backup og meta

नींद की दिक्कत के लिए ले रहे हैं स्लीपिंग पिल्स तो जरूर पढ़ें 10 सेफ्टी टिप्स

नींद की दिक्कत के लिए ले रहे हैं स्लीपिंग पिल्स तो जरूर पढ़ें 10 सेफ्टी टिप्स 

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for disease control and prevention) ने नींद न आने की बीमारी को पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम कहा है। जो कि एक गंभीर समस्या है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इंसोम्निया (Insomnia) जैसे स्लीप डिसऑर्डर (Sleep disorder) से ग्रस्त हैं। क्रोनिक इंसोम्निया के उपचार के लिए कुछ लोग कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT-I) का सहारा लेते हैं, तो कुछ स्लीपिंग पिल्स का। ये दवाएं भी कुछ लोगों के लिए अनिद्रा से राहत दिलाने में मददगार होती हैं। ऐसे में नींद के विकारों के इलाज के लिए ली जाने वाली स्लीपिंग पिल्स को सुरक्षित रूप से लेने के लिए कुछ टिप्स फॉलो करने चाहिए।

स्लीपिंग पिल्स (Sleeping pills) लेने से पहले ध्यान रखें

नींद की गोली लेने से पहले कुछ बातें ध्यान देंजैसे-

  1.  स्लीपिंग पिल्स (नींद की गोलियां) लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।  डॉक्टर यह भी पूछें कि नींद की इन दवाओं को कितनी मात्रा में और कितने दिनों तक लेना है। 
  2. जब भी डॉक्टर आपको दवा दे रहे हों, सुनिश्चित करें कि उन्हें आपकी सारी मेडिकल कंडिशंस के बारे में पता हो। साथ ही अगर आप अन्य दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह भी डॉक्टर को बताएं। खासतौर पर अगर उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) या लिवर की समस्या है, तो अपने चिकित्सक को जरूर बताएं।
  3. दवा के पैकेज पर लिखी सावधानियों को ध्यान से पढ़ें।
  4. डॉक्टर द्वारा दिए गए प्रिस्क्रिप्शन का पालन करें। डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक से अधिक स्लीपिंग पिल्स को न लें।
  5. खुराक में अपनी सहूलियत के अनुसार किसी प्रकार का बदलाव ना करें। अगर आपको डॉसेज को लेकर किसी प्रकार का कोई भी डाउट है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
  6. अगर घर में किसी सदस्य को या किसी परिचित को नींद ना की समस्या है और वे भी स्लीपिंग पिल्स का यूज कर रहे हैं, तो आपको भी इनसे फायदा हो सकता है ऐसा सोचकर उनकी दवाओं का सेवन ना करें। ना ही अपनी दवाओं को किसी स्लीपिंग डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति के साथ शेयर करें। याद रखें डॉक्टर सभी की अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों के हिसाब से दवा रिकमंड करते हैं।
  7. स्लीपिंग पिल्स लेने के दौरान कैफीन (caffeine) और एल्कोहॉल के सेवन से बचना चाहिए। इसके लिए चाय और कॉफी इन्टेक को सीमित कर देना चाहिए।

     8. नींद की टैबलेट्स तभी लें जब आपके पास भरपूर नींद लेने के लिए समय हो। ज्यादातर स्लीपिंग पिल्स को खाने से अगले दिन भी सुस्ती महसूस होती है क्योंकि नींद की ये गोलियां शरीर में काफी देर तक अपना असर रखती है।

      9. स्लीपिंग पिल्स की पहली खुराक ऐसे समय रात में लें जिसमें अगली सुबह कहीं जाना भी न पड़े।

      10.स्लीपिंग पिल्स लेने के बाद कभी भी वाहन न चलाएं।

      11. यदि नींद की दवा लेते समय आपको कोई समस्या हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से संपर्क करें।

     12. जब आप स्लीपिंग पिल्स लेते हैं तो आपको स्लीप वॉकिंग या स्लीप ड्राइविंग जैसे जटिल स्लीप बिहेवियर भी हो सकता है। इसलिए स्लीपिंग पिल्स  के जोखिमों के बारे में डॉक्टर से बात करें।

13. नींद की गोली का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना कभी ना करें।

और पढ़ें : पार्टनर को डिप्रेशन से निकालने के लिए जरूरी है पहले अवसाद के लक्षणों को समझना

स्लीपिंग पिल्स कैसे काम करती हैं? (Sleeping pills functions)

नींद की गोलियां दो तरह की होती हैं एक दिमाग में नींद को प्रमोट करने वाले रिसेप्टर को टारगेट करके नींद लाने में मदद करती हैं लेकिन, इसकी आपको लत लग जाती है। जबकि न्यू जेनरेशन स्लीपिंग पिल्स पहले वाली की तुलना में ज्यादा असरदार होती हैं। हालांकि, इनके दुष्प्रभाव भी होते हैं।

और पढ़ें : नींद न आने की समस्या से हैं परेशान तो आजमाएं ये 6 नींद के उपाय

अचानक से न बंद करें स्लीपिंग पिल्स

अचानक से नींद की गोलियां लेना बंद करना नुकसानदायक हो सकता है। इससे इंसोम्निया की समस्या वापस लौटकर आ सकती है। इसकी खुराक बंद करने से पहले धीरे-धीरे कम की जाती है। 

और पढ़ें : नींद में खर्राटे आते हैं, मुझे क्या करना चाहिए?

स्लीपिंग पिल्स के दुष्प्रभाव (Sleeping pills side effects)

डॉक्टर कभी भी नींद न आने की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को स्लीपिंग पिल्स (नींद की टैबलेट) को जल्दी इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहते हैं। स्लीपिंग पिल्स  के साइड इफेक्ट्स की वजह से डॉक्टर जल्दी किसी को जल्दी ये टेबलेट्स प्रिस्क्राइब नहीं करते हैं। इन स्लीपिंग पिल्स को प्रयोग करने से होने वाले साइड इफेक्ट्स-

  • हर दिन स्लीपिंग पिल्स  के 35 मिल‌ीग्राम की स्टैंडर्ड डोज लेने से हार्ट अटैक का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ जाता है। वहीं अगर साल भर में किसी व्यक्ति ने अगर 60 स्लीपिंग टैबलेट्स ली हैं तो यह रिस्क 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इसकी वजह इन नींद की दवाओं में पाया जाने वाला तत्व जोपिडेम होता है।
  • एक स्टडी के अनुसार यह बात भी सामने आई है कि जो लोग नियमित रूप से स्लीपिंग पिल्स  पर निर्भर रहते हैं, उन्‍हें कैंसर का भी खतरा ज्यादा रहता है।
  • स्लीपिंग पिल्स स्नायु तंत्र को भी शिथिल कर देती हैं। इसीलिए ज्यादा समय तक इन नींद की टेबलेट्स का सेवन स्नायु तंत्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।
  • प्रति दिन स्लीपिंग टेबलेट्स (sleeping tablets) लेने की वजह से रक्त नलिकाओं में थक्के बन जाते हैं। इससे मेमोरी (याददाश्त) भी कमजोर होने लगती है। साथ ही बेचैनी की समस्या भी जन्म ले लेती है।
  • अगर आप ज्यादा स्लीपिंग पिल्स  का उपयोग करते हैं तो आपका बॉडी बैलेंस बिगड़ जाता है। ऐसे में गाड़ी चलाना या कोई मशीनरी काम करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
  • यदि किसी को पहले से ही स्लीप एप्निया की प्रॉब्लम है तो नींद की टेबलेट्स इसे और भी खराब कर देती हैं। यह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को सोते समय सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • अगर आप ज्यादा दिनों तक स्लीपिंग पिल्स लेते हैं तो इन दवाओं की आदत आपको पड़ जाएगी। इन पिल्स के बिना आपको नींद भी नहीं आएगी। परेशानी इस बात है कि इन स्लीपिंग पिल्स को अचानक से छोड़ा भी नहीं जा सकता है क्योंकि इससे आपको और भी समस्याएं हो सकती हैं जैसे उल्टी, मिचली और बेचैनी आदि।

और पढ़ें – अच्छी नींद के लिए सोने से पहले बंद करें इलेक्ट्रॉनिक्स

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

लखनऊ के न्यूरोलॉजिस्ट ए.के. पांडेय बताते हैं “स्लीपिंग पिल्स के सेवन से एसिटिलकोलाइन (Acetylcholine) नामक केमिकल ब्लॉक हो जाता है। एसिटिलकोलाइन का स्तर कम होने से डिमेंशिया (dementia) सहित अन्य मस्तिष्क की बीमारियां भी हो सकती हैं। ऐसा इनके लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण होता है। नींद की दवाइयों का सेवन करना एक सीमा तक ही सही होता है। नींद की गोलियों का नियमित सेवन ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज (heart diseases) के लिए खतरा बन सकता है।”

इंसोम्निया (insomnia) या नींद-विकार से निजात पाने के लिए अगर इन स्लीपिंग पिल्स  के साथ-साथ उचित खान-पान व लाइफस्टाइल पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या के लक्षण जल्दी कम किए जा सकते हैं। स्लीपिंग पिल्स की बजाय पहले उपचार के तौर पर मेडिटेशन और योगा को ट्राय किया जाए तो यह भी लाभकारी हो सकता है।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और स्लीपिंग पिल्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

[embed-health-tool-bmi]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

How You Can Safely Use Sleeping Pills for Insomnia/ https://health.clevelandclinic.org/how-you-can-safely-use-sleeping-pills-for-insomnia/Accessed/13/November/2019

Ten Safety Tips for Taking Sleeping Pills for Insomnia/https://sleepeducation.org/ten-safety-tips-taking-sleeping-pills-insomnia/Accessed/13/November/2019

Understanding the Side Effects of Sleeping Pills/https://www.webmd.com/sleep-disorders/understanding-the-side-effects-of-sleeping-pills#1/Accessed/13/November/2019

Sleeping Pills and Natural Sleep Aids/https://www.helpguide.org/articles/sleep/sleeping-pills-and-natural-sleep-aids.htm/ Accessed/13/November/2019

Prescription sleeping pills: What’s right for you?/ https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/insomnia/in-depth/sleeping-pills/art-20043959/Accessed/13/November/2019

Current Version

15/07/2021

Shikha Patel द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Manjari Khare


संबंधित पोस्ट

बच्चे को चैन की नींद सुलाने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स

भागदौड़ भरी जिंदगी ने उड़ा दी रातों की नींद? जानें इंसोम्निया का आसान इलाज


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement