकिं प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला के शरीर का हिस्सा समान रूप से मोटा नहीं होता है। इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग कहां और केैसे होंगे। आपको स्किन टैग कहीं भी हो, लेकिन आमतौर पर इससे किसी तरह की समस्या नहीं होती है जब तक कि यह गांठ की तरह न बन जाएं और दर्द न हो।
स्किन टैग कब निकलवाने की जरूरत पड़ती है?
वैसे तो स्किन टैग से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। हालांकि यदि स्किन टैग की वजह से आपको कोई ज्वेलरी कपड़े आदि पहनने में परेशानी होती है या इसमें से ब्लड आने लगे और स्किन टैग शरीर के किसी ऐसे हिस्से पर हो जिससे आपको शर्मिंदगी महसूस होती हो या आपका आत्मविश्वास कम होने लगे तो इसे निकलवा देना ही बेहतर होता है। इसे कॉस्मेटिक सर्जरी से हटाया जा सकता है। कई बार स्किन टैग वाले हिस्से में सही रक्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से स्किन टैग अपने आप ही गिर जाते हैं।
स्किन टैग का उपचार
आमतौर पर डिलिवरी के बाद स्किन टैग अपने आप खत्म हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यदि ऐसा नहीं होता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसे हटाने के कई विकल्प मौजूद हैं-
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मेडिकल ट्रीटमेंट
स्किन टैग को देखने के बाद आपका डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट आपको इनमें से कोई भी एक तरीके से इसे हटाने की सलाह दे सकता है।
एक्सिजन (काटना)– इस प्रक्रिया में स्किन टैग को काटकर हटाया जाता है। यदि स्किन टैग बड़े हैं तो टांके भी लगाए जा सकते हैं।
कॉटेराइजेशन (दागना)– इस प्रक्रिया में स्किन टैग को हटाने के लिए हाई लेवल हीट या इलेक्ट्रिक्ल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है।
क्रायोसर्जरी- यह भी कॉटेराइजेशन के समान ही है। इसमें लिक्विड नाइट्रोजन की मदद से स्किन टैग को फ्रीज किया जाता है या फिर हटाया जाता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग को हटाने के घरेलू उपचार
प्रेग्नेंसी के दौरान केमिकल ट्रीटमेंट से दूर रहने में ही भलाई है। ऐसे में आप स्किन टैग को कुछ घरेलू उपाय से भी हटा सकते हैं।
सेब का सिरका- सेब के सिरका एसिडिक होता है जिसकी वजह से ही यह किसी चीज को जल्दी सुखाने में मदद करता है। स्किन टैग को खत्म करने में भी यह फायदेमंद हो सकता है। सेव के सिरके में रूई डुबोकर स्किन टैग के ऊपर लगाएं। ध्यान रहे कि यह आसपास की त्वचा पर नहीं लगना चाहिए, वरना जलन हो सकती है।
टी ट्री ऑयल– इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं। टी ट्री ऑयल इरिटेट करने वाले स्किन टैग के लिए अच्छा उपचार हो सकता है।
लहसुन– लहसुन में एंटी एजिंग और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन लोगों का कहना है कि स्किन टैग पर लहसुन का टुकड़ा रखने या इसका जूस लगाने से वह सूख जाते हैं। लहसुन का टुकड़ा या इसका रस लगाकर स्किन टैग पर बैंडेज लगा दिया जाता है, ऐसा हर दिन तब तक किया जाता है जब तक स्किन टैग सूख न जाए।
स्किन टैग दर्द रहित होते हैं, लेकिन आपको यदि इनमें दर्द महसूस हो या किसी तरह की शंका हो कि यह स्किन टैग नहीं, बल्कि कुछ और है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए युक्त पदार्थों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, हालांकि विटामिन ए भ्रूण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में ऐसा हो सकता है, इसलिए विटामिन ए से परहेज करें। स्किन टैग कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान इसका खुद ही इलाज करने की गलती न करें। यदि इससे आपको किसी तरह की परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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