गर्भावस्था के दौरान एक महिला को क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए इसे लेकर उसे काफी सतर्क रहना पड़ता है। गर्भावस्था में मां के द्वारा खाए गए सभी तरह के आहार सीधे तौर पर गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए कुछ भी खाने के लिए एक गर्भवती महिला को उस आहार में पाए जाने वाले सभी तरह के तत्वों, उसके फायदे और साइड इफेक्ट के बारे में भी पूरी जानकारी रखनी चाहिए। इसी तरह प्रेग्नेंसी में मक्का खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, क्या वाकई में प्रेग्नेंसी में मक्का सुरक्षित हो सकता है, या इसके किसी तरह के साइड इफेक्ट मां या बच्चे पर देखे जा सकते हैं, इसके बारे में जरूर जानना चाहिए। कई एक्सपर्ट्स गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी में मक्का खाने की सलाह देते हैं, तो कुछ गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान अगर कोई समस्या होती है, तो उन्हें प्रेग्नेंसी में मक्का खाने से परहेज करने की भी सलाह दी जाती है।
चलिए जाते हैं, प्रेग्नेंसी में मक्का खाना कब और कितना सुरक्षित होता हो सकता है एक गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए।
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प्रेग्नेंसी में मक्का खाना क्या सुरक्षित है?
मक्का को अंग्रेजी में कॉर्न (Corn) कहते हैं। इसे मकई, भुट्टा, बाल जैसे नामों से भी कई क्षेत्रीय स्थानों में जाना जाता है। ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी यह एक बेहद लोकप्रिय अनाज है, इसमें खनिज और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। मक्का में विटामिन सी, विटामिन बी1, विटामिन बी5, डायट्री फाइबर और मैग्नीशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वाद में भी बहुत स्वादिष्ट होता है। जिस वजह से यह बच्चों का भी फेवरेट होता है। मक्के के तौर पर लोग बेबी कॉर्न भी खाना काफी पसंद करते हैं। ऐसे में एक गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की चीजें खाने की क्रेविंग होती है। जिसमें मक्का भी शामिल हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को मीठा और खट्टा खाने के अलावा प्रेग्नेंसी में मक्का खाने की भी काफी अधिक क्रेविंग होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में मक्का खाना सुरक्षित है, लेकिन इसके सेवन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेदह जरूरी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में मक्का कब खाना चाहिए?
प्रेग्नेंसी में मक्का के किसी भी हफ्ते या तिमाही के दौरान मक्के का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, अगर आप किसी तरह की दवाओं का विटामिन्स का सेवन करती है, तो प्रेग्नेंसी में मक्का आपको कब खाना चाहिए, इसके बारे में आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि, मक्के में पाए जाने वाले तत्व में कुछ तरह से विटामिन्य या दवाओं के साथ इंट्ररैक्शन कर सकते हैं। इसलिए, हम यही सलाह देंगे कि इसके बारे में अपने डॉक्टर की मदद जरूर लें।
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प्रति 100 ग्राम मक्का में पाए जाने वाले पोषक तत्व, जिनमें शामिल हैंः
- जल – 10.37 ग्राम
- ऊर्जा – 365 kcal
- प्रोटीन – 9.42 ग्राम
- टोटल फैट – 4.74 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट – 74.26 ग्राम
- फाइबर – 7.3 ग्राम
- शुगर – 0.64 ग्राम
प्रति 100 ग्राम मक्का में मिनरल की मात्रा
- कैल्शियम – 7 मिग्रा
- आयरन – 2.71 मिग्रा
- मैग्नीशियम – 127 मिग्रा
- फास्फोरस – 210 मिग्रा
- पोटैशियम – 287 मिग्रा
- सोडियम – 35 मिग्रा
- जिंक – 2.21 मिग्रा
- कॉपर – 0.314 मिग्रा
- सिलेनियम – 15.5 मिग्रा
- मैंगनीज – 0.485 मिग्रा
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प्रति 100 ग्राम मक्का में विटामिन्स की मात्रा
- थियामिन – 0.385 मिग्रा
- राइबोफ्लेविन – 0.201 मिग्रा
- नियासिन – 3.627 मिग्रा
- पैंटोथैनिक एसिड – 0.424 मिग्रा
- विटामिन-बी – 6 0.622 मिग्रा
- फोलेट, टोटल – 19 माइक्रोग्राम
- विटामिन-ए, आरएई – 11 माइक्रोग्राम
- विटामिन-ए, आईयू – 214 आईयू
- विटामिन-ई (अल्फा टोकोफेरॉल) – 0.49 मिग्रा
- विटामिन-के (फाइलोक्विनोन) – 0.3 माइक्रोग्राम
प्रति 100 ग्राम मक्का में लिपिड की मात्रा
- फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) – 0.667 ग्राम
- फैटी एसिड (टोटल मोनोअनसैचुरेटेड) – 1.251 ग्राम
- फैटी एसिड (टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड) – 2.163 ग्राम
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प्रेग्नेंसी में मक्का खाने के फायदे क्या हैं?
प्रेग्नेंसी में मक्का खाने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैंः
कब्ज से राहत दिलाए
मक्का में फोलिक एसिड, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की काफी अच्छा मात्रा पाई जाती है। मक्के के दानों में बहुत सारा मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर और फॉस्फोरस भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं। इसके साथ ही, मक्का प्रचूर मात्रा में रेशे से भरा हुआ होता है। इसके फाइबर के गुण प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली कब्जी की समस्या से राहत दिला सकते हैं। साथ ही, महिला को शरीर को पाचन समस्याओं को कम करने में मदद प्रदान करता है।
बच्चे के जन्मदोष को कम करे
गर्भावस्था में अगर प्रेग्नेंट महिला के शरीर में किसी भी तरह के तत्व की कमी होती है, तो इसका सीधा प्रभाव बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है। कुछ मामलों में यह जन्म दोष का कारण भी बन सकता है। प्रेग्नेंसी में एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। इस समस्या के कारण बच्चे का वजन बहुत कम हो सकता है और वह कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हो सकता है। इस समस्या से बचे रहने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी में मक्का खाना चाहिए। मक्का में फोलिक एसिड पाया जाता है जो बच्चे के वजन को बढ़ाने में मदद करता है। मक्के के विटामिन बी और फोलिक एसिड महिला के शरीर में एनीमिया की समस्या को दूर करने में काफी मददगार हो सकते हैं।
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गर्भ में पल रहे शिशु की आंखों को स्वस्थ बनाए
मक्का में ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे की आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा मक्का में पाया जाने वाला विटामिन ए भी बच्चे की आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है।
याददाश्त बढ़ाए
प्रेग्नेंसी में मक्का खाने से गर्भवती महिला की याददाश्त अच्छी होती है। साथ ही, यह गर्भ में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में भी मदद करता है।
मांसपेशियों में विकृति की समस्या को कम करें
गर्भावस्था के दौरान मक्का का सेवन करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के जन्म के बाद होने वाली मांसपेशियों के विकृति की समस्या से बचावा जा सकता है।
स्किन बने अच्छी
मक्का में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो स्किन के लिए एंटीएजिंग का काम करता है। प्रेग्नेंसी में मक्का खाने से महिला को ड्राई स्किन की समस्या से राहत मिल सकती है। इसमें लिनोलिक एसिड पाया जाता है। जो ड्राई स्किन के साथ, त्वचा में खुजली की समस्या से भी राहत दिला सकता है।
गर्भावस्था में मक्का खाने के नुकसान क्या हो सकते है?
प्रेग्नेंसी में मक्का का सेवन एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। मक्का में फैटी एसिड की काफी अधिक मात्रा होती है, जिसके अधिक सेवन से गर्भवती महिलाओं को दिल की बीमारियों का जोखिम हो सकता है।
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