मौसम, आहार और दिन के समय में बदलाव हमारे शरीर में भी परिवर्तन ला सकते हैं। हमारा शरीर हर परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होता है और हमारी प्रकृति के हिसाब से व्यवहार करता है। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर पांच तत्वों और तीन दोषों से बना है। यह तीन दोष हैं – वात, पित्त और कफ। हमारे शरीर में जब यह तीनों तत्व संतुलित रहते हैं , तो सब कुछ ठीक रहता है और हम स्वस्थ व अच्छा महसूस करते हैं। लेकिन जब इन तीनों में से एक भी तत्व का संतुलन बिगड़ जाता है, तो हम बीमार महसूस करते हैं। आज हम जानेंगे वात दोष के बारे में। इसके साथ ही जानिए वात डायट प्लान और वात में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
क्या है वात दोष?
वात डायट प्लान को जानने से पहले हमारे लिए वात दोष के बारे में विस्तार से जानना अवश्यक है। वात, पित्त और कफ- यह तीनों दोष मनुष्य की प्रकृति पर निर्भर करते हैं। सर्दियों का मौसम वात दोष को प्रभावित और असंतुलित कर सकता है। इसलिए, इस मौसम में वात को संतुलित रखना महत्वपूर्ण है। वात आयुर्वेद में तीन गठनों में से एक है। यह दोष वायु तत्व से जुड़ा होता है और इसके असंतुलन से सर्दी-जुकाम, रूखी त्वचा, बेचैनी, दुबला-पतला शरीर जैसे समस्याएं हो सकती हैं।
वात असंतुलन के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- बेचैनी
- चिंता
- थकान
- सिर चकराना
- नींद न आना
वात दोष को संतुलित करने के उपाय
तेल या गर्म चीज़ों का प्रयोग
गर्म तेलों जैसे तिल, अखरोट या बादाम को चुनें और इनसे अपने शरीर पर तेल को रगड़ कर मालिश करने से वात दोष दूर करने में मदद मिलती है।
नमकीन और गर्म खाना
नमकीन और गर्म खाना भी वात का संतुलन बनाये रखने में मददगार है। वात डायट प्लान बनाना भी अवश्यक है। अगर आप को वात के लक्षण दिखाई दें, तो आप अपने आहार में वात को शांत करने वाले आयुर्वेदिक व्यंजनों को शामिल कर सकते हैं। इसे संतुलित करने में मदद करने के लिए गर्म और पका हुआ भोजन अपने आहार मे शामिल करें। खट्टे और मीठे खाद्य पदार्थ भी इसमें उपयोगी हैं। वात के लिए रोजाना सुबह उठ कर एक चम्मच बटर पीनट खाने से भी वात को संतुलित करने में मदद मिलती है।
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आराम करें
खुद को थोड़ा समय दें और आराम करें। इसके साथ ही ध्यान व योग करें, स्नान करें या आराम से म्यूजिक सुनें। अर्थात, वो सब करें जिनसे आपको शांति मिलती है।
जड़ी बूटियां और मसाले खाएं
दालचीनी, जायफल, दालचीनी, सरसों, अदरक या त्रिफला जैसे मसलों का सेवन करें। अपने वात डायट प्लान में इन्हें भी अवश्य शामिल करें।
आयुर्वेद के मुताबिक अपनी प्रकृति (दोष) को समझने के लिए देखिये यह वीडियो:
वात दोष के लिए स्वाद
आयुर्वेद के अनुसार 6 स्वाद होते हैं मीठा, नमकीन, खट्टा, कसैला, तीखा और कड़वा। हर स्वाद की अपनी विशेषता होती है और यह स्वाद हर दोष को अलग तरह से प्रभावित करता है। मीठा, नमकीन और खट्टा स्वाद वात के लिए अच्छा है। अन्य तीन स्वाद वात के लिए ठीक नहीं हैं क्योंकि इनसे वात बढ़ सकती है। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको इन चीज़ों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। लेकिन, इनका सेवन कम मात्रा में करना ही लाभदायक है। अगर आपको लगता है कि आपका वात दोष असंतुलित है, तो कसैले, तीखे और कड़वे स्वाद की चीज़ों का सेवन कम करें। ऐसे में मीठे, नमकीन और खट्टे स्वाद वाली चीज़ों का सेवन अधिक करें। अपने वात डायट प्लान मे इस बात का ख्याल रखना भी बेहद अवश्यक है।
वात दोष के लिए क्या खाएं
वात दोष को संतुलित करने के लिए आप निम्नलिखित चीज़ों को अपने आहार में शामिल करें:
अनाज
वात दोष मे चावल,गेहूं, ओट्स आदि सभी को पका कर इनका सेवन करना चाहिए।
सब्जियां
साग, गाजर, मटर, हरी बीन्स, तोरी, लौकी, शकरकंदी आदि का पका कर सेवन करना चाहिए।
फल
अनानास, पपीता, पल्म, अंगूर, केले, संतरे, चेरी, एवकाडो, बेरीज, नींबू, नारियल, किशमिश (भिगोई गयी) आदि को अपने वात डायट प्लान मे शामिल करें।
दालें
मूंग, उड़द की दाल, मूंग की दाल, मसूर की दाल, तुअर की दाल आदि को नरम होने तक पका कर खाएं।
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दूध और दूध से बनी चीज़ें
दूध, क्रीम, मक्खन, ताज़ा दही, लस्सी, पनीर आदि को अपने वात डायट प्लान का हिस्सा बनाए।
तेल
घी, ओलिव आयल, तिल का तेल, अखरोट का तेल भी वात को संतुलित रखने मे असरदार हैं।
हर्ब्स
ताज़ी अदरक की जड़ , कड़ी पत्ता, तुलसी, ताजा सौंफ, पुदीना आदि का सेवन करें।
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मेवे और बीज
बादाम( भिगोये हुए), काजू, अखरोट, पिस्ता, पाइन नट्स, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज आदि खाएं।
मसाले
अजवाइन, सूखा अदरक, हींग, मेथी, हल्दी, जीरा, लौंग, इलाइची, धनिया, सौंफ, काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी, जायफल, सरसों के बीज, पुदीना, सेंधा नमक या समुद्री नमक, काला नमक, सूखे आम का पाउडर, अनार के बीज या पाउडर को भी अपने वात डाइट चार्ट का हिस्सा बनाएं।
वात दोष से छुटकारा पाने के लिए डायट प्लान
वात डायट प्लान का चार्ट इस प्रकार हैं
सुबह उठकर सबसे पहले एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीएं। ऐसा करना हर स्थिति में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
नाश्ता (08:30-09:00 AM) :
नाश्ते में आप गर्म कॉर्नफ़्लेक्स, दलिया, पोहा आदि खा सकते हैं। इन्हें आप दूध में ड़ाल कर पका कर खा सकते है। इसमें आप तिल के बीज, बादाम और शहद आदि को डालना भी एक विकल्प है।
इन बातों का ध्यान रखे :
- खाना अच्छे से पका हुआ और गर्म हो।
- इसके साथ ही गर्म मसाले जैसे दालचीनी, इलाइची , लौंग और अदरक वाली डिश को भी अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं।
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दिन का भोजन(12:30-01:30 PM )
वात डायट प्लान मे दिन को भोजन को लेते हुये भी खास ख्याल रखें। दिन का भोजन दिन का सबसे मुख्य आहार होता है। इसमें आप रोटी, दाल, उबली या पकी हुई सब्जियां और सलाद को शामिल कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो चावल, राइस पास्ता, पनीर आदि भी इसमें खा सकते हैं।
शाम का स्नैक (03:30-04:00 PM)
शाम के स्नैक में आप बिस्कुट, फ्रेश जूस या सूप आदि पी सकते हैं।
रात्रि का भोजन ( 08:00-08:30PM)
आपका रात का भोजन कम और हल्का होना चाहिए। इसके लिए आप इसमें सूप शामिल कर सकते हैं । इसके साथ ही दाल, हरी सब्जी, एक या दो रोटी और पनीर भी खा सकते हैं।
सोने से पहले (10:00 pm)
वात डायट प्लान में गर्म दूध को अवश्य शामिल करें। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना न भूलें।
अब आप पूरी तरह से जान चुके हैं कि वात दोष को आप कैसे संतुलित कर सकते हैं। इस दोष के दौरान आपको जो आहार लेना है, उसके अनुसार आप ऊपर दिए वात डायट प्लान में बदलाव कर सकते हैं। ऐसे अन्य व्यंजनों को शामिल कर सकते हैं जो वात दूर करने मे सहयोगी हैं। इससे न केवल आपका यह दोष दूर होगा, आपको पूरा पोषण मिलेगा बल्कि इसके साथ ही आपका दिमाग शांत, शरीर ऊर्जावान भी बनेगा।
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