क्या आप जानते हैं कि सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का शिकार अधिकतर युवा होते हैं? यानी, 15 से 24 साल के लोगों को इस समस्या का जोखिम अधिक होता है। यही नहीं, सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज पच्चीस से भी अधिक तरह की होती हैं, जिनमें से अधिकतर की स्थिति में कोई लक्षण नजर नहीं आता है। इनका ट्रीटमेंट भी संभव है। इन्हीं में से एक है जेनिटल हर्पीस, जिसे हर्पीस जेनिटेलिस भी कहा जाता है। इसके कारण मुंह और जेनिटल्स में या इनके आसपास छाले और फफोले हो जाते हैं। आइए जानते हैं क्या है हर्पीस जेनिटेलिस (Herpes Genitalis) और साथ ही हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) के बारे में जानना न भूले।
जेनिटल हर्पीस या हर्पीस जेनिटेलिस क्या है (What are Genital Herpes Herpes Genitalis Treatment)?
हर्पीस जेनिटेलिस एक सामान्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन हैं, जो हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (Herpes Simplex Virus) की वजह से होता है। आमतौर पर सेक्शुअल कांटेक्ट के कारण यह वायरस फैलता है। इसके कारण गुप्तांग में दर्दभरे फफोले हो जाते हैं और यह फफोले कई बार एनस के अंदर या ऊपर भी हो सकते हैं। यह इंफेक्शन बार-बार हो सकता है और इस समस्या के कारण दर्द, खुजली और छाले भी हो सकते हैं। अगर आप संक्रमित हैं, तो आपसे दूसरे लोगों के संक्रमित होने की संभावना भी बढ़ जाती है। हर्पीस जेनिटेलिस का कोई इलाज नहीं है। लेकिन, दवाइयां इसमें होने वाले लक्षणों से आराम पहुंचा सकती हैं और दूसरों को संक्रमित करने की संभावना भी कम हो सकती है। हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) और बचाव से पहले जानते हैं, क्या हैं इसके लक्षण।
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हर्पीस जेनिटेलिस के लक्षण (Symptoms of Herpes Genitalis)
जो लोग हर्पीस जेनिटेलिस से पीड़ित होते हैं, उनमें से अधिकतर को पता भी नहीं होता कि उन्हें यह समस्या है। क्योंकि अधिकतर मामलों में इस समस्या का कोई लक्षण नजर नहीं आता है या अक्सर यह लक्षण बेहद हल्के होते हैं। इसके लक्षण वायरस के संपर्क में आने के दो से बारह दिनों के बाद दिखाई देने शुरू होते हैं। जेनिटल हर्पीसके लक्षण इस प्रकार हैं :
- दर्द या इचिंग (Pain or Itching): जब तक यह इंफेक्शन ठीक नहीं हो जाता, आप गुप्तांगों में दर्द और खुजली महसूस कर सकते हैं।
- छोटे लाल बम्पस या सफेद ब्लिस्टरस (Small Red Bumps or Tiny White Blisters) : यह इंफेक्शन के कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ़्तों तक नजर आ सकते हैं।
- अल्सर (Ulcers) : ये तब बन सकते हैं, जब फफोले फट जाते हैं या खून बह जाता है। अल्सर के कारण मूत्र त्याग के समय दर्द हो सकता है।
इस समस्या के शुरुआत में फ्लू की तरह के लक्षण भी नजर आ सकते हैं जैसे लिम्फ नोड में सूजन, सिरदर्द, मसल्स में दर्द और बुखार आदि। अब बात करते हैं, हर्पीस जेनिटेलिस के कारणों के बारे में।
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हर्पीस जेनिटेलिस के कारण (Causes of Herpes Genitalis)
हर्पीस जेनिटेलिस का कोई लक्षण नजर आने के बाद भी मरीज अन्य लोगों तक इस संक्रमण को पास कर सकता है। दो तरह के हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस इंफेक्शंस (Herpes Simplex Virus Infections) जेनिटल हर्पीज का कारण बन सकते हैं। यह मुंह में कोल्ड सोर्स (Cold Sores) और फीवर ब्लिस्टर (Fever Blister) का कारण बनते हैं। इसके कारणों के बारे में पता होना बेहद जरूरी है, ताकि हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) सही से हो पाए। इसके कारण इस प्रकार हैं:
- हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस 1 यानी HSV-1 : यह स्किन टू स्किन कांटेक्ट से फैलता है। जैसे यह जेनिटल एरिया से ओरल सेक्स द्वारा फैल सकता है। इसकी HSV-2 इंफेक्शन की तुलना में फिर से होने की संभावना कम होती है।
- हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस 2 यानी HSV-2. यह वो प्रकार है जो आमतौर पर जेनिटल हर्पीस का कारण होता है। यह वायरस सेक्शुअल कांटेक्ट और स्किन तो स्किन कांटेक्ट से हो सकता है। HSV -2 बहुत ही सामान्य और अत्यधिक संक्रामक है।
US नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (US National Library of Medicine) के अनुसार HSV-1 और HSV-2 के कारण होने वाले जेनिटल इंफेक्शन (Genital Infection) बिना किसी लक्षण के होते हैं। इसमें आमतौर पर मैक्यूलर (Macular) या पैपुलर त्वचा (Papular skin) और श्लेष्म झिल्ली के घाव (Mucous Membrane Lesions) होते हैं। यह लक्षण इन्फेक्टेड व्यक्ति से सेक्शुअल कांटेक्ट के माध्यम से लगभग चार -सात दिन बाद नजर आते हैं। यह बाद में वेसिकल्स (Vesicles), पॅस्ट्यूल (Pustule) और अल्सर का रूप ले सकते हैं।
हर्पीस जेनिटेलिस से जुड़े रिस्क फैक्टर्स कौन से हैं (Risk factors Related to Herpes Genitalis)
यह वायरस शरीर के बाहर बहुत जल्दी नष्ट हो जाता है। ऐसे में टॉयलेट, टॉवल या अन्य चीजों से इंफेक्शन होने का खतरा बहुत कम होता है। इससे जुड़े रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं:
- महिला (Woman) : महिलाओं को जेनिटल हर्पीस होने की संभावना पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। यह वायरस महिलाओं से पुरुषों की तुलना में पुरुषों से महिलाओं में आसानी से ट्रांसमिटेड होता है।
- एक से अधिक सेक्शुअल पार्टनर होना (Have Multiple Sexual Partners) : इससे भी जेनिटल हर्पीस फैलने की संभावना अधिक रहती है।
- अन्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (Other Sexually Transmitted Infections) : जेनिटल हर्पीस होने से आपको अन्य सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है, जैसे AIDS।
- न्यूबोर्न इंफेक्शन (Newborn Infection) :अगर किसी नए जन्में बच्चे की मां संक्रमित होती है, तो इस संक्रमण के होने की संभावना बच्चे में भी बढ़ जाती है।
- ब्लैडर प्रोब्लेम्स (Bladder Problems) : कुछ मामलों में जेनिटल हर्पीस से उस ट्यूब के आसपास सूजन हो सकती है जिससे मूत्र त्याग होता है।
- मैनिन्जाइटिस (Meningitis) : दुर्लभ मामलों में यह इंफेक्शन मैनिंजाइटिस कारण भी बन सकता है।
- रेक्टम इंफ्लेमेशन (Rectam Inflammation) : हर्पीस जेनिटेलिस रेक्टल की लायनिंग की सूजन की वजह बन सकता है। खासकर, उन पुरुषों में जो अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
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हर्पीस जेनिटेलिस का टेस्ट कब कराना चाहिए (When Should you Get Herpes Genitalis Tested)?
अगर आपको हर्पीस जेनिटेलिस के लक्षण नजर आते हैं या इंफेक्शन का जोखिम है, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके लिए कई ऐसे टेस्ट उपलब्ध हैं। अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो आप इन टेस्ट्स को करा सकते हैं। इसमें ब्लड टेस्ट भी किए जा सकते हैं। यही नहीं, जेनिटल हर्पीस के लिए आपको सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का भी टेस्ट कराना चाहिए। इसके साथ ही अपने सेक्शुअल पार्टनर को भी टेस्ट और हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) कराने के लिए कहें। अधिकतर वो लोग जिन्हें यह बीमारी होती है, अपने स्वास्थ्य में कोई समस्या नोटिस नहीं करते हैं। लेकिन, टेस्ट कराने से सही समय पर निदान और हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) संभव है।
किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए (When should Doctor be Consulted Immediately)
आमतौर पर जेनिटल हर्पीस के लक्षण गंभीर नहीं होते और जेनिटल हर्पीस ट्रीटमेंट भी संभव है। लेकिन अगर आप कुछ गंभीर समस्याओं को अनुभव करें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूरी है। यह लक्षण इस प्रकार हैं:
- गुप्तांगों में खुजली या अन्य परेशानी (Genital Irritation or Itching)
- जेनिटल और एनल ब्लिस्टर्स (Genital or Anal Blisters)
- सेक्स के दौरान दर्द होना (Painful intercourse)
- मूत्र त्याग के समय दर्द (Painful urination)
- असामान्य और दुर्गंध भरा डिस्चार्ज (Unusual or Foul-Smelling Discharge)
- वजाइना या पीनस में लालिमा, दर्द या सूजन (Vaginal or Penile Redness, Soreness or Swelling)
हर्पीस जेनिटेलिस का निदान (Diagnosis of Herpes Genitalis)
हर्पीस जेनिटेलिस के निदान के लिए डॉक्टर रोगी की शारीरिक जांच करेंगे और कुछ टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- वायरल कल्चर (Viral Culture) : इस टेस्ट में लैब में जांच के लिए टिश्यू सैंपल या घाव का थोड़ा सा हिस्सा लिया जाता है।
- पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट (Polymerase Chain Reaction Test) : पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट में खून के नमूने, घाव के टिश्यू या स्पाइनल फ्लूइड से DNA का सैंपल लिया जाता है और इस इंफेक्शन की मौजूदगी को जांचने के लिए इसका टेस्ट किया जाता है।
- ब्लड टेस्ट (Blood Test) : इसमें हर्पीस जेनिटेलिस एंटीबॉडी में से ब्लड का नमूना लिए जाता है। ताकि, पास्ट हर्पीस इंफेक्शन का पता चल सके।
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हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट कैसे किया जा सकता है (Herpes Genitalis Treatment)
हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) के लिए एंटीवायरल ड्रग का प्रयोग किया जा सकता है। इन दवाईयों से इस रोग के लक्षणों की गंभीरता और अवधि भी कम हो सकती है। ड्रग थेरेपी से इलाज संभव नहीं है, लेकिन इससे स्थिति कुछ हद तक सुधर सकती है।
तीन मुख्य दवाइयां हर्पीस जेनिटेलिस के लक्षणों के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है जो इस प्रकार हैं :
- एसाइक्लोविर (Acyclovir)
- वैलेसाइक्लोविर (Valacyclovir)
- फेमिसाइक्लोविर (Famciclovir)
यह सभी दवाइयां पिल्स के रूप में ली जाती है। गंभीर स्थितियों में इंट्रावेनस (IV) ड्रग एसाइक्लोविर (Intravenous (IV) Drug Acyclovir). से हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) किया जाता है।
जानिए हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से (Herpes Genitalis Treatment in detail)
हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) के लिए डॉक्टर कुछ खास तरीके अपनाते हैं, जो इस प्रकार हैं:
शुरुआती ट्रीटमेंट (Initial Treatment)
अगर किसी व्यक्ति में जेनिटल हर्पीस का निदान हो जाता है और उसे घाव (Sores) जैसे लक्षण हैं। तो डॉक्टर उसे सात से दस दिन के लिए एंटीवायरल थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। ताकि, उसे आराम मिले और लक्षण बदतर न हों। लेकिन अगर यह घाव ठीक नहीं होते हैं तो इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। पहले उपचार के बाद डॉक्टर एंटीवायरल थेरेपीज को सही तरीके से कैसे ले सकते हैं। इसके बारे में काम कर सकते हैं। इसके दो विकल्प इस प्रकार हैं:
इंटरमिटेंट ट्रीटमेंट (Intermittent Treatment)
डॉक्टर हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) के लक्षणों को कम करने के लिए आपको एंटीवायरल ड्रग दे सकते हैं। इसे इंटरमिटेंट ट्रीटमेंट कहा जाता है। जैसे ही आप घाव (Sores) महसूस करते हैं, तो आप इन दवाइयों को दो से पांच दिन तक ले सकते हैं।
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सप्रेसिव ट्रीटमेंट (Suppressive Treatment)
अगर आपको यह समस्या बार-बार हो रही है, तो आपको रोजाना यह एंटीवायरल ड्रग लेने की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर इसे सप्रेसिव थेरेपी कहते हैं। अगर किसी व्यक्ति को यह समस्या साल में 6 या इससे अधिक बार होती है। तो सप्रेसिव थेरेपी से इस समस्या का इतनी बार होना कम हो जाता है। लेकिन डॉक्टर इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि मरीज को कब सप्रेसिव थेरेपी देनी है। इसमें इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि मरीज को समस्या कितनी जल्दी हो रही है और क्या यह समस्या उसके जीवन को प्रभावित कर रही है। रोजाना यह थेरेपी लेने से रोगी अपने सेक्शुअल पार्टनर तक इस वायरस को पास करने के जोखिम को कम कर सकता है।
न्यू इंग्लैंड जरनल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) के एक स्टडी के अनुसार वैलासाइक्लोविर (Valacyclovir) की रोजाना डोज लेने से रोगी अपने पार्टनर को भी जेनिटल हर्पिस से इंफेक्शन होने का जोखिम से बचा सकता है। हालांकि इस सर्वे में यह भी पता चला है कि रोजाना इस दवा को लेने से आधे लोग वायरस से संक्रमित हुए और आधे नहीं। यही नहीं 75 प्रतिशत पार्टनर्स में जेनिटल हर्पीस का कोई लक्षण मौजूद नहीं थे, लेकिन वो संक्रमित थे।
जेनिटल हर्पीस ड्रग के साइड इफ़ेक्ट (Side Effects for Genital Herpes Drug)
यह तो थी हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) के बारे में पूरी जानकारी। हर्पीस ड्रग के साइड इफेक्ट्स को माइल्ड माना जाता है और डॉक्टर यह विश्वास करते हैं कि यह ड्रग्स लंबे समय तक प्रयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। वैलासाइक्लोविर (Valacyclovir) इन तीन दवाइयों में से सबसे पुरानी है कई सालों तक इसका प्रयोग सप्रेसिव थेरेपी के लिए किया जा रहा है। सप्रेसिव थेरेपी लेने वाले व्यक्ति को साल में एक बार डॉक्टर से जांच जरूर करानी चाहिए। हालांकि इस थेरेपी में आप हर दिन पिल्स का सेवन करना असुविधाजनक हो सकता है, दवाएं आपके लिए काम नहीं कर सकती हैं या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में, आपके डॉक्टर आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप उपचार के विकल्प बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
कैसे बचें जेनिटल हर्पीस से (How to Prevent of Herpes Genitalis)?
हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) से आपको कुछ हद तक राहत मिल सकती है। लेकिन, इससे बचने में ही भलाई है। जेनिटल हर्पीस से बचने के लिए वही सलाह दी जाती है, जो सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से बचने के लिए दी जाती है, जैसे
- सेक्शुअल कांटेक्ट के दौरान हमेशा लेटेक्स कंडोम (Latex Condom) का प्रयोग करें।
- अगर किसी भी पार्टनर को जेनिटल एरिया या कहीं भी हर्पीस की समस्या है. तो शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
- अधिक सेक्शुअल पार्टनर रखने से भी बचें।
- नियमित रूप से सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस का टेस्ट कराएं ।
- ओरल सेक्स के लिए डेंटल डैम का प्रयोग करें।
गर्भावस्था में इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है (Pregnancy Precautions)
अगर आप गर्भवती हैं और आपको पता है कि आपको जेनिटल हर्पीस है, तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं या अगर आपको इस बात का संदेह है तो टेस्ट कराएं। डॉक्टर आपको एंटीवायरल मेडिकेशंस की सलाह दे सकते हैं। ताकि प्रसव के समय इस समस्या से बचा जा सके। अगर प्रसव के समय आपको यह जेनिटल हर्पीस है। तो बच्चे को यह वायरस पास न हो, इसके लिए डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी को प्राथमिकता दे सकते हैं।
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यह तो थी हर्पीस जेनिटेलिस और हर्पीस जेनिटेलिस ट्रीटमेंट (Herpes Genitalis Treatment) के बारे में पूरी जानकारी। इससे बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। लेकिन, आपको कभी भी कोई लक्षण नजर आते हैं तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि, सही समय पर निदान से जल्दी उपचार और रिकवरी संभव है। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना भी जरूरी है।
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