बेहतर सेहत के लिए नींद का पूरा होना बेहद जरूरी है। लेकिन क्या सिर्फ सोने से ही सेहत दुरुस्त रहती है? नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के रिसर्च के अनुसार, स्लीपिंग पुजिशन गर्दन और कंधे के लिए जरूरी है और यह मस्कुलोस्केलेटल (Musculoskeletal) दर्द नहीं होने में मदद करती है।
स्लीपिंग पुजिशन (Sleeping position) सीधे तौर से शरीर और चेहरे को प्रभावित करता है। ऐसा भी हो सकता है कि जो स्लीपिंग पुजिशन सबसे आरामदायक लगे, वह सेहत के लिए ठीक न हो। ऐसी स्थिति में शरीर, गर्दन या कंधे में दर्द की परेशानी शुरू कर सकता है। ठीक से नहीं सोने की वजह से स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) होने का खतरा भी बढ़ जाती है।
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बेस्ट स्लीपिंग पुजिशन क्या है? (What is best Sleeping position?)
पीठ के बल सोना है फायदेमंद
पीठ के बल सोना एक आदर्श स्लीपिंग पुजिशन है। सबसे पहले, तो यह स्किन (त्वचा) पर प्रेशर नहीं डालता, जिससे फाइन लाइंस, स्किन फ्लैटनिंग जैसी त्वचा संबंधी (Skin problem) समस्याएं कम होती हैं और त्वचा सॉफ्ट बनी रहती है। इसके अलावा, इस स्लीपिंग पुजिशन (Sleeping position) में तकिए के कवर से फेस टच नहीं होता, जिससे ऑयल और गंदगी चेहरे तक नहीं पहुंचती। ऐसे में, स्किन और फेस के लिए पीठ के बल सोना फायदेमंद हो सकता है।
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बाईं ओर करवट ले कर सोने के फायदे
बाईं ओर करवट सोने से ब्लड सर्क्युलेशन ठीक से होता है और यह पुजिशन दिल के लिए अच्छी होता है। प्रेग्नेंट महिलाओं (Pregnant women) को भी बाईं करवट सोने की सलाह दी जाती है। इस स्लीपिंग पुजिशन (Sleeping position) में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) ठीक होने की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे को सही और पूरा पोषण मिलने में आसानी होती है।
गर्भस्थ शिशु की तरह सोना
फीटल यानी कि गर्भस्थ शिशु की तरह सोने में 41 फिसदी लोग माहिर हैं। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार इस स्लीपिंग पुजिशन में सोने के बहुत सारे फायदे हैं। फीटल स्लीपिंग पुजिशन (Sleeping position) में सोने से न सिर्फ लोवर बैक पेन से राहत मिलती है, बल्कि प्रेगनेंट महिलाओं को भी लाभ मिलता है। लेकिन फीटल स्लीपिंग पुजिशन में सोने के कुछ नुकसान भी हैं। अगर आपको जोड़ों का दर्द है तो आप इस स्लीपिंग पुजिशन में कतई न सोएं। वरना सुबह उठने के बाद आपके जोड़ों में जकड़न हो जाएगी।
फीटल स्लीपिंग पुजिशन में सोने के लिए आपको अपने आपको ढीला और रिलैक्स मुद्रा में रखना होगा। अपने पैरों को फैला कर सोएं और हो सके तो घुटनों के बीच में तकिया रखें।
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पेट के बल सोना है नुकसानदायक
पेट के बल सोने का सबसे बुरा प्रभाव पड़ता है गर्दन पर। इससे गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। पेट के बल सोने से डायजेशन (Digestion) की समस्या भी शुरू हो सकती है। ज्यादा देर तक पेट के बल लेटने से बॉडी के ऊपरी हिस्से पर ज्यादा जोड़ पड़ने लगता है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं माना जाता है। पेट के बल सोने से फेस का पूरा दबाव तकिए पर होता है, जिससे त्वचा के रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। बंद रोम छिद्र के कारण पिंपल और स्किन संबंधी कई समस्याएं हो शुरू हो सकती हैं। आपका चेहरा हर रात करीब सात से आठ घंटे दबा रहने के कारण त्वचा पर भी दबाव पड़ता है। यह आपके फेस को फ्लैट बनाता है। इससे त्वचा पर झुर्रियां (Wrinkles) भी पड़ सकती हैं। इन सबसे बचने के लिए इस पुजिशन में सोने से परहेज करना चाहिए।
डॉक्टर्स के अनुसार, हर दिन सात से नौ घंटे सोना हमारे शरीर की थकावट दूर करने और मस्तिष्क के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। इसलिए, अच्छी नींद के साथ-साथ सोने की स्थिति में सुधार कर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
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बेली स्लीपिंग पुजिशन : फ्रीफाल
लगभग 7% लोग फ्रीफाल स्लीपिंग पुजिशन में सोते हैं। जिसमें आप पेट के बल सोने के साथ ही अपने हाथ को तकिए के आसपास फैला कर रखते हैं। इससे आपके चेहरे पर सिर का पूरा भार पड़ता है, जिससे आपके चेहरे की त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन कुछ रिसर्च का मानना है कि फ्रीफाल स्लीपिंग पुजिशन में सोने वाले लोग बहुत बेबाक किस्म के होते हैं। इसके अलावा वह काफी सामाजिक व्यक्तित्व के होते हैं।
स्पूनिंग स्लीपिंग पुजिशन
स्पून स्लीपिंग पुजिशन एक लव पुजिशन है। इसमें आप अपने पार्टनर को पकड़ कर सोते हैं। हालांकि इस स्लीपिंग पुजिशन में सोने से आपकी नींद कई बार खुल सकती है। लेकिन आपके सेहत के लिए ये एक अच्छी पुजिशन है। इस पुजिशन में सोने से आपके शरीर में ऑक्सीटोसीन हॉर्मोन स्रावित होता है। जो आपके स्ट्रेस को कम करता है और पार्टनर के साथ प्यार को बढ़ाता है। साथ ही आपको जल्दी नींद आने में भी मदद करता है।
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अच्छी नींद के लिए टिप्स (Tips for sound sleep)
- सुबह-सुबह वर्कआउट करने से आपको एनर्जेटिक महसूस होगा और दिन भर खुद को तरोताजा रखने में मदद मिलेगी
- अपने सोने के समय को तय कर लें। कम से कम आठ से नौ घंटे की नींद लें। आप कोशिश करें कि रात में लगभग 10 बजे तक बिस्तर पर सोने चले जाएं। वहीं, सुबह 6 बजे उठने की कोशिश करें। इससे आपकी स्लीपिंग साइकिल नियंत्रित रहेगी।
- आप अपने रात के भोजन और सोने में लगभग डेढ़ से दो घंटे का अंतर रखें। साथ ही रात में हैवी डिनर करने से बचें। हो सके तो कुछ हल्का खाएं, जैसे- सलाद, स्प्राउट आदि।
- बिस्तर पर जाने के बाद टीवी या मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
- बड़ों को लगभग सात से आठ घंटे सोना चाहिए।
- दोपहर में दो घंटे से ज्यादा की नींद नहीं लेनी चाहिए।
- रात में अगर आप देर से भी सो रहे हैं तो भी 12 बजे तक सोने की पूरी कोशिश करें। क्योंकि ये आगे चल कर डिप्रेशन का कारण बनता है।
- शाम को पांच बजे के बाद चाय या कॉफी न पिएं करें।चाय या कॉफी में मौजूद कैफीन शरीर को नींद लेने नहीं देता है। जिसके कारण आपको नींद में कमी की शिकायत हो सकती है।
- यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के रिसर्च में पाया गया है कि सोने से लगभग एक या दो घंटे पहले गरम पानी से नहाने के कारण आपके शरीर का तापमान (Body temperature) नियंत्रित रहता है, जिससे आपको हेल्दी स्लीप आती है। वहीं, नेशनल स्लीप फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक सोने से पहले नहाने से आपकी त्वचा हेल्दी रहती है। अगर सोने से पहले आप अपनी त्वचा को साफ नहीं करते हैं तो वो लंबे समय तक बैक्टीरिया से संक्रमित रहती है। जिसके कारण इंफेक्शन, जलन और खुजली हो सकती है।
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सही स्लीपिंग पुजिशन और पूरी नींद न लेने से जिंदगी पर इसका सीधा असर पड़ता है। इसलिए हेल्दी लाइफ के लिए सही समय पर बेड पर जाएं और सुबह पूरी ताजगी के साथ उठें। क्योंकि आपको अभी बहुत कुछ करना है और पूरा दिन सिर्फ आपका है।
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