त्वचा संबंधी कई तरह की परेशानी होती है। आज ऐसी ही एक स्किन प्रॉब्लेम वार्ट्स के बारे में समझेंगे। वार्ट्स को सामान्य भाषा में मास्सा कहते हैं और यह शरीर पर कहीं भी नजर आ सकता है। वार्ट्स का इलाज (Warts treatment) कैसे किया जाता है और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आपके साथ शेयर करेंगे।
वार्ट्स की समस्या शुरू होने के बाद प्रायः लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन कुछ वक्त बाद ये मस्से त्वचा पर भद्दे दिखने लगते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार वार्ट्स के 100 से भी ज्यादा प्रकार हैं और कमजोर इम्यून सिस्टम के लोगों में वार्ट्स की समस्या ज्यादा देखी जाती है। इस परेशानी से कैसे बचा जा सकता है या कैसे दूर किया जा सकता है और मस्से का इलाज (Warts treatment) कैसे किया जाता है।
वार्ट्स का इलाज कैसे किया जाता है? (Warts treatment options)
वार्ट्स की समस्या होने पर कई बार इस वार्ट्स यानी मस्से अपने आप गायब हो जाते हैं। हालांकि इनके अपने आप गायब होने में कुछ वक्त लग सकता है, लेकिन ज्यादा समय तक त्वचा पर हुए मस्से को हटाने के लिए ट्रीटमेंट की मदद ली जा सकती है। तो चलिए जानते हैं वार्ट्स का इलाज (Warts treatment) किन-किन तरीकों से किया जा सकता है-
वार्ट्स का ट्रीटमेंट सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) से किया जा सकता है। सैलिसिलिक एसिड एक ओवर-द-काउंटर (OTC) मिलने वाली दवा है, जिससे वार्ट्स को दूर करने में मदद मिल सकती है। सैलिसिलिक एसिड स्किन को नमी प्रदान करता है और साथ ही स्किन सेल्स को इकट्ठा होने से भी रोकता है। दरअसल स्किन सेल्स के इकट्ठा होने के कारण बनने वाले कारकों को खत्म करने का काम करते हैं। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार वार्ट्स का इलाज (Warts treatment) अगर सैलिसिलिक एसिड से किया जाए तो यह 62.7 से 86.5 प्रतिशत तक इस समस्या को दूर करने में सक्षम माना गया है। सैलिसिलिक एसिड के क्रीम, जेल या मेडिकेटेड ड्रेसिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
वार्ट्स का इलाज: क्रायोथेरिपी (Cryotherapy)
क्रायोथेरिपी की मदद से भी वार्ट्स का इलाज किया जा सकता है। इस थेरिपी के दौरान मस्से वाली जगह पर लिक्विड नाइट्रोजन स्प्रे किया जाता है, जिससे मस्से स्किन से अलग हो जाता है। दरअसल जब ठंडी हवा बॉडी पर पड़ती है, तो ब्लड स्किन के सर्फेस तक पहुंच जाता है और त्वचा हुई अशुद्धियों को दूर करने का काम करता है। क्रायोथेरिपी की मदद से मस्से को दूर करने के साथ-साथ स्किन से जुड़ी परेशानियों जैसे मुंहासे, तिल या फिर सनबर्न को भी दूर किया जा सकता है। हालांकि इस ट्रीटमेंट की सहायत त्वचा पर हुए घाव या इंजुरी को ठीक करने के लिए नहीं ली जाती है।
वार्ट्स का इलाज (Warts treatment) सर्जरी से बेहद कम ही किया जाता है। सर्जरी की आवश्यकता तब ही पड़ती है, जब मेडिकेशन या थेरिपी से लाभ ना मिला हो। इसलिए ऐसी स्थिति में निम्नलिखित विकल्प अपनाये जा सकते हैं। जैसे:
एक्सिशन (Excision)- लोकल एनेस्थिसिया देकर शरीर पर हुए मस्से को काटा जाता है या इसके साइज को कम किया जा सकता है।
एलेक्ट्रोसर्जरी (Electrosurgery)- यह एक इलेक्ट्रिक ट्रीटमेंट है। इस ट्रीटमेंट के दौरान वार्ट्स के टिशू को जलाया जाता है।
लेजर ट्रीटमेंट (Laser treatment)- वार्ट्स टिशू को हटाने के लिए ज्यादा पवार के लेजर ट्रीटमेंट की मदद ली जा सकती है।
नोट: वार्ट्स का इलाज अगर सर्जरी से किया गया तो इसके निशान पड़ सकते हैं। वहीं अगर सिर्फ मेडिकेशन मस्से का इलाज किया जाए तो मार्क धीरे-धीरे गायब हो जायेंगे।
वार्ट्स का ट्रीटमेंट कैंथरिडीन या ऐसी ही अन्य केमिकल से किया जा सकता है। इस ट्रीटमेंट में मस्से की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को दर्द तो नहीं होता है, लेकिन इससे मस्से वाली जगह पर छाले या फफोले की समस्या हो सकती है।
वार्ट्स का इलाज: कैंडिडा एंटीजेन शॉट्स (Candida antigen shots)
मस्से का इलाज कैंडिडा एंटीजेन शॉट्स से भी किया जा सकता है, लेकिन नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार यह ट्रीटमेंट सिर्फ 39 से 87 प्रतिशत तक ही सफल पाया गया है।
वार्ट्स का इलाज (Warts treatment) ऊपर बताये ऑप्शन के अलावा और भी तरह से किया जा सकता है। जैसे:
वार्ट्स को रिमूव करने के लिए ब्लेओमाइसिन (Bleomycin) या ब्लेनोक्सेन (Blenoxane) इंजेक्शन को वार्ट्स में इंजेक्ट किया जाता है। ब्लेओमाइसिन या ब्लेनोक्सेन ड्रग्स एंटीकैंसर मेडिकेशन की लिस्ट में शामिल है।
मस्से को हटाने के लिए केमिकल पील लगाई जा सकती है।
अगर वार्ट्स की वजह से इंफेक्शन फैल चूका है या इंफेक्शन के खतरे को कम करने के लिए एंटीबायोटिक मेडिकेशन दी जा सकती है।
ये हैं वार्ट्स के इलाज के इलाज के लिए अलग-अलग ऑप्शन। लेकिन त्वचा (Skin) पर सिर्फ दाने या उभार को मस्सा नहीं समझना चाहिए। इसलिए मस्से के लक्षण को समझें।
नोट: वार्ट्स की समस्या होने पर इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग (Strong Immune System) बनाये रखें। इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग रखने के लिए हेल्दी फूड और हेल्दी लाइफ स्टाइल फॉलो करना चाहिए। ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपाय, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
त्वचा संबंधी परेशानी हो या वार्ट्स (मस्से) से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए ट्रीटमेंट की मदद ली जा सकती है। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन, मेडिकल हिस्ट्री और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करते हैं। इसके साथ ही स्किन डिजीज (Skin disease) से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में वक्त ज्यादा लग सकता है। इसलिए वार्ट्स के इलाज के दौरान लापरवाही ना बरतें और डॉक्टर द्वारा दी गई एडवाइस और मेडिकेशन को ठीक तरह से फॉलो करें।
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